लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election) में क्या समीकरण बदलने का प्रयास किया जा रहा है? मुस्लिम वोट बैंक (Muslim Vote Bank) को पूरी तरह से अपना मानकर चलने वालों को क्या इस बार झटका लगने वाला है? क्या भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janta Party) अपनी हिंदुत्ववादी राजनीतिक दल की छवि को बदल रही है? ये तीन सवाल आज यूपी के राजनीतिक मैदान में खूब उठ रहे हैं। यूपी चुनाव में जो दो चेहरे दिख रहे हैं, दोनों ने इन सवालों को हवा दी है। यूपी चुनाव के लिए भाजपा के चुनावी घोषणापत्र (BJP Election Manifesto) में जिस प्रकार से तमाम नेताओं को हटाकर इस बार केवल पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) को जगह दी गई, इसके बाद से इन दोनों की प्रत्येक गतिविधि पर हर किसी की नजर है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूपी में पहले चरण की वोटिंग के दरम्यान सहारनपुर में एक चुनावी रैली को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने अपने भाषण में मुस्लिम महिलाओं का जिक्र किया। यह जिक्र उस समय किया गया, जब दक्षिण के भाजपा शासित राज्य कर्नाटक में हिंदू और मुस्लिम युवा आमने-सामने हैं। बुर्का और हिजाब विवाद जोरों पर है। पीएम मोदी ने अप्रत्यक्ष रूप से सहारनपुर की रैली में कर्नाटक हिजाब विवाद (Karnataka Hijab Row) को यूपी चुनाव से जोड़ दिया। इसके पीछे उनका तर्क मुस्लिम महिलाओं की ओर से मिलने वाली तारीफ का रहा। दरअसल, पीएम मोदी ने कहा कि मेरी तारीफ में मुस्लिम बहनों के बयान को देखकर इन ठेकेदारों को लगा कि इन बेटियों को रोकना होगा।
मोदी के समर्थन में आए थे महिलाओं के बयान
विभिन्न मीडिया हाउस और सोशल मीडिया पर इन दिनों यूपी चुनाव को लेकर तरह-तरह के वीडियो सामने आ रहे हैं। इसमें ऐसे भी वीडियो सामने आए हैं, जिसमें मुस्लिम महिलाएं, लड़कियां केंद्र सरकार और पीएम नरेंद्र मोदी की नीतियों की तारीफ करती नजर आती हैं। इसी प्रकार के बयानों के आधार पर पीएम मोदी ने हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि ये ठेकेदार मुस्लिम बहन-बेटियों का हक रोकने और उनकी आकांक्षाओं को रोकने के लिए नए-नए तरीके खोज रहे हैं। वो लोग मुस्लिम बहनों को बरगला रहे हैं, ताकि मुस्लिम बेटियों का जीवन हमेशा पीछे ही रहे। हमारी सरकार, हर मजलूम, हर पीड़ित मुस्लिम महिला के साथ खड़ी है। कोई मुस्लिम महिलाओं पर जुल्म न कर सके, योगी सरकार इसके लिए जरूरी है।
यूपी चुनाव में मुद्दा बन रही मुस्लिम महिलाएं
यूपी चुनाव में मुस्लिम महिलाएं मुद्दा बन रही हैं। मोदी सरकार के कार्यकाल में तीन तलाक कानून को समाप्त कराया गया। यूपी में इस तीन तलाक के कारण मुस्लिम महिलाओं को अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाने में भी डरना पड़ता था। कानून लागू होने के बाद उनके पास एक हथियार मिल गया है, जिसकी तारीफ वे करती दिखती हैं। इसके अलावा योगी सरकार ने प्रदेश में आवास योजनाओं से लेकर उज्ज्वला योजना के लाभ से उन्हें जोड़ा। इसी को आधार बनाते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने एक बड़े वोट बैंक को साधने की कोशिश की है। परोक्ष रूप से कर्नाटक के मामले को उठाने के पीछे का कारण यूपी चुनाव को बता दिया गया है।
योगी ने भी दिया था पिछले दिनों संकेत
योगी आदित्यनाथ को कट्टर हिंदुत्व का ब्रांड एंबेस्डर माना जाता है। भगवा पहनते हैं और मुख्यमंत्री बनने के बाद भी योगी वेशभूषा में रहते हैं। लेकिन, पिछले दिनों वे आगरा में एक मुस्लिम बहुल इलाके में पहुंच कर पीएम नरेंद्र मोदी के वर्चुअल रैली में भाग लिया था। इस दौरान वे एक बच्चे को लेकर काफी देर तक उसके साथ खेलते रहे थे। योगी के मुस्लिम महिलाओं के बीच इस प्रकार पहुंचने को राजनीतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण माना गया। इसका असर भी पड़ने की संभावना जताई जा रही है। ऐसे में भाजपा के दोनों बड़े नेता यूपी के चुनावी मैदान में मुस्लिम वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश करते साफ तौर पर दिख रहे हैं।
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