आगरा के गांव धनौली में नाला निर्माण नासूर बन रहा है। जलभराव व गंदगी से क्षेत्रीय लोग तंग हैं। 63 दिन से यहां धरना-प्रदर्शन चल रहा है। 6 दिसंबर को दो लोगों ने जिंदा भूसमाधि की कोशिश की। तहसीलदार ने उनको निकाला। प्रशासन ने एक दिन में नाला निर्माण शुरू कराने का वादा किया था। आठ दिन बाद भी नाला नहीं बना तो मंगलवार को ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में भरकर सैकड़ों लोग जिलाधिकारी कार्यालय (कलक्ट्रेट) पहुंचे। सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक छह घंटे हंगामा, विरोध-प्रदर्शन किया। प्रशासन की वादाखिलाफी से आक्रोशित लोग रात में कलक्ट्रेट परिसर में धरना देने पर अड़ गए। एडीएम प्रोटोकॉल हिमांशु गौतम ने बुधवार तक मोहलत मांगी। बुधवार को फिर पांच लोग डीएम से वार्ता के लिए जाएंगे। जिसके बाद आगे की रणनीति तय होगी।
हाथों में तिरंगा, चेहरों पर आक्रोश, आंखों में पर नारकीय हालातों में रहने की बेबसी। होंठों पर जनप्रतिनिधियों व प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही की दास्तां। सर्द हवा के बीच अर्धनग्न प्रदर्शन। ये नजारा था कलेक्ट्रेट का, जहां धनौली, सिरौली, अजीजपुर के लोगों ने सांसद-विधायक मुर्दाबाद के नारे लगाए। करीब छह घंटे तक हंगामा चला। रात में डीएम दफ्तर के सामने रुकने पर अड़े लोगों को एडीएम प्रोटोकॉल ने बमुश्किल समझाकर घर भेजा।
जगनेर रोड पर धनौली-सिरौली से बच्चा जेल तक दोनों तरफ आरसीसी नाला निर्माण के लिए 13 अक्तूबर से क्षेत्रीय लोग आंदोलित हैं। दो बार भूसमाधि की कोशिश कर चुके हैं। 17 बार डीएम, कमिश्नर, सीएम से लेकर पीएम तक शिकायत कर चुके हैं, फिर भी हालात जस की तस हैं। मंगलवार को क्षेत्रीय लोगों का धैर्य जवाब दे गया, तो महिलाएं, बच्चे व बुजुर्ग कलेक्ट्रेट घेराव के लिए पहुंच गए।
सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक धरना व विरोध-प्रदर्शन किया। विधायक-सांसद मुर्दाबाद… डीएम साहब बाहर आओ… इन्कलाब जिंदाबाद, लड़ेंगे, जीतेंगे, लड़े हैं, जीते हैं… नारों से दिनभर कलेक्ट्रेट परिसर गूंजता रहा। एडीएम प्रोटोकॉल हिमांशु गौतम व एडीएम सिटी ने आक्रोशित लोगों को लिखित आश्वासन दिलाने का वादा किया, तब लोग शांत हुए। पांच लोग बुधवार को डीएम से मुलाकात करेंगे।
अजीजपुर निवासी अंजेश गिरी ने बताया कि शासन प्रशासन नाकारा है। हम ईंट से ईंट बजा देंगे, वहां नाला बनवाकर दिखा देंगे। नेता जनता को मूर्ख न समझें। नाला नहीं बना, तो कलेक्ट्रेट में एक हजार लोगों के साथ भूख हड़ताल करेंगे। धनौली के प्रेम सिंह ने कहा कि हमने भाजपा को वोट दिया था। हमारे जनप्रतिनिधि झूठे हैं। मंदिर में सौगंध खाई थी नाला बनवाने की, अब मुकर गए। जनता अपना हक मांग रही है। नेता हम पर अनर्गल आरोप लगा रहे हैं। सिरौली के शिव नारायण सिंह ने कहा कि 20 साल से हम गंदगी में रह रहे हैं। क्षेत्र में नारकीय हालात हैं। एक साल हो गया, शिकायतें करते-करते। नाला नहीं बना। इस बार चुनाव में सबक सिखाएंगे। अपने वोट की ताकत दिखाएंगे।
जिलाधिकारी प्रभु नारायण सिंह ने कहा कि 49 करोड़ रुपये की लागत से नाला निर्माण के लिए प्रस्ताव भेजा था। जल निगम को नाला बनाना है। 22 करोड़ रुपये अब तक मिल चुके हैं। आधा काम हो चुका है। 27 करोड़ रुपये आना बाकी है। शासन को कई बार पत्र लिख चुके हैं। फिर पत्र भेज रहे हैं। जब धनराशि आवंटित होगी तभी काम शुरू हो सकता है। छह किमी लंबा नाला बनना है।
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