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आने वाले 25 सालों में देश की विकास यात्रा की बागडोर आपको ही संभालनी है : प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 28 दिसंबर को आईआईटी कानपुर के 54 वें दीक्षांत समारोह में छात्रों को आत्मनिर्भरता का मंत्र दिया और कहा कि मैं चाहता हूं कि आप भी इसी तरह आत्मनिर्भर भारत के लिए अधीर बनें। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत आज दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्टार्ट अप हब बनकर उभरा है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आपने जब IIT कानपुर में प्रवेश लिया था और अब जब आप यहां से निकल रहे हैं, तब और अब में, आप अपने में बहुत बड़ा परिवर्तन महसूस कर रहे होंगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘मेरी बातों में आपको अधीरता नजर आ रही होगी लेकिन मैं चाहता हूं कि आप भी इसी तरह आत्मनिर्भर भारत के लिए अधीर बनें। आत्मनिर्भर भारत, पूर्ण आजादी का मूल स्वरूप ही है, जहां हम किसी पर भी निर्भर नहीं रहेंगे। आजादी के इस 75वें साल में हमारे पास 75 से अधिक यूनिकॉर्न हैं, 50,000 से अधिक स्टार्ट-अप हैं। इनमें से 10,000 तो केवल पिछले 6 महीनों में आए हैं। आज भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप हब बनकर उभरा है। कितने स्टार्टअप्स तो हमारी आईआईटी के युवाओं ने ही शुरू किए हैं।

उन्होंने कहा, ‘यह गोल्डन इरा है आपके लिए, जैसे ये राष्ट्र के जीवन का अमृतकाल है, वैसे ही ये आपके जीवन का भी अमृतकाल है। अमृत महोत्सव की इस घड़ी में जब आप आईआईटी की Legacy लेकर निकल रहे हैं तो उन सपनों को भी लेकर निकलें, कि 2047 का भारत कैसा होगा। आने वाले 25 सालों में, भारत की विकास यात्रा की बागडोर आपको ही संभालनी है। जब आप अपने जीवन के 50 साल पूरे कर रहे होंगे, उस समय का भारत कैसा होगा, उसके लिए आपको अभी से ही काम करना होगा।

उन्होंने कहा, ‘जो सोच और attitude आज आपका है, वही attitude देश का भी है। पहले अगर सोच काम चलाने की होती थी, तो आज सोच कुछ कर गुजरने की, काम करके नतीजे लाने की है। पहले अगर समस्याओं से पीछा छुड़ाने की कोशिश होती थी, तो आज समस्याओं के समाधान के लिए संकल्प लिए जाते हैं। जब देश की आजादी को 25 साल हुए, तब तक हमें भी अपने पैरों पर खड़ा होने के लिए बहुत कुछ कर लेना चाहिए था। तब से लेकर अब तक बहुत देर हो चुकी है,

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘कौन भारतीय नहीं चाहेगा कि भारत की कंपनियां ग्लोबल बनें, भारत के प्रोडक्ट ग्लोबल बनें। जो आईआईटी को जानता है, यहां के टैलेंट को जानता है, यहां के प्रोफेसर्स की मेहनत को जानता है, वो ये विश्वास करता है ये आईआईटी के नौजवान जरूर करेंगे। आज से शुरू हुई यात्रा में आपको सहूलियत के लिए शॉर्टकट भी बहुत लोग बताएंगे। लेकिन मेरी सलाह यही होगी कि आप कंफर्ट मत चुनना, चैलेंज जरूर चुनना। क्योंकि, आप चाहें या न चाहें, जीवन में चुनौतियाँ आनी ही हैं।