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उन्नाव कानपुर से सटा करीब 32 लाख की आबादी वाला शहर है। 2011 की जनगणना में इस जिले की साक्षरता दल 66 फीसदी से ज्यादा थी। इतिहासकार मानते हैं कि 636 ईस्वी में ह्वेग सांग करीब 3 महीने कन्नौज रहने के बाद उन्नाव भी आया था। 1857 के संग्राम के बाद उन्नाव अंग्रेजों के अधीन चला गया। कभी कोसला और अवध का हिस्सा रहा यह जिला 1869 के बाद अपने मौजूदा स्वरूप में आया।
छह सीटें, सूबे की सियासत में अहम भूमिका
राजनीति की बात करें तो यहां कुल छह विधानसभा सीटें हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव में पांच सीट पर भाजपा और एक सीट पर बसपा को जीत मिली थी। उन्नाव लोकसभा सीट पर 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के साक्षी महाराज जीते थे। जिले की बागरमऊ सीट से जीते कुलदीप सेंगर की वजह से यह जिला मीडिया में लंबे समय तक सुर्खियों में रहा। सेंगर दुष्कर्म मामले में दोषी पाए गए और उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई। उसके बाद हुए उप-चुनाव में भाजपा के श्रीकांत कटियार यहां से जीते।
अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर यहां का सियासी माहौल गर्म होने लगा है। सवाल उठने लगे हैं कि योगी सरकार के कार्यकाल में यहां कितना विकास हुआ? क्या आम लोग सरकार के कामकाज से खुश हैं? युवा, महिलाएं और आम जनता मौजूदा सरकार के बारे में क्या सोचती है? राजनीतिक दलों के नेताओं का क्या मानना है? वे किन मुद्दों को लेकर जनता के बीच जाएंगे? इन सभी सवालों का जवाब जानने के लिए ” का चुनावी रथ ‘सत्ता का संग्राम’ मंगलवार को उन्नाव में होगा।
आप भी के इस मंच से जुड़ सकते हैं। इसके जरिए आप अपने क्षेत्र, शहर, राज्य और देश के हर मुद्दे को उठा पाएंगे। आप बता पाएंगे कि आने वाले चुनाव में नेताओं और राजनीतिक दलों से आपको क्या उम्मीदें हैं? किन मसलों को लेकर आप मतदान करेंगे और नेताओं से आप क्या चाहते हैं?
कब और कहां होंगे कार्यक्रम
1. सुबह 9 बजे
चाय पर चर्चा
स्थान : रेलवे स्टेशन तिराहा
2. सुबह 11 बजे
युवाओं से बात
स्थान : डीएसएन डिग्री कॉलेज
3. दोपहर 1 बजे
आधी आबादी से चर्चा
स्थान : पार्क व्यू पैलेस
4. दोपहर 3 बजे
राजनीतिक दलों से चर्चा
स्थान : निराला पार्क
अब तक 43 जिलों में हो चुका है कार्यक्रम
अब तक पश्चिमी यूपी, ब्रज, अवध, पूर्वांचल और बुंदेलखंड के 43 जिलों में ‘सत्ता का संग्राम’ हो चुका है। 11 नवंबर को गाजियाबाद से चला रथ मुरादाबाद, रामपुर, अमरोहा, बरेली, बदायूं, पीलीभीत, शाहजहांपुर, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, हरदोई, फर्रुखाबाद, कन्नौज, इटावा, मैनपुरी, एटा, फिरोजाबाद, आगरा, मथुरा, हाथरस, अलीगढ़ होते हुए एक दिसंबर को बुलंदशहर पहुंचा था। इसके बाद हमारा चुनावी रथ अवध और फिर पूर्वांचल में दाखिल हुआ। लखनऊ, अयोध्या, गोरखपुर, देवरिया, आजमगढ़, गाजीपुर, जौनपुर, मिर्जापुर, वाराणसी, प्रयागराज, प्रतापगढ़, सुल्तानपुर, अमेठी, रायबरेली होते हुए फतेहपुर पहुंचा। चित्रकूट के रास्ते यह चुनावी रथ बुंदेलखंड में दाखिल हुआ है। बांदा, महोबा, झांसी, हमीरपुर, कानपुर के बाद अगला पड़ाव उन्नाव है।
‘सत्ता का संग्राम’ में क्या होगा खास?
चुनावी रथ ‘सत्ता का संग्राम’ के तहत हर वर्ग के मतदाताओं तक पहुंचेगा। चाय पर चर्चा के साथ-साथ महिलाओं और युवाओं से संवाद होगा। राजनीतिक हस्तियों से सीधे सवाल पूछे जाएंगे। आपको एक मंच दे रहा है, जहां आप अपनी बातों को रख सकेंगे, ताकि जब राजनीतिक हस्तियां चुनावी रैलियां करने आएं तो उन्हें आपसे जुड़े जमीनी मुद्दे भी याद रहें।
विशेष प्रोत्साहन की व्यवस्था
‘सत्ता का संग्राम’ से जुड़े कार्यक्रमों में जमीनी स्तर पर हिस्सा लेने वाले दर्शकों और श्रोताओं के लिए विशेष प्रोत्साहन की व्यवस्था की गई है।
इस विशेष कवरेज को आप कहां देख सकेंगे
अखबार और amarujala.com पर आपको कार्यक्रम स्थल की जानकारी मिलेगी।
‘सत्ता का संग्राम’ से जुड़ी व्यापक जमीनी कवरेज आप अखबार में पढ़ सकेंगे।
amarujala.com पर आप कार्यक्रमों को लाइव देख सकेंगे।
सभी कार्यक्रम डिजिटल के फेसबुक पेज और यू-ट्यूब चैनल पर देखे जा सकेंगे।
इन सभी कार्यक्रमों के जरिए दर्ज होने वाली जनता की आवाज विशेष रूप से के पॉडकास्ट ‘आवाज’ पर भी उपलब्ध रहेगी।
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