मोदी सरकार ने छह साल पहले 2016 में स्टार्टअप इंडिया को लॉन्च किया था। इसके बाद मोदी सरकार ने स्टार्टअप्स के विकास के लिए बेहतर माहौल दिया, जिसका नतीजा है कि स्टार्टअप्स के क्षेत्र में क्रांति हुई है। देश में यूनिकॉर्न बनने वाले स्टार्टअप्स की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। युवाओं के अपने कारोबार को लेकर बढ़ते रुझान और मोदी सरकार के द्वारा नए कारोबारियों को प्रोत्साहित करने की वजह से देश का स्टार्टअप इकॉसिस्टम मजबूत हुआ है।
2014 से पहले देश के केवल चार स्टार्टअप ही यूनिकॉर्न क्लब में थे। वहीं 2021 में भारत में एक अरब डॉलर से अधिक मूल्यांकन वाले 46 स्टार्टअप्स यूनिकॉर्न का दर्जा पाने में सफल रहे। इसके साथ ही भारत में मौजूद कुल यूनिकॉर्न की संख्या दोगुनी से भी ज्यादा होकर 90 हो गई। यूनिकॉर्न के मामले में आज भारत, अमेरिका (487) और चीन (301) के बाद दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश बन गया है। इसके अलावा स्टार्टअप की संख्या जहां पांच साल पहले 500 से कम थी,
वहीं आज भारत 61,669 स्टार्टअप की संख्या के साथ दुनिया का तीसरा बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम वाला देश बन गया है। देश के 625 जिलों में कम से कम एक स्टार्टअप है और आधे से अधिक स्टार्टअप दूसरी और तीसरी श्रेणी के शहरों में हैं। भारत में स्टार्टअप सेक्टर को काफी समर्थन मिल रहा है। निवेशक भी इसमें काफी रुचि दिखा रहे हैं। इसकी वजह से स्टार्टअप इकाइयों में सालाना निवेश 11 अरब डॉलर से बढ़कर 36 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। 2010 से 2014 के दौरान स्टार्टअप्स में सिर्फ 3.2 अरब डॉलर का निवेश हुआ था।
वहीं 2014 से 4 दिसंबर, 2021 तक इनमें कुल निवेश 38.4 बिलियन डॉलर हुआ। अब कई बड़े स्टार्टअप अपने आईपीओ लॉन्च कर रहे हैं और मार्केट से पैसे जुटाए हैं। इससे उम्मीद है कि 2022 में करीब 50 स्टार्टअप यूनीकॉर्न बन सकते हैं। गौरतलब है कि भारत के स्टार्टअप 55 अलग-अलग उद्योगों के साथ काम कर रहे हैं। हजारों करोड़ रुपये के ये स्टार्टअप आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी भारत की पहचान बन गए हैं। जहां यूनिकॉर्न और स्टार्टअप से देश के आर्थिक विकास को गति मिली हैं,
वहीं बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर सृजित हुए हैं। स्टार्टअप्स ने 5 लाख से अधिक रोजगार पैदा किए हैं। आज कहा जा रहा है कि जितने ज्यादा स्टार्टअप होंगे उतना ही ज्यादा रोजगार होगा। आज युवा स्टार्टअप्स की दुनिया में भारत का झंडा बुलंद कर रहे हैं। इस क्षेत्र में भविष्य की संभावनाएं अपार हैं, क्योंकि डिजिटल इंडिया जैसी पहल के तहत गांवों में भी इन्टरनेट की सुविधाएं मिल रही हैं। इससे स्टार्टअप्स को भी गांवों की ओर बढ़ने का मौका मिलेगा और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
More Stories
महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री कौन होगा? ये है शिव सेना नेता ने कहा |
186 साल पुराना राष्ट्रपति भवन आगंतुकों के लिए खुलेगा
संभल जामा मस्जिद सर्वेक्षण: यूपी के संभल में जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान भारी तूफान…संभल, पत्थर बाजी, तूफान गैस छोड़ी