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नौकरी के नाम पर वसूली! गहने बेचकर, उधार लेकर दिए पैसे… 11 महीने बाद ‘सेवा समाप्त’ बोलकर निकाल दिया

अनुराग, अम्बेडकरनगर
जिले में स्वास्थ्य विभाग में बड़ा भ्र्ष्टाचार का खुलासा हुआ है।आउट सोर्सिंग के तहत तैनात कर्मचारियों से दो से ढाई लाख रुपये वसूली का मामला सामने आया है।आरोप है कि स्वास्थ विभाग के कर्मचारियों ने दो से ढाई लाख रुपये लेकर कर्मचारियों को नियुक्ति किया था लेकिन 11 माह बाद निकाल दिया गया और अब पुनः डेढ़ लाख रुपये की मांग हो रही है।

सरकार जहाँ युवाओं को रोजगार देने का प्रयास कर रही है वहीं विभाग के अधिकारी सरकार को बदनाम करने पर तुले हैं।पैसा लेने का आरोप विभाग के एक बाबू पर लगा है । मामला एल 2 अस्पताल एमसीएच विंग टांडा का है।बताया जा रहा है कि तकरीबन एक साल पहले कोविड में ड्यूटी करने के लिए कर्मचारियों की आउटसोर्सिंग के तहत नियुक्ति हुई थी लेकिन 11 माह बाद यह कह कर उन्हें बाहर कर दिया गया

कि सरकार ने आप की सेवा समाप्त कर दी है,लेकिन स्वास्थ विभाग का यह कारनामा सवालों के घेरे में है क्योंकि एक तरफ़ कर्मचारियों को निकाला जा रहा है और दूसरी तरफ कर्मचारियों की नियुक्ति भी हो रही है।नियुक्ति के नाम पर पैसा लेने का आरोप जिस बाबू पर लगा है उसका अब गैर जनपद में ट्रांसफर हो गया है लेकिन उसकी दखलंदाजी अब भी यहां बरकरार है और सीएमओ ऑफिस अक्सर मौजूद रहता है।सेवा विस्तार के नाम पर दोबारा पैसा मांगने का आरोप अब इसी पर लग रहा है।

ड्यूटी से हटाए गए कर्मचारियों ने आरोप लगाया है कि नियुक्ति के समय सीएमओ ऑफिस में तैनात बाबू शरद श्रीवास्तव ने किसी से दो लाख तो किसी ढाई लाख रुपये यह कह कर लिया था कि यह सिक्योरिटी धनराशि है अभी आउट सोर्सिंग पर नियुक्ति हो रही है बाद में एन एच एम में ट्रांसफर हो जाएगा और यदि कोई हटाया जाता है तो उसको पैसा वापस कर दिया जाएगा लेकिन नवीनी करण के नाम पर अब हम लोगों से डेढ़ लाख रुपये मांगा जा रहा है ,न देने पर निकाल दिया जा रहा है।हम लोगों ने इसकी शिकायत सीएमओ ,सीडीओ और डीएम से भी किया है लेकिन अभी कोई कार्रवाई नही हुई।

कोई गहने तो कोई कर्ज लेकर दिया था पैसा बेरोजगारी के इस दौर में नौकरी के लिए मारे मारे फिर रहे युवाओं को नौकरी की आस दिखी तो मानो उनके खुशी का ठिकाना न रहा और इसी का फायदा विभाग के बाबू ने उठाया।पीड़ित कर्मचारी रिंका वर्मा आदि का कहना है कि हम लोगो ने अपने गहने बेच कर ढाई लाख रुपये दिए थे ।कुछ महिला कर्मचारियों ने बताया कि उन्होंने अपने ससुराल वालों के चुपके से पैसा दिया था।नौकरी की लालसा में कुछ लोगों ने कर्ज ले कर पैसा दिया था।

क्या कहते हैं अधिकारी
इस बारे में हमने जब अस्पताल के प्रभारी से बात किया तो उन्होंने कहा कि यह सब सीएमओ ऑफिस वाले कर रहे हैं।सीएमओ डॉ श्रीकांत शर्मा का कहना है कि अभी केवल रोका गया है जब शासन से निर्देश मिलेगा तो सेवा विस्तार किया जाएगा,वसूली के आरोपों पर उन्होंने कुछ नही कहा।