संदीप तिवारी, लखनऊ
उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (UPSTF) ने मुन्ना बजरंगी गैंग के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है। आरोपी अजीत सिंह और राजीव सिंह झारखंड में हुई भारतीय जनता पार्टी के अनुसूचित जनजाति मोर्चा के जिलाध्यक्ष जीतराम मुंडा की हत्याकांड मामले में फरार चल रहे थे, जिन्हें बुधवार को एसटीएफ ने वाराणसी के कैंट थाना क्षेत्र के मिंट हाउस तिराहा से पकड़ा है। बता दें कि जीतराम मुंडा की बीते 22 सितंबर को ओरमांझी के आर्यन लाइन होटल में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
5 लाख रुपये की मिली थी सुपारी
दरअसल, मुन्ना बजरंगी गैंग के भाड़े के हत्यारे अमन सिंह ने जीतराम मुंडा की हत्या मनोज मुंडा से 5 लाख रुपये की सुपारी लेकर अलीशेर उर्फ बाबू साहब और हेमंत यादव से करवाई थी, जिसके बाद लखनऊ मड़ियांव इलाके में एसटीएफ ने बीती 25 अक्टूबर को मुठभेड़ के दौरान अलीशेर और उसके साथी कामरान को मार गिराया था। एसटीएफ के मुताबिक, आरोपी अजीत सिंह और राजीव सिंह की ओर से मध्यस्थता कर अलीशेर को अपने यहां शरण देते हुए झारखंड पहुंचाने में सहयोग करते थे। आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि मुन्ना बजरंगी से इनका संबंध काफी पुराना था।
होटल में घुसकर मारी थी गोली
22 सितंबर को ओरमांझी ब्लॉक चौक पर भाजपा के पुतला दहन के कार्यक्रम में भाग लेने के बाद जीतराम मुंडा राजकिशोर साहू के आर्यन लाइन होटल चाय पीने के लिए गए थे। इसके बाद शूटर ने होटल में घुसकर भाजपा एसटी मोर्चा के रांची ग्रामीण जिलाध्यक्ष जीतराम मुंडा और ओरमांझी मंडल मंत्री सह होटल आर्यन के संचालक राजकिशोर साहू को गोली मार दी थी। हमले में जीतराम मुंडा की मौत हो गई थी, जबकि राजकिशोर को हाथ में गोली लगी थी, जिससे वे बच गए थे। घटना के बाद शूटर को सड़क के दूसरी ओर बाइक लेकर खड़े दूसरे शख्स ने शूटर को वारदात स्थल से भगाकर ले गया था।
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