अनुराग पाण्डेय, गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले का बीआरडी मेडिकल कॉलेज एक बार फिर सुर्खियों में है। बीआरडी में सात साल पहले 334 बच्चों की मौत हुई थी। जिसका जिम्मेदार मेसर्स पुष्पा सेल्स कंपनी के मालिक मनीष भंडारी को मानते हुए उन पर 304ए का मुकदमा शुक्रवार को गोरखपुर के गुलरिहा थाने में दर्ज हुआ है।
योगी आदित्यनाथ की सरकार में मेडिकल कॉलेज में हुए ऑक्सीजन कांड से बच्चों की मौत के मामले में मनीष भंडारी जेल जा चुके हैं। अब सपा सरकार के समय यानी वर्ष 2013-14 के मामले में एक और मुकदमा उन पर दर्ज हुआ है। सपा सरकार में भी मनीष भंडारी की कंपनी मेसर्स पुष्पा सेल्स मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की सप्लाई करती थी। आरोप है कि टेंडर की शर्तों के अनुसार, कंपनी ने निर्धारित अवधि में लिक्विड ऑक्सीजन गैस पाइप लाइन व टैंक स्थापित नहीं किया। इससे नवंबर 2013 से लेकर 17 दिसंबर 2014 तक लापरवाही पूर्वक धीमी गति से ऑक्सीजन की सप्लाई हुई, जिससे बच्चों की मौत हुई।
पुलिस को दी तहरीर में मेसर्स पुष्पा सेल्स के मालिक मनीष भंडारी को इंसेफेलाइटिस और एक्यूट सिंड्रोम से पीड़ित 334 बच्चों की मौत का जिम्मेदार माना गया है। आरोप है कि नवंबर 2013 से दिसबंर 2014 तक जब धीमी गति से ऑक्सीजन मिल रही थी, जिसकी वजह से इस दौरान 334 बच्चों की मौत हुई।
शासन के निर्देश पर प्रधानाचार्य ने दी तहरीर
उत्तर प्रदेश शासन और सचिव चिकित्सा शिक्षा विभाग की ओर से 17 जनवरी 2022 के पत्र के अनुपालन में बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. गणेश कुमार ने गुलरिहा पुलिस को तहरीर दी। इसके बाद गुलरिहा पुलिस ने लखनऊ के आशियाना कॉलोनी निवासी पुष्पा सेल्स के मालिक मनीष भंडारी पर धारा 304ए यानी लापरवाही से मौत के आरोप में केस दर्ज किया है। इस मामले में गुलरिहा इंस्पेक्टर अमित कुमार दुबे ने बताया कि प्रधानाचार्य की तहरीर पर फर्म के मालिक पर केस दर्ज कर जांच की जा रही है।
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