लखनऊ
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Election Schedule) 2022 की तारीख का ऐलान हो चुका है। यूपी में 10 फरवरी से सात चरण में चुनाव होंगे। वहीं यूपी चुनाव का रिजल्ट (Up election result date) 10 मार्च को घोषित होगा। इसी के साथ चुनाव आयोग के कोविड प्रतिबंध (UP Election and covid) ने सियासी दलों के पांव बांध दिए हैं। फिलहाल 15 जनवरी तक चुनाव प्रचार केवल वर्चुअल होगा, यह फैसला भाजपा और सपा के लिए उतना बड़ा नहीं लग रहा पर बाकी के लिए दिक्कत भरा है।
वजह यह है कि बीजेपी (Bjp) के बड़े नेताओं ने लगभग हर विधानसभा क्षेत्र घूम लिया है तो सपा मुखिया भी एक तिहाई जिलों तक पहुंच चुके हैं। वहीं, बसपा प्रमुख मायावती रैलियों से दूर रही हैं तो कांग्रेस ने भी कुछ सीमित जगहों तक ही संपर्क साधा है। यही हाल छोटे दलों का भी है। फिलहाल रैलियों, यात्राओं के जरिए हर विधानसभा तक पहुंचने में भाजपा सबसे आगे दिख रही है तो सपा उससे पीछे दिखाई दे रही है।
पीएम मोदी कर चुके 17 दौरे, योगी हर जिले में पहुंचे
सालभर चुनावी तैयारी में जुटी रहने का दावा करने वाली बीजेपी जमीनी तैयारी में तो फिलहाल सबसे आगे दिख रही है। भाजपा के लिए खुद पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra modi) यूपी में 17 दौरे कर चुके हैं तो सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi adityanath) खुद हर जिले में जा चुके हैं। इनके अलावा केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह 12 बार तो भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा 13 बार यूपी का दौरा कर कार्यक्रमों, रैलियों को संबोधित कर चुके हैं।
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प्रधानमंत्री ने यूपी में 14 जुलाई को वाराणसी से इन कार्यक्रमों की शुरुआत की थी और अब तक वह अलीगढ़, लखनऊ, कुशीनगर, वाराणसी, सिद्धार्थनगर, झांसी, सुलतानपुर, ग्रेटर नोएडा, गोरखपुर, बलरामपुर, शाहजहांपुर, प्रयागराज, कानपुर और मेरठ में जनता को संबोधित कर चुके हैं। वहीं, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पिछले साल 22 जनवरी को लखनऊ से बूथ अध्यक्षों के सम्मेलन से अपने चुनावी अभियान को शुरू किया था। तब से अब तक वह वाराणसी, आगरा, गोरखपुर, मेरठ, एटा, अंबेडकरनगर, बदायूं, बस्ती में जनता तक पहुंच चुके हैं।
गृहमंत्री अमित शाह भी पिछले साल अगस्त से अभियान की शुरुआत कर अब तक वाराणसी, आजमगढ़, बस्ती, जालौन, कासगंज, सुलतानपुर, हरदोई, अयोध्या, बरेली, उन्नाव के लोगों से संपर्क साध चुके हैं।
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हर जिले में 3-4 बार पहुंचे योगी सीएम योगी
सीएम योगी आदित्यनाथ अब तक हर जिले में अब तक तीन से चार बार पहुंच चुके हैं। कोरोना (Corona) की दूसरी लहर का प्रकोप कम होने के बाद पिछले पांच महीने के दौरान सीएम योगी ने हर महीने औसतन 20 जिलों का दौरा किया। दिसंबर के महीने में वह 23 से अधिक जिलों में गए तो नवंबर में 17 जिलों में, अक्टूबर में 13, सितंबर में 32 तो अगस्त में 15 जिलों का दौरा किया।
एक तिहाई जिलों तक पहुंचे अखिलेश
यूपी में विधानसभा चुनाव में की घोषणा के पहले ही इस बार सपा ने चुनावी जमीन बनाने के लिए खूब पसीना बहाया है। सपा मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh yadav) खुद ही सहयोगी दलों की रैलियों व अपनी समाजवादी विजय यात्राओं के जरिए एक-तिहाई से अधिक जिलों तक पहुंच पार्टी का अजेंडा तय कर चुके हैं। मुख्य विपक्षी दल सपा सत्ता में वापसी की जुगत में लगी हुई है, इसलिए चुनाव के छह महीने पहले से ही पार्टी पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं की जमीनी सक्रियता बढ़ गई थी। सपा मुखिया अखिलेश यादव के दौरे शुरू होने से पहले ही सहयोगी दलों व पार्टी के दूसरे मोर्चों के जरिए जिले-जिले माहौल तैयार करने, सरकार की नाकामियों गिनाने की कवायद शुरू हो गई थी।
पार्टी के पिछड़ा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष राजपाल कश्यप ने अलग-अगल जिलों में पिछड़ा वर्ग सम्मेलनों के जरिए गैर यादव ओबीसी की लामबंदी जुटे हैं। सपा के सहयोगी महान दल के मुखिया केशव देव मौर्य और जनवादी पार्टी के अगुआ संजय चौहान ने भी अलग-अलग यात्राएं निकांली। सपा के महासचिव इंद्रजीत सरोज भी इस बीच जनादेश यात्रा पर निकले।
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अखिलेश यादव ने रथ से नापे अहम जिले
अक्टूबर के बाद अखिलेश यादव खुद की चुनावी मंचों पर सक्रिय हुए। अखिलेश जहां मऊ में ओम प्रकाश राजभर (Om prakash rajbhar), अंबेडकरनगर में लालजी वर्मा व रामअचल राजभर की रैलियों में पहुंचे, वहीं मुजफ्फरनगर में कश्यप सम्मेलन और मेरठ में सहयोगी रालोद के साथ रैली का हिस्सा बने।
सपा मुखिया अखिलेश यादव हमीरपुर, जालौन, ललितपुर, बांदा, कन्नौज, कानपुर देहात, कानपुर, उन्नाव, गोरखपुर, कुशीनगर, आजमगढ़, गाजीपुर, जौनपुर, हरदोई, रायबरेली, मैनपुरी, एटा, इटावा आदि जिलों में अपने विजय रथ से पहुंचा। इस दौरान भीड़ जुटा सत्ता के लिए अपनी दावेदारी भी पेश की।
कांग्रेस ने शक्ति संवाद, मैराथन से बनाई पहुंच
पांच राज्यों समेत यूपी चुनाव की अधिसूचना जारी होने के पहले तक कांग्रेस का फोकस संगठन मजबूत करने के साथ ही महिलाओं पर केंद्रित कैंपेन पर रहा है। नए स्तर से संगठन का ढांचा खड़ा करने के साथ उनका प्रशिक्षण हुआ और सदस्यता अभियान चलाया गया। इस बीच कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने प्रतिज्ञा रैलियां और शक्ति संवाद किए। अब तक के कैंपेन में कांग्रेस ने प्रदेश के कमोबेश सभी हिस्सों को छूने का प्रयास किया है।
लखीमपुर कांड (lakhimpur kheri kand) के बाद वाराणसी में प्रियंका की अगुआई में किसानों के समर्थन में रैली हुई। इसके बाद गाोरखपुर, महोबा और मुरादाबाद में कांग्रेस की प्रतिज्ञा रैलियों को प्रियंका ने संबोधित किया। चित्रकूट से प्रियंका ने शक्ति संवाद शुरू किए, जो रायबरेली और फिरोजाबाद में भी हुए। कांग्रेस ने चुनाव का थीम सॉन्ग, ‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’ लॉन्च किया, जिसके प्रसार के लिए मैराथन आयोजित की गईं जो अब तक मेरठ, झांसी, लखनऊ और बरेली में हो चुकी हैं।
हाथरस, उन्नाव, सोनभद्र, आगरा और प्रयागराज में घटी घटनाओं में प्रियंका स्वयं पहुंचीं। महंगाई के मसले पर हर विधान सभा क्षेत्र में कांग्रेस की पदयात्राएं हुईं। अमेठी में राहुल गांधी और प्रियंका ने इस मसले पर पदयात्रा की।
बसपा का यूपी चुनाव में हाल, मायावती रहीं रैलियों से दूर, सतीश संभाले रहे कमान
बीएसपी प्रमुख मायावती (Mayawati) अभी तक रैलियों से दूर ही रही हैं। नौ अक्टूबर को उन्होंने एक बड़ी सभा कांशीराम पुण्यतिथि पर की थी। उसके बाद पार्टी कार्यालय पर ब्राह्मण सम्मेलन किया था। दो बड़े कार्यक्रमों के अलावा वह कोई सभा करने नहीं निकली हैं। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र लगातार कई महीने से सम्मेलन कर रहे हैं। उनके बेटे कपिल मिश्र और पत्नी कल्पना मिश्रा भी कई सम्मेलन कर चुकी हैं।
सतीश चंद्र मिश्र ने अगस्त से ही ब्राह्मण सम्मेलनों की शुरुआत कर दी थी। तीन चरणों में उन्होंने ब्राह्मण सम्मेलन किए। उसके बाद रिजर्व सीटों पर जनसभाएं कीं। इस तरह वह कुल मिलाकर वह 96 सभाएं कर चुके हैं। उनके बेटे कपिल मिश्र ने हरदोई में एक युवा सम्मेलन किया था। लखनऊ में युवाओं की छह बैठकें की हैं। कल्पना मिश्र नौ महिला सम्मेलन कर चुकी हैं। इसके अलावा प्रदेश अध्यक्ष भीम राजभर, भीमराव अंबेडकर, अखिलेश अंबेडकर, नौशाद अली सहित सभी सेक्टर प्रभारी मंडल स्तर पर सभाएं कर चुके हैं।
आम आदमी पार्टी की तैयारी
यूपी विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी आप (Aam aadmi party) अब तक आठ जिलों (लखनऊ, अयोध्या, आगरा, नोएडा, गाजियाबाद, बिजनौर, बस्ती और गोंडा) में तिरंगा यात्रा निकाल चुकी है। चुनावी रैली अभी तक सिर्फ लखनऊ में हुई, जिसमें अरविंद केजरीवाल खुद मौजूद थे।
यूपी चुनाव में निषाद पार्टी
यूपी चुनाव के लिए निषाद पार्टी ने अब तक सिर्फ एक रैली लखनऊ में की है। इसमें केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी मंच साझा किया था।
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सुभासपा की यूपी चुनाव को लेकर तैयारी
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) ने मऊ में बड़ी रैली की थी, जिसमें सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी मौजूद थे। पूर्व सीएम अखिलेश यादव के साथ ओम प्रकाश राजभर ने गाजीपुर से लखनऊ तक यात्रा निकाली थी। अब तक ओम प्रकाश राजभर करीब डेढ़ सौ जनसभाएं कर चुके हैं।
यूपी चुनाव में रालोद
राष्ट्रीय लोकदल पार्टी अध्यक्ष जयंत चौधरी की पश्चिमी यूपी में कई रैलियां और जनसभाएं हो चुकी हैं। रालोक की एक रैली में सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी मौजूद थे।
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