नागरिकता संशोधन बिल पर राज्यसभा में बहस से पहले बुधवार को संसद में भाजपा संसदीय दल की बैठक हुई। इसमें नागरिकता बिल पर चर्चा हुई। बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी बताया, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह बिल धर्म के नाम पर पीड़ित लोगों के लिए स्वर्ण अक्षरों में दर्ज होगा। विपक्षी दल इसके विरोध में पाकिस्तान जैसी भाषा बोल रहे हैं। मोदी ने बिल को ऐतिहासिक बताया है।” सरकार को उम्मीद है कि यह बिल उच्चसदन से भी पारित हो जाएगा।
इसके अलावा प्रधानमंत्री ने सांसदों से कहा है कि वे अपने-अपने संसदीय क्षेत्र के किसानों और कारोबारियों से सुझाव लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को दें।’’
राहुल ने ट्वीट में बिल पर विरोध जताया
राहुल गांधी ने लिखा, ‘‘यह बिल सरकार का पूर्वोत्तर के लोगों, उनके जीने के तरीके और भारत के विचार पर आपराधिक हमला है।’’ वहीं, लोकसभा में नागरिकता बिल का समर्थन कर चुकी शिवसेना ने राज्यसभा में इस पर अपना रुख साफ नहीं किया है। शिवसेना प्रमुख और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा था कि जब तक सभी शंकाएं दूर नहीं हो जाती हैं। हम बिल के समर्थन में नहीं हैं।
विपक्षी दल नागरिकता बिल का विरोध कर रहे
कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दल नागरिकता बिल का विरोध कर रहे हैं। इनमें राकांपा, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक भी शामिल हैं। विधेयक में तीन पड़ोसी देशों अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के गैर मुस्लिमों शरणार्थियों को नागरिकता देने का प्रावधान है। दूसरी ओर, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने बिल की निंदा की थी। उन्होंने कहा था कि इससे भारत-पाकिस्तान के बीच समझौते का उल्लंघन होगा।
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