देश के जवानों को अब मिलेगी सच्ची श्रद्धांजलि, अमर जवान ज्योति की लौ का नेशनल वॉर मेमोरियल में विलय – Lok Shakti

Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

देश के जवानों को अब मिलेगी सच्ची श्रद्धांजलि, अमर जवान ज्योति की लौ का नेशनल वॉर मेमोरियल में विलय

देश के बलिदान होने वाले जवानों को अब सच्ची श्रद्धांजलि मिल सकेगी। दिल्‍ली में इंडिया गेट पर बने अमर जवान ज्योति की लौ का राष्ट्रीय युद्ध स्मारक यानी राष्ट्रीय समर स्मारक (National War Memorial) में विलय कर दिया जाएगा। सेना के अधिकारियों के अनुसार अमर जवान ज्योति का शुक्रवार 21 जनवरी, 2022 को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर जल रही लौ में विलय किया जाएगा, जो इंडिया गेट के दूसरी तरफ केवल 400 मीटर की दूरी पर स्थित है। अमर जवान ज्योति की स्थापना 1971 के भारत-पाक युद्ध में शहीद हुए

भारतीय सैनिकों की याद में की गई थी। इसके बाद देश के लिए शहीद हुए सभी जवानों को श्रद्धांजलि देने क लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 25 फरवरी, 2019 को National War Memorial का उद्घाटन किया था। यहां 25,942 सैनिकों के नाम अंकित किए गए हैं। राष्ट्रीय समर स्मारक के उद्घाटन के बाद सभी सैन्य औपचारिक इवेंट को इंडिया गेट स्मारक से यहां शिफ्ट कर दिया गया था। नेशनल वॉर मेमोरियल देश का एकमात्र स्मारक है, जहां तीनों सेना के शहीद जवानों के नाम अंकित हैं।

नेशनल वॉर मेमोरियल में चार चक्र हैं। सबसे अंदर के अमर चक्र में 15.5 मीटर ऊंचा स्मारक स्तंभ है जिसमें अमर ज्योति जल रही है। यह ज्योति शहीद सैनिकों की आत्मा की अमरता का प्रतीक है। यह लौ दुनिया को याद दिलाता है कि भारत अपने जवानों के बलिदान को अपनी स्मृति से कभी मिटा नहीं सकता। अमर जवान ज्योति पर शहीदों के नाम नहीं हैं। जबकि राष्ट्रीय समर स्मारक पर अब तक के सभी शहीदों के नाम अंकित हैं। इनमें 1971 युद्ध में शहीद जवानों के नाम भी शामिल हैं।

इस तरह से नेशनल वॉर मेमोरियल की लौ देश के लिए बलिदान होने वाले सभी जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करता है। जबकि इंडिया गेट को अंग्रेजों ने आजादी से पहले 1931 में बनवाया था। यहां ब्रिटिश सेना में भर्ती होकर प्रथम विश्वयुद्ध और अफगान युद्धों में शहीद होने वाले सैनिकों के नाम अंकित हैं। इंडिया गेट के पास ही 40 एकड़ में फैला राष्ट्रीय युद्ध स्मारक परिसर 1962 में भारत-चीन के बीच हुए युद्ध के साथ भारत-पाक के बीच हुए 1947, 1965, 1971 और 1999 कारगिल युद्धों दौरान शहीद जवानों को समर्पित है।

इसके साथ ही इसमें श्रीलंका में भारतीय शांति सेना के संचालन के दौरान और संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन के दौरान शहीद हुए जवानों के नाम भी अंकित है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि वर्ष 1971 तक देश में किसी अमर जवान ज्योति और 2019 तक किसी नेशनल वॉर मेमोरियल की स्थापना नहीं की गई थी। प्रधानमंत्री मोदी ने सत्ता में आने के बाद देश के शहीद जवानों को सच्ची श्रद्धांजलि देते हुए 2019 में नेशनल वॉर मेमोरियल का उद्घाटन किया।