अनुराग पाण्डेय, गोरखपुर
उत्तर प्रदेश में माफिया की जगह जेल में है। बड़े-बड़े बदमाशों के घर पर बुलडोजर भी चलाए जा रहे हैं लेकिन यूपी पुलिस प्रदेश का टॉप 2 बदमाश राघवेन्द्र यादव को पकड़ने में फिसड्डी साबित हुई है। गोरखपुर में एक ही परिवार के चार लोगों को मौत के घाट उतारने के बाद यूपी पुलिस के मोस्ट वांटेड लिस्ट में गोरखपुर का राघवेन्द्र टॉप पर पहुंच गया। राघवेन्द्र पर 25 हजार से बढ़कर इनाम अब ढाई लाख रुपए तक पहुंच चुका है। इसके बाद भी पुलिस के पास इस बदमाश की कोई खोज खबर नहीं है। इनामी राघवेन्द्र यादव पिछले पांच साल से पुलिस और एसटीएफ को छका रहा है।
उधर परिवार के चार लोगों की हत्या के बाद बदले की आग में जल रहे मृतकों के परिजनों ने गिरफ्तारी की आस में पुलिस के काफी समझाने पर अंतिम संस्कार तो कर दिया, लेकिन 5 साल बाद भी अभी तक तेरहवीं नहीं की है। उनका कहना है कि तेरहवीं तभी करेंगे जब आरोपित गिरफ्तार हो जाएगा।
इनाम में श्रीप्रकाश शुक्ला से भी आगे राघवेन्द्र
गोरखपुर के झंगहा थाना क्षेत्र स्थित सुगहा गांव निवासी राघवेंद्र यादव पर इस समय ढाई लाख रुपये का इनाम है। इसी के साथ वह यूपी के टॉप इनामी अपराधियों की लिस्ट में शामिल हो गया है। यही नहीं गोरखपुर जोन में यह पहला ऐसा इनामी है, जिस पर इनती बड़ी रकम का इनाम रखा गया है। गोरखपुर जिले से जुड़े दुर्दांत अपराधियों में शामिल रहे 90 के दशक के यूपी के मोस्ट वांटेड माफिया श्रीप्रकाश शुक्ला पर भी इतना बड़ा इनाम नहीं था, जबकि उसी पर शिकंजा कसने के लिए यूपी एसटीएफ का भी गठन हुआ था, जिस वक्त श्रीप्रकाश शुकला ने मुख्यमंत्री तक की सुपारी ली थी, उस समय उसपर एक लाख रुपये का ही इनाम था। इसके अलावा पूर्वांचल के एक और दुर्दांत अपराधी चंदन सिंह पर भी एक लाख रुपये तक का ही इनाम रखा गया था।
फरारी में ही राघवेन्द्र ने की थी 2 और हत्या
राघवेंद्र पहली बार तब चर्चा में आया जब उसने 6 जनवरी 2016 में अपने ही पट्टीदार रिटायर्ड दरोगा जयहिंद के भाई बलवंत और बेटे कौशल की दिनदहाड़े हत्या कर दी। फिर फरार हो गया। तब पुलिस ने उसपर इनाम नहीं घोषित किया था। करीब दो साल बाद 10 अप्रैल 2018 में उसने मुकदमे की तारीख से लौट रहे रिटायर्ड दरोगा जयहिंद व उनके दूसरे बेटे नागेंद्र की गोली मारकर हत्या कर दी। इससे आक्रोशित ग्रामीणों ने पुलिस पर गुस्सा निकाला और जीप तक फूंक दी।
इसके बाद गोरखपुर पुलिस ने राघवेंद्र पर पहली बार 25 हजार का इनाम घोषित किया, जो बाद में 50 हजार फिर एक लाख और अब बढ़कर 2.5 लाख हो चुका है। पुलिस इस हत्याकांड के कई आरोपियों व राघवेंद्र के कई शरणदाताओं को गिरफ्तार कर जेल भेजा पर आजतक राघवेंद्र को नहीं पकड़ पाई।
यूपी के मोस्ट वांटेड इनामी बदमाश
यूपी के मोस्ट वांटेड इनामी बदमाशों में सबसे ऊपर 5-5 लाख के इनामी बदमाश प्रतापगढ़ के बनौका निवासी सुभाष यादव व सभापति यादव हैं। उसके बाद गोरखपुर के राघवेन्द्र यादव और मेरठ के बेरीपुर निवासी बदन सिंह उर्फ बद्दो हैं। दोनों पर ढाई-ढाई लाख का इनाम है। इसके अलावा दो लाख के इनामी मुरादाबाद का सुमित, मुजफ्फरनगर का हरीश, वाराणसी का मनीष उर्फ सोनू, गाजीपुर का शाहबुद्दीन, गाजीपुर का अतौर्हमान उर्फ बाबू उर्फ सिकंदर हैं।
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