छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग महिलाओं को न्याय मिलने के साथ उनका जीवन भी संवार रहा है। सोमवार को रायपुर के शास्त्री चैक स्थित आयोग कार्यालय में हुई सुनवाई में एक प्रकरण में जहां पति अपनी पत्नी और दो बच्चों को साथ रहने के लिए तैयार हुआ वहीं एक अन्य प्रकरण में पति अपनी पत्नी को 5 हजार रूपए महीना भरण-पोषण देने के लिए राजी हो गया। इसके साथ ही अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक एवं सदस्यगण डॉ अनिता रावटे, श्रीमती अर्चना उपाध्याय की समझाइश पर समाज प्रमुखों ने आवेदिकागणों से सामाजिक दण्ड स्वरूप लिये 30 हजार रूपए वापस किये। जनसुनवाई में 20 प्रकरण रखे गए थे, इनमें 15 पक्षकार उपस्थित हुए तथा 6 प्रकरणों को नस्तीबद्ध किया गया।
आयोग की सुनवाई में एक प्रकरण में आयोग की बात मानते हुए समाज प्रमुखों ने न सिर्फ आवेदिकागणो से सामाजिक दण्ड स्वरूप लिए गए 30 हजार वापस किया बल्कि आश्वासन दिया कि भविष्य में आवेदिका विरूद्ध प्रतिबंधात्मक कार्यवाही नहीं की जाएगी। समाज प्रमुखों ने सार्वजनिक रूप से ग्राम पंचायत के माध्यम से मुनादी कराने की बात कही, जिससे सामाजिक व्यक्ति आवेदिका पक्ष के साथ सामान्य व्यवहार करें। आयोग ने निर्देशित किया कि भविष्य में यदि समाज द्वारा फिर से आवेदिकागण के विरूद्ध प्रतिबंध तब अनावेदकगण के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जा सकता है। इस समझाइश के साथ प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया।
एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने एनटीपीसी सीपत में वर्कमैन के पद पर कार्यरत उसके पति के विरूद्ध शिकायत की है कि पति ने उसे 10 माह से छोड़ दिया है और कोई भरण-पोषण राशि नहीं दे रहा है। पति उनकी 6 साल की बेटी को भी ले गया है। पति ने बच्ची की पढ़ाई भी छुड़ा दिया है और मिलने भी नहीं देते हैं। आयोग की समझाइश पर दूसरी महिला ने भविष्य में पति-पत्नी के बीच न आने की लिखित सहमति दी और पति पत्नी साथ रहने के लिये तैयार हुये। पति-पत्नी 10 बिन्दुओं पर अपनी शर्तें लिखित में आयोग के समक्ष जमा किया है। इस आधार पर प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया। पति-पत्नी को आयोग द्वारा 6 महीने की निगरानी में रखा गया है।
इसी तरह एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने शिकायत की थी कि समाज ने 42 हजार रूपए लेने के बाद भी उनके परिवार का सामाजिक बैठकों में आना प्रतिबंधित कर दिया है। आयोग में समाज प्रमुखों को समझाइश दी जिस पर उन्होंनेे आवेदिका एवं उनके परिवारजनों के विरूद्ध किसी भी तरह का कोई जातिगत प्रतिबंध और सामाजिक प्रतिबंध नहीं रखने की सहमति दी है। प्रकरण को निगरानी में रखते हुये नस्तीबद्ध किया गया है।
More Stories
छत्तीसगढ़ पुलिस महकमे में बड़ा फेरबदल, 20 आरक्षकों का तबादला, जानिए किसे कहां मिली पोस्टिंग
छत्तीसगढ़ में भाजपा संगठन चुनाव की रूपरेखा तय, अगले महीने चुने जाएंगे जिला स्तर पर पदाधिकारी
धान खरीदी पर विपक्ष के हमले पर सीएम साय का आक्रामक रुख, बोले- भ्रम फैलाने वालों पर होगी कार्रवाई