नोएडा: आज यानी 28 फरवरी को अमित शाह (Amit Shah Rally UP) ने कुशीनगर में रैली की। उन्होंने दावा किया कि अब तक हुई वोटिंग में भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janata Party) ने बहुमत के बराबर सीटें प्राप्त कर ली हैं। उन्होंने कहा कि यूपी चुनाव (UP Chunav) के छठे और सातवें फेज में जनता 300 पार वाली सरकार के लिए वोट करेंगे। अब आप कल यानी 27 फरवरी को मनोज तिवारी ने क्या कहा ये बताते हैं। मनोज तिवारी (Manoj Tiwary) भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं। भोजपुरी के जबर्दस्त एक्टर और सिंगर भी। इसलिए पूर्वांचल में उन्हें पार्टी ने उतारा है। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Assembly Election) में कुशीनगर समेत पूर्वांचल की 111 सीटों के लिए अब वोटिंग बाकी है। मनोज तिवारी ने कहा..”पश्चिम में शुरू में उनकी बढ़त थी। लेकिन जैसे ही एक दंगाई को टिकट दिया, पूरा पश्चिम यही बोला कि अब इज्जत बचानी है। आपको बता दूं पश्चिम में भी भारतीय जनता पार्टी उनसे 10 सीट आगे है।” हालांकि तिवारी ने दावा किया कि अंतिम चुनाव परिणाम में भाजपा 325 भी टच कर सकती है।
जब मनोज तिवारी मिर्जापुर में पश्चिमी यूपी के फाइट का जिक्र कर रहे थे उसी समय 118 किलोमीटर दूर भाजपा उम्मीदवार एक वोटर की तेल मालिश कर रहे थे। ये रॉबर्ट्सगंज से भाजपा उम्मीदवार भूपेश चौबे (Bhupesh Chaube Robertsganj) हैं। पहले भी गलती के लिए माफी मांगकर मंच पर उठक बैठक कर चुके हैं। हो सकता है एक तिहाई मौजूदा विधायकों के टिकट काटने की तैयारी के समय लिस्ट में होंगे लेकिन स्वामी प्रसाद मौर्य, दारा सिंह चौहान और धर्म सिंह सैनी के एग्जिट ने राहत दे दी हो। गांवों में उम्मीदवारों को खदेड़ने की घटनाएं भी पूर्वांचल में खूब हुई हैं। किसके ज्यादा खदेड़े गए। इसकी गिनती नहीं की है। लेकिन नेताजी के भाषणों और उम्मीदवारों के करतब से साफ है कि सात राउंड के बाउट में पांच राउंड खेले जाने के बाद मुकाबला कितना कड़ा है।
उधर चिलमजीवी वाले बयान पर बुरी तरह घिरे अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने नया शिगूफा छोड़ दिया। वो दावा कर रहे हैं कि उन्होंने योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के घर से अधी रात को धुआं उठते देखा है। वो 12 बजे उठने के योगी के तंज का जवाब दे रहे थे। समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के नेता ने बताया कि 10 मार्च के बाद योगी भाप बन कर उड़ जाएंगे। अखिलेश गर्मी निकालने वाले योगी के बयान को आगे बढ़ा रहे थे। असलियत तो अखिलेश को भी पता है। करहल (Karhal Vidhan Sabha Seat) में जिस तरह मुलायम सिंह यादव ने अपने टीपू को जिताने की अपील की, उसी से साफ हो गया कि कहीं भी मुकाबला इकतरफा नहीं लग रहा। जो पार्टी दूसरे चरण के बाद सौ और चौथे चरण के बाद 200 सीटें जीत लेने का दावा कर रही है उसके उम्मीदवार वोटर की तेल मालिश करते दिखाई दें तो मतलब समझ लीजिए। इस लिहाज से बची हुई 111 सीटों पर जोर लगाना लाजिमी है।
कट्टे, छर्रे और गुल्लू – सांड
मेरी राय में 300 नहीं बल्कि 202 के लिए सारी कवायद चल रही है। यही जादुई संख्या है। अंतिम दो बाउट में प्रतिद्वंद्वी किसी तरह आगे निकलने की कोशिश कर रहे हैं। मेडिकल कॉलेज, दूसरे नंबर की इकॉनमी, एक्सप्रेस वे जैसे विकास के मुद्दों के साथ पाकिस्तान को भी भाजपा ने मुद्दा बना दिया है। लड़ाई बालाकोट के सर्जिकल स्ट्राइक से लड़ी जा रही है। खुद पीएम मोदी ने बस्ती रैली में इसका जिक्र करते हुए कहा.. देश को चुनौती देने वालों को उनके घर में घुसकर मारा। यह दिन जब भी याद आता है सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है। भारत का यह पराक्रम दिल्ली और उत्तर प्रदेश में बैठे घोर परिवारवादियों को पसंद नहीं आता है।
वहीं 2017 में शानदार जीत की स्क्रिप्ट लिखने वाले अमित शाह दावा करते हैं कि अखिलेश बाबू की सरकार में कट्टे और छर्रे बनते थे, हमारी सरकार में पाकिस्तान पर वार करने वाले गोले बनते हैं। इसी तरह कोरोना कुप्रबंधन, बेरोजगारी जैसे अखिलेश के मुद्दे भी पीछे रह गए हैं। अब वो फ्री बिजली, समाजवादी पेंशन योजना और 22 लाख रोजगार के बदले योगी के पालतू गुल्लू का जिक्र कर रहे हैं। सपा नेता ने एक रैली में कहा.. पहले और दूसरे चरण के मतदान के बाद बीजेपी नेताओं ने हार मान ली। सपा पहले और दूसरे चरण के मतदान में सेंचुरी मार चुकी है। जब तीसरे और चौथे चरण की वोटिंग हो गई तो अखिलेश ने भी डबल सेंचुरी का दावा कर दिया। वो कहते हैं.. सातवें चरण तक बीजेपी के बूथों पर भूत नाचेंगे। उधर उनकी पत्नी डिंपल यादव योगी के वस्त्र को जंग वाला कलर बता रही हैं।
याद कीजिए जब चुनाव का शोर शुरू हुआ था तब राम मंदिर एक बड़ा मुद्दा बना। आज सांड और गुल्लू के चक्कर में ये मुद्दा भी गौण है। विश्वास न हो तो भाषणों को स्कैन कर गिनती कर सकते हैं। अब ज्यादा फोकस ये जताने पर है कि पांच फेज में जहां वोट पड़ गए हैं वहां कौन आगे है। अंतिम फेज की वोटिंग तक एग्जिट पोल पर चुनाव आयोग ने रोक लगा रखा है। नेताओं पर कोई प्रतिबंध नहीं है। इसलिए, भाजपा दावा कर रही है कि उसे बहुमत मिल चुका है। मकसद है बचे हुए दो फेज के मतदाताओं के दिमाग पर चोट करना। यहां फ्लोटर वोटर हारती दिख रही पार्टी को वोट नहीं करता। इस मनोविज्ञान को साधने में लगी है भाजपा। उधर अखिलेश यादव ने योगी आदित्यनाथ के गोरखपुर से चुनाव लड़ने को ही अंतिम दे फेज का हथियार बना लिया है। गोरखपुर के पिपराइच विधानसभा क्षेत्र में उन्होंने कहा.. बाबा मुख्यमंत्री जी ने जो गोरखधंधा चला रखा था, इस बार गोरखपुर के लोग ही उनके गोरखधंधे को बंद करने का काम करेंगे।
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