जालौन: यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद वहां पर रहकर अपनी पढ़ाई कर रहे छात्रों को अब डर सताने लगा है। छात्रों का परिवार भी दहशत में है। देश के कई राज्यों के साथ यूपी के जालौन जिले के तीन छात्र यूक्रेन में फंसे हुए हैं। मौजूदा हालातों को लेकर वह काफी घबराएं हुए हैं और परिवार भी काफी चिंतित है। छात्रों के परिजनों ने जिला प्रशासन से अपने बच्चों के सकुशल वतन वापसी की गुहार लगाई है।
रूस और यूक्रेन हमले को लेकर माहौल काफी तनावपूर्ण हो गया है। भारत सरकार ने रूस से शांति वार्ता की बात कही है और कहा है कि लड़ाई कोई समाधान नहीं। वहीं, भारत ने यूक्रेन एम्बेसी को भी दिशा-निर्देश दे दिए हैं।
पिता बोले- तीन बेटियां हैं, एक यूक्रेन में कर रही मेडिकल की पढ़ाई
जालौन कस्बे के रहने वाले शैलेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि उनकी तीन बेटियां हैं, जिसमें से आकृति को मेडिकल की पढ़ाई के लिए यूक्रेन भेजा था, लेकिन जब से दोनों देशों के बीच में तनातनी और हमले की खबरें आ रही हैं, वो हर पल अपनी बेटी को देखने के लिए बेचैन हो रहे हैं। इस समय आकृति यूक्रेन के कीव शहर के बोगोमोलेट्स नेशनल मेडिकल कॉलेज में थर्ड ईयर की स्टूडेंट है, लेकिन हमले की डरावनी तस्वीरें देखकर उनके परिवार में दहशत का माहौल है, जिसको लेकर उन्होंने डीएम जालौन को पत्र लिखते हुए भारत सरकार से बेटी को सकुशल वापस लाने की मांग की है।
ऑटो एजेंसी संचालक का बेटा भी कर रहा मेडिकल की पढ़ाई
आकृति ही नहीं जालौन कस्बे के रहने वाले राम कुमार गुप्ता का बेटा विकास गुप्ता भी यूक्रेन से अपनी मेडिकल की पढ़ाई कर रहा है। फिलहाल वह थर्ड ईयर का छात्र हैं। विकास के पिता रामकुमार ने बताया कि वहां के हालात अच्छे नहीं हैं। हम चाहते हैं कि हमारा बेटा सही सलामत अपने वतन वापस लौट आए और भारत सरकार से भी मैं यहीं गुजारिश करना चाहता हूं कि वहां पर जितने भी भारतीय छात्र फसे हुए हैं, उन तक तुरंत मदद पहुंचाई जाए। वहीं, छाया यादव पुत्री चरण सिंह भी वहां से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही हैं। उनके भी परिवार के लोग काफी दहशत में हैं और भारत सरकार के फैसले का इंतजार कर रहे हैं।
वीडियो कॉलिंग दे रहीं परिवार को दिलासा
यूक्रेन के अलग-अलग शहरों और यूनिवर्सिटीज से जालौन के छात्र अपनी मेडिकल की पढ़ाई कर रहे थे, लेकिन किसे पता था कि हालात इतने गंभीर हो जाएंगे। वहीं, ऐसे हालातों के बीच परिवार के लोग एक-दूसरे के चेहरों को वीडियो कॉल के सहारे देखकर घंटे काट रहे हैं। छात्रों का कहना है कि हम यहां पढ़ाई करने आए थे, लेकिन हालात युद्ध जैसे होंगे, इसकी कभी कल्पना नहीं की थी, लेकिन भारत सरकार व एम्बेसी संपर्क में है, जो भी रास्ता होगा, उसका इंतजार करेंगे।
वहीं, डीएम जालौन प्रियंका निरजंन ने छात्रों के परिवारों को मदद का भरोसा दिलाते हुए कहा है कि सरकार को मैसेज कर दिया गया है और वहां से जो भी फीडबैक आएगा उसका पालन किया जाएगा।
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