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आगरा दीवानी चौराहे पर अधिवक्ता महान मुद्गल पर तमंचा तानकर धमकी देने का आरोप पुलिस के अनुसार सही नहीं निकला। इस पर पकड़े गए युवक को छोड़ दिया गया। वहीं उसके खिलाफ हत्या के संबंध में भी साक्ष्य नहीं मिले हैं। पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि तमंचा कहां से आया, इस मामले में मुकदमा भी दर्ज करने की तैयारी है।
दो नवंबर 2021 को राम बहादुर मुद्गल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। घटना को दुकानों के विवाद में अंजाम दिया गया। इस मामले में चार आरोपी जेल में हैं। 11 के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कराया गया। पुलिस अन्य आरोपियों की भूमिका की जांच कर रही है।
मृतक के बेटे अधिवक्ता महान मुद्गल गुरुवार को दीवानी जा रहे थे। उनका आरोप था कि दीवानी चौराहे पर विजय नगर कॉलोनी निवासी सुमित पालीवाल ने रोक लिया। वह उनके पिता की हत्या के केस में आरेापी है। उसने उन्हें धमकी दी। इसके बाद तमंचा तान दिया। गनर ने उसे पकड़ लिया। उसे थाना शाहगंज पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस को तमंचा भी सौंपा गया था। अधिवक्ता ने थाने में तहरीर दी थी।
गनर ने पहले नहीं देखा था तमंचा
एसपी सिटी विकास कुमार का कहना है कि तमंचा तानने का आरोप सही नहीं पाया गया। महान मुद्गल को गनर मिला हुआ है। उसके बयान दर्ज किए गए थे। उसने बताया कि अधिवक्ता और उसके साथियों ने सुमित को पकड़ा। उसे गाड़ी में बैठाया। इसके बाद दीवानी चौकी पर लेकर गए। उसने तब तक सुमित के पास तमंचा नहीं देखा था। बाद में पुलिस के सुपुर्द करने पर तमंचा आ गया। प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आने के बाद सुमित को छोड़ दिया गया है। अब इस बात की जांच चल रही है कि तमंचा कहां से आया, मामले में मुकदमा दर्ज किया जाएगा। जो भी तमंचा लेकर आया होगा, उसे आरोपी बनाया जाएगा। वहीं हत्या के मामले में भी सुमित की मौजूदगी के साक्ष्य नहीं मिले हैं।
हत्या के मुकदमे में भी गिरफ्तार नहीं कर रही पुलिस
उधर, अधिवक्ता महान मुद्गल का कहना है कि सुमित पालीवाल को छोड़ दिया गया है। उनकी तहरीर पर मुकदमा दर्ज नहीं किया गया, जबकि उनकी जान को खतरा है। हत्या के मामले में भी सुमित आरोपी है। इसके बावजूद उसकी गिरफ्तारी नहीं की गई। वह अब अपने वरिष्ठ अधिवक्ताओं के साथ पुलिस की लापरवाही की अधिकारियों से शिकायत को लेकर आगे की रणनीति बना रहे हैं।
आगरा दीवानी चौराहे पर अधिवक्ता महान मुद्गल पर तमंचा तानकर धमकी देने का आरोप पुलिस के अनुसार सही नहीं निकला। इस पर पकड़े गए युवक को छोड़ दिया गया। वहीं उसके खिलाफ हत्या के संबंध में भी साक्ष्य नहीं मिले हैं। पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि तमंचा कहां से आया, इस मामले में मुकदमा भी दर्ज करने की तैयारी है।
दो नवंबर 2021 को राम बहादुर मुद्गल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। घटना को दुकानों के विवाद में अंजाम दिया गया। इस मामले में चार आरोपी जेल में हैं। 11 के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कराया गया। पुलिस अन्य आरोपियों की भूमिका की जांच कर रही है।
मृतक के बेटे अधिवक्ता महान मुद्गल गुरुवार को दीवानी जा रहे थे। उनका आरोप था कि दीवानी चौराहे पर विजय नगर कॉलोनी निवासी सुमित पालीवाल ने रोक लिया। वह उनके पिता की हत्या के केस में आरेापी है। उसने उन्हें धमकी दी। इसके बाद तमंचा तान दिया। गनर ने उसे पकड़ लिया। उसे थाना शाहगंज पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस को तमंचा भी सौंपा गया था। अधिवक्ता ने थाने में तहरीर दी थी।
एसपी सिटी विकास कुमार का कहना है कि तमंचा तानने का आरोप सही नहीं पाया गया। महान मुद्गल को गनर मिला हुआ है। उसके बयान दर्ज किए गए थे। उसने बताया कि अधिवक्ता और उसके साथियों ने सुमित को पकड़ा। उसे गाड़ी में बैठाया। इसके बाद दीवानी चौकी पर लेकर गए। उसने तब तक सुमित के पास तमंचा नहीं देखा था। बाद में पुलिस के सुपुर्द करने पर तमंचा आ गया। प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आने के बाद सुमित को छोड़ दिया गया है। अब इस बात की जांच चल रही है कि तमंचा कहां से आया, मामले में मुकदमा दर्ज किया जाएगा। जो भी तमंचा लेकर आया होगा, उसे आरोपी बनाया जाएगा। वहीं हत्या के मामले में भी सुमित की मौजूदगी के साक्ष्य नहीं मिले हैं।
उधर, अधिवक्ता महान मुद्गल का कहना है कि सुमित पालीवाल को छोड़ दिया गया है। उनकी तहरीर पर मुकदमा दर्ज नहीं किया गया, जबकि उनकी जान को खतरा है। हत्या के मामले में भी सुमित आरोपी है। इसके बावजूद उसकी गिरफ्तारी नहीं की गई। वह अब अपने वरिष्ठ अधिवक्ताओं के साथ पुलिस की लापरवाही की अधिकारियों से शिकायत को लेकर आगे की रणनीति बना रहे हैं।
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