सार
आयकर विभाग के अनुसार पश्चिमी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड में 25 हजार करोड़ रुपये का आयकर संग्रह का लक्ष्य था, जिसे अब तक 20 हजार करोड़ रुपये प्राप्त कर लिया गया है।
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कोरोना की पहली और दूसरी लहर के बाद भी आयकर विभाग को रिटर्न भी ज्यादा मिले, वहीं रिटर्न भरने वालों को रिफंड भी खूब मिला। शुक्रवार को आयकर विभाग के उत्तराखंड-पश्चिमी यूपी क्षेत्र के प्रिंसिपल चीफ कमिश्नर शिशिर झा ने आगरा जोन की समीक्षा की और बताया कि उनका क्षेत्र पूरे देश में टैक्स कलेक्शन में सबसे ज्यादा 90 फीसदी की वृद्धि दर के साथ नंबर 1 पर है।
आयकरदाताओं की संख्या बढ़ाने के साथ उनकी सहूलियत के लिए रिफंड भी बेहद तेजी से दिए जा रहे हैं। इस साल अब तक 8 माह में 303 करोड़ रुपये का रिफंड आयकर दाताओं को भेजा जा चुका है, जबकि बीते साल केवल 224 करोड़ रुपये रिफंड किए गए थे।
20 हजार करोड़ टैक्स हुआ जमा
आगरा क्षेत्र के मुख्य आयुक्त जयंत सिन्हा के साथ पश्चिमी उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड के प्रधान मुख्य आयुक्त शिशिर झा ने बताया कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड में 25 हजार करोड़ रुपये का आयकर संग्रह का लक्ष्य था, जिसे अब तक 20 हजार करोड़ रुपये प्राप्त कर लिया गया है। बाकी 3 माह में लक्ष्य पूरा हो जाएगा। 15 दिसंबर तक एडवांस टैक्स जमा होने के आंकड़े आए नहीं है। उम्मीद है, एडवांस टैक्स में बढ़ोतरी रही होगी।
आगरा क्षेत्र का लक्ष्य 1350 करोड़ रुपये था, जो अब तक 680 करोड़ रुपये प्राप्त किया जा चुका है। पर्यटन और जूता निर्यात पर कोरोना के असर के कारण संग्रह 55 फीसदी तक ही हो पाया है। कुछ प्रयास करके लक्ष्य पूरा कर लिया जाएगा। शिशिर झा के मुताबिक मेडिकल क्षेत्र, नर्सिंग होम, ऑन लाइन कंपनियों, ऑटोमोबाइल सेक्टर से अच्छा टैक्स मिला है।
45 हजार नए आयकरदाता जुड़े
आयकर विभाग को इस साल 45 हजार नए आयकरदाता मिले हैं। प्रधान मुख्य आयुक्त शिशिर झा के मुताबिक साल 2019-20 में आगरा क्षेत्र में 11.80 लाख आयकर रिटर्न थे, जो 2020-21 में बढ़कर 13.10 लाख हो गए। 2021-22 में 21 दिसंबर तक 13.55 लाख आयकर रिटर्न दाखिल किए जा चुके हैं और 303 करोड़ रुपये का रिफंड आयकरदाताओं को भेजा जा चुका है।
31 दिसंबर तक दाखिल करें आयकर रिटर्न
नौकरीपेशा और पेंशनरों के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर तक है। कर निर्धारण वर्ष 2021-22 से आयकरदाताओं को रिटर्न भरने में पुरानी और नई व्यवस्था में किसी एक को चुनने का विकल्प दिया जा रहा है।
टैक्स विशेषज्ञ दीपक माहेश्वरी ने बताया कि आय का स्रोत व्यापार है तो एक बार नई कर व्यवस्था अपना ली तो पुरानी व्यवस्था में दोबारा नहीं आ पाएंगे। पुरानी व्यवस्था में धारा 80सी, 80डी आदि समेत कई प्रकार की छूट मिलती है, जिससे कर दायित्व कम हो जाता है।
नई व्यवस्था में कोई टैक्स छूट नहीं मिलेगी, लेकिन इसमें टैक्स दरें कम हैं। रिटर्न में इनमें से किसी एक का चुनाव करना होगा। अगर किसी करदाता का टीडीएस काटा जाता है तो पैन नंबर अवश्य दें।
विस्तार
कोरोना की पहली और दूसरी लहर के बाद भी आयकर विभाग को रिटर्न भी ज्यादा मिले, वहीं रिटर्न भरने वालों को रिफंड भी खूब मिला। शुक्रवार को आयकर विभाग के उत्तराखंड-पश्चिमी यूपी क्षेत्र के प्रिंसिपल चीफ कमिश्नर शिशिर झा ने आगरा जोन की समीक्षा की और बताया कि उनका क्षेत्र पूरे देश में टैक्स कलेक्शन में सबसे ज्यादा 90 फीसदी की वृद्धि दर के साथ नंबर 1 पर है।
आयकरदाताओं की संख्या बढ़ाने के साथ उनकी सहूलियत के लिए रिफंड भी बेहद तेजी से दिए जा रहे हैं। इस साल अब तक 8 माह में 303 करोड़ रुपये का रिफंड आयकर दाताओं को भेजा जा चुका है, जबकि बीते साल केवल 224 करोड़ रुपये रिफंड किए गए थे।
20 हजार करोड़ टैक्स हुआ जमा
आगरा क्षेत्र के मुख्य आयुक्त जयंत सिन्हा के साथ पश्चिमी उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड के प्रधान मुख्य आयुक्त शिशिर झा ने बताया कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड में 25 हजार करोड़ रुपये का आयकर संग्रह का लक्ष्य था, जिसे अब तक 20 हजार करोड़ रुपये प्राप्त कर लिया गया है। बाकी 3 माह में लक्ष्य पूरा हो जाएगा। 15 दिसंबर तक एडवांस टैक्स जमा होने के आंकड़े आए नहीं है। उम्मीद है, एडवांस टैक्स में बढ़ोतरी रही होगी।
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