मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल पर ‘‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़‘‘ के नारे के साथ राज्य में विकास के नए आयाम गढ़े गए है। अर्थव्यवस्था की बेहतरी के लिए पिछले तीन वर्षों में दूरस्थ क्षेत्रांें के विकास के साथ ही उद्योगों को भी एक मजबूत आधार दिया गया है। इसी कड़ी में प्रदेश सरकार द्वारा नवीन औद्योगिक नीति (2019-2024) की घोषणा के बाद से छत्तीसगढ़ में उद्योग, व्यापार और कारोबार के लिए एक अनुकूल वातावरण तैयार हुआ है। सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं जैसे सुराजी गांव योजना के अंतर्गत नरवा, गरवा, घुरवा व बाड़ी कार्यक्रम एवं राजीव गांधी किसान न्याय योजना ने आम लोगों की आमदनी में बढ़ोतरी के साथ ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान की है। इन योजनाओं से मिली राशि से कोरोना संकट के बावजूद भी बाजार में रौनक बनी रही। औद्योगिक उत्पादों की भी खपत बढ़ी। रोजगार में भी वृद्धि हुई।
कोरोना के चलते मंद पड़ी अर्थव्यस्था भी पटरी पर बनी रही। परिवहन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2021 में दीपावली के दौरान 2 से 6 नवम्बर के बीच 13 हजार 706 वाहनों की खरीदी हुई, जबकि वर्ष 2020 में दीपावली के दौरान 12 से 16 नवम्बर के दौरान 11 हजार 697 वाहनों की खरीदी हुई थी। दीपावली के दौरान पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष खरीदे गए वाहनों के पंजीयन में 17.17 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की घोषणा के अनुरूप औद्योगिक क्षेत्रों में भूमि आबंटन नियमों का सरलीकरण किया गया। जिसके अनुसार औद्योगिक क्षेत्रों में भूमि आबंटन भू-प्रब्याजी में 30 प्रतिशत, औद्योगिक क्षेत्रों में भू-भाटक में 33 प्रतिशत और औद्योगिक क्षेत्रों से बाहर 10 एकड़ तक आबंटित भूमि को लीज़ होल्ड से फ्री होल्ड किए जाने हेतु नियम तैयार कर अधिसूचना जारी की गई। जिसके फलस्वरूप छत्तीसगढ़ में तीन वर्षों में 1 हजार 715 नए उद्योग स्थापित हुए हैं। जिसमें 19 हजार 500 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश हुआ तथा 33 हजार लोगों को रोजगार मिला है। औद्योगिक नीति 2019-2024 में फूड, एथेनॉल, इलेक्ट्रॉनिक्स, डिफेंस, दवा, सोलर जैसे नए उद्योगों को प्राथमिकता दी गई है। इसके अलावा एम.एस.एम.ई. सेवा श्रेणी उद्यमों में इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन, सेवा केन्द्र, बी.पी.ओ., 3-डी प्रिंटिंग, बीज ग्रेडिंग इत्यादि 16 सेवाओं को सामान्य श्रेणी के उद्योगों की भांति औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन दिए जाने का प्रावधान किया गया है। विकासखण्डों में फूडपार्क की स्थापना के लिए 110 विकासखण्डों में भूमि का चिन्हांकन किया गया है। औद्योगिक नीति में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, महिलाओं, कृषि उत्पादक समूहों, तृतीय लिंग के लोगों के लिए विशेष प्रावधान किया गया हैं। राज्य सरकार ने ओबीसी प्रवर्ग हेतु 10 प्रतिशत भू-खण्ड आरक्षित किए जाने का फैसला लिया है, जो कि भू-प्रीमियम दर के 10 प्रतिशत दर तथा 1 प्रतिशत भू-भाटक पर उपलब्ध कराए जाएंगे।
छत्तीसगढ़ सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति, योजनाओं के बेहतर क्रियान्यवन के बदौलत ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के मापदण्डों में छत्तीसगढ़ देश के प्रथम 6 राज्यों में अपना स्थान बनाए हुए हैं। उद्योग और व्यापार की सुगमता के लिए उद्योग विभाग द्वारा एकल खिड़की प्रणाली के तहत 56 सेवाएं ऑनलाइन दी जा रही हैं। ई-डिस्ट्रिक्ट के अंतर्गत 82 सेवाएं ऑनलाइन की गई हैं, जिसमें दुकान पंजीयन से लेकर कारोबार के लायसेंस तक शामिल हैं। छोटे व्यापारियों को राहत मिले इसके लिए गुमाश्ता एक्ट के अंतर्गत हर साल नवीनीकरण की अनिवार्यता को समाप्त किया गया है। छोटे भू-खण्डों की खरीदी और बिक्री पर रोक हटाने से 2 लाख 87 हजार भू-खण्डों के सौदे हुए है। इससे राजस्व में वृद्धि होने के साथ ही क्रेता-विक्रेता के अलावा उस भू-खण्ड को विकसित करने वाले कई लोगों को लाभ मिल रहा है। महिलाओं के पक्ष में पंजीयन कराने पर स्टाम्प शुल्क में छूट दी गई है। जिससे 50 हजार 280 पंजीयन पर 37 करोड़ रुपए से अधिक की छूट का लाभ महिलाओं को मिला है।
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