मदुरै, एएनआइ। तमिलनाडु के मदुरै में रहने वाले अब्दुल रज्जाक ने एक ऐसी मशीन का आविष्कार किया है, जिसका उपयोग बोरवेल में गिरने वाले बच्चों को बचाने के लिए किया जा सकता है। इसे लेकर रज्जाक का कहना है, ‘हाल ही में हुई बोरवेल की घटना के बाद, मैंने इस मशीन का आविष्कार करने का फैसला किया। इसमें बच्चे को बोरवेल से लिफ्ट करने के लिए छतरी तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है।’ बता दें कि अभी हाल ही में तिरुचिरापल्ली जिले में एक गहरे बोरवेल में गिरे दो साल के सुजीत विल्सन की मौत हो गई थी।
सुजीत का शव करीब तीन दिन बाद बोरवेल से निकाला गया जो काफी खराब स्थिति में था। इस मामले पर पूरे देश की नजर थी, जिसके दिन रात रेस्क्यू ऑपरेशन किया जा रहा था, लेकिन तमाम मश्क्कत के बाद भी इस बच्चे की जान नहीं बच सकी थी। जहां अब आगे ऐसी घटना को रोका जा सके, इस वजह से मदुरै के अब्दुल रज्जाक ने कदम उठाए हैं।
बता दें कि तमिलनाडु में हुई इस बच्चे की मौत के बाद भी कुछ नहीं सुधरा। जहां इसी महीने एक ऐसा ही केस हरियाणा से सामने आया, जिसमें 50 फीट गहरे बोरवेल में गिरी करनाल के हरिसिंहपुरा गांव की पांच साल की बच्ची शिवानी जिंदगी की जंग हार गई।
बच्ची बोरवेल में कब गिरी यह किसी को पता ही नहीं चला, जहां कई घंटों की तलाश के बाद परिजनों को मालूम हुआ कि बच्ची बोरवेल में गिरी है। ग्रामीणों ने गड्ढे में मोबाइल फोन डालकर वीडियो रिकार्डिंग की। इसके बाद पता चला कि वह नीचे गिरी है। देर रात करीब 9 बजे ग्रामीण सरपंच प्रतिनिधि नरेश कुमार के घर पहुंचकर घटना के बारे में बताया गया। तब जाकर रात में एनडीआरएफ की टीम भी वहां पहुंच गई। करीब 12 घंटे की चले बचाव कार्य के बाद सुबह नौ बजकर पांच मिनट पर उसे निकाल लिया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
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