राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के तहत पंजीयन के लिए 4 लाख 41 हजार 658 आवेदन प्राप्त हुए है। संचालक भू-अभिलेख से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्राप्त आवेदनों का पंजीयन एवं सत्यापन तेजी से कराया जा रहा है। सत्यापन पश्चात पात्र हितग्राहियों की सूची तैयार कर ग्राम सभा में दावा आपत्ति प्राप्त करने हेतु रखा जाएगा। उक्त दावा आपत्ति का निराकरण पश्चात पात्र हितग्राहियों की अंतिम सूची प्रकाशित की जाएगी। राज्य शासन द्वारा पात्र हितग्राहियों के खाते में प्रति वर्ष 6000 रुपये भुगतान किया जाएगा।
छत्तीसगढ़ शासन द्वारा यह योजना ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदरों को संबल प्रदाय करने की दृष्टि से प्रारंभ किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र में कृषि भूमिहीन परिवारों की पहचान कर उन्हें वार्षिक आधार पर आर्थिक अनुदान उपलब्ध कराना है ताकि उनकी आय में वृद्धि और जीवन स्तर को बेहतर किया जा सके।
इस योजना का लाभ छत्तीसगढ़ के ऐसे मूल निवासियों को मिलेगा, जिस परिवार के पास अंश मात्र भी कृषि भूमि नहीं है। ऐसे परिवारों के अंतर्गत चरवाहा बढई, लोहार, मोची, नाई, धोबी, पुरोहित जैसे पौनी-पसारी व्यवस्था से जुड़े परिवार, वनोपज संग्राहक तथा शासन द्वारा समय-समय पर नियत अन्य वर्ग भी पात्र होंगे, यदि उस परिवार के पास कृषि भूमि नहीं है। छत्तीसगढ़ शासन राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा इस योजना को एक सितम्बर 2021 से शुरू किया गया है। योजना के तहत पात्र परिवारों से 30 नवम्बर तक ग्राम पंचायतों में आवेदन प्राप्त किए गए।
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