संदीप तिवारी, लखनऊ
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियां जातिगत समीकरण जुटाने में लगी हैं। ऐसे में मंगलवार को यूपी सरकार के विधि एवं न्याय मंत्री बृजेश पाठक (Brajesh Pathak) ने दो बड़े मुस्लिम समाज के चेहरों से मुलाकात की है। अब इस मुलकात को सीधा चुनाव से ही जोड़ा जा रहा है। दरअसल, लखनऊ में अल्पसंख्यक समाज का एक बड़ा तबका रहता है, जिसको साधने के लिए हर दल प्रयास में जुट गए हैं। बृजेश पाठक ने मंगलवार को शिया धर्मगुरु मौलाना यासूब अब्बास (Maulana Yasoob Abbas) और मौलाना कल्बे जवाद () से मुलाकात की है।
मुस्लिम समाज पर सभी की निगाहें
बृजेश पाठक ने ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड () के जनरल सेक्रेटरी एवं शिया मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना यासूब अब्बास से उनके आवास पर मुलाक़ात की है। वहीं, मौलाना कल्बे जवाद से उनके आवास पर मुलाकात की। बृजेश पाठक ने इस मुलाकात को शिष्टाचार भेंट बताया, लेकिन कहीं न कहीं इस मुलाकात के राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं। माना जा रहा है कि 2022 में समाजवादी पार्टी, कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी, एआईएमआईएम समेत कई राजनीतिक पार्टियों के निगाह मुस्लिम वोटों पर है।
यूपी में 20 फीसदी है मुस्लिम वोट बैंक
यूपी में करीब 20 फीसदी हैं। इस हालात में मुसलमानों का रोल सबसे अहम हो जाता है, क्योंकि यूपी के हर जिलों में मुस्लिम तबका सक्रिय है। 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में बड़ी संख्या में एएमयू के छात्र रहे नेता अलग-अलग पार्टियों के टिकट पर मैदान में थे। रामपुर से आजम खान, उतरौला से अब्दुल मन्नान, इटावा से अरशद खुर्शीद, बहराइच सदर से यासर शाह, लखनऊ पश्चिम से रेहान नईम, गोपालपुर से नफीस अहमद समेत कई चेहरे चुनावी मैदान में थे।
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