ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
सौरभ मलिक
चंडीगढ़, 17 फरवरी
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह की फरलो पर हरियाणा सरकार द्वारा रिहाई को चुनौती देने वाली एक याचिका पर शुक्रवार को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में सुनवाई होगी।
अन्य बातों के अलावा, उच्च न्यायालय के समक्ष यह तर्क दिया गया है कि राम रहीम को पंजाब में आसन्न विधानसभा चुनाव के मद्देनजर रिहा कर दिया गया है।
“इस स्तर पर उनकी रिहाई निष्पक्ष विधानसभा चुनाव की भावना के खिलाफ है,” यह जोड़ा गया है।
याचिका को हाईकोर्ट के जस्टिस बीएस वालिया की बेंच के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है। हरियाणा राज्य और अन्य प्रतिवादियों के खिलाफ अपनी याचिका में, पटियाला जिले के निवासी परमजीत सिंह सहोली ने कहा है कि राम रहीम, जिन्होंने “जघन्य अपराध किया है और दोषी ठहराया गया है” को फरलो नहीं दिया जाना चाहिए था।
“राम रहीम जैसे व्यक्ति को और वह भी पंजाब राज्य में चुनाव के दिनों में फरलो देने का कोई उचित कारण नहीं है। इस बात की पूरी संभावना है कि राम रहीम पंजाब राज्य में मुद्दों / समस्याओं को भड़काएगा और अपने समर्थकों के साथ इसकी स्थानीय आबादी पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा।
याचिकाकर्ता ने खुद को “अकाली दल सावंतर का कौमी अध्यक्ष” बताते हुए उस आदेश को रद्द करने / रद्द करने की मांग की है, जिसके तहत रोहतक की सुनारिया जेल में बंद राम रहीम को हरियाणा सरकार द्वारा फरलो पर रिहा करने का आदेश दिया गया है। , “खासकर जब पंजाब में विधानसभा चुनाव 20 फरवरी को होने वाले हैं”। उन्होंने कहा है कि फरलो का आदेश “अनुचित, अवैध, कानून की नजर में अस्थिर है, इसलिए इसे रद्द किया जाना चाहिए”।
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