हाइलाइट्ससीडीएस बिपिन रावत का नोएडा से भी था रिश्ताउनके पिता एलएस रावत ने सेक्टर 37 में बनवाया था मकानबिपिन रावत का परिवार पहले यहीं रहता था लेकिन बाद में दिल्ली हुए शिफ्टचार महीने पहले मधुलिका आई थीं और बनवाया था नोएडा के मकान में कमरानोएडा
तमिलनाडु में बुधवार सुबह हेलिकॉप्टर हादसे में शहीद हुए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत का नोएडा से गहरा नाता रहा है। सेक्टर 37 में उनका मकान है। हालांकि वह यहां नहीं रहते थे। इस मकान में उनके निकट संबंधी रहते हैं।
आर्मी चीफ बनने से पहले उनके पिता लेफ्टिनेंट जनरल एलएस रावत यहां रहते थे, बाद में वह दिल्ली शिफ्ट हो गए। तीन साल पहले 2 मार्च 2019 को शहीद स्मारक के वार्षिक समारोह में बतौर चीफ गेस्ट जनरल बिपिन रावत शामिल हुए थे। उस समय नोएडा के लोगों ने उनसे मुलाकात की थी और सेना के रिटायर्ड अधिकारियों ने उनका स्वागत किया था।
पत्नी मधुलिका के साथ बिपिन रावत
चार साल पहले किराए पर दिया था घर
नोएडा के इस मकान में अभी रिटायर्ड कर्नल डॉ. जेपी सिंह और उनकी पत्नी सरोज रहते हैं। उन्होंने बताया कि यह मकान छह साल से बंद पड़ा था। चार साल पहले वे लोग यहां रहने आए थे।
रहने के लिए बनवाया कमरा
सरोज ने बताया कि मधुलिका रावत चार महीने पहले घर आई थीं। उन्होंने यहां एक कमरा बनवाया था और कहकर गई थीं कि अब यहां कभी-कभी रुकने आया करेंगी इसलिए कमरा बनवा रही हैं। उन्होंने बहुत ही खुशी मन से कमरा बनवाकर उसका इंटीरियर करवाया था। हालांकि वह यहां रहने नहीं आ सकीं।
हादसे की खबर सुनते ही नोएडा को लोगों को बड़ा दुख हुआ और सोशल मीडिया पर इसे प्रकट करने लगे। लोग हादसे की उच्च स्तरीय जांच की मांग कर रहे हैं।
पिता ने बनवाया था घर
पड़ोसी रिटायर्ड कर्नल एसके पटनी ने कहा कि अभी दो दिन पहले ही आर्मी सर्विस कोर डे के ऑफिसर्स बैज समारोह में बिपिन रावत से मुलाकात हुई थी। वह इस घर में आते रहते थे। उनके पिता लेफ्टिनेंट जनरल एलएस रावत यहां रहते थे। उससे पहले उनके बच्चे भी यहां रहते थे। बाद में सभी दिल्ली में रहने लगे।
बिपिन रावत और मधुलिका रावत
‘मधुलिका में नहीं था जरा भी अहम’
नीलू पटनी ने बताया कि इस घर में उनका आना-जाना था। हम लोगों की मुलाकात होती थी। उनकी पत्नी बेहद खुशमिजाज थीं। दिल्ली के एक कार्यक्रम में उनसे मुलाकात हुई थी। उन्होंने मेरा परिचय लोगों से एक पड़ोसी के रूप में कराया था। उनके अंदर किसी भी तरह का कोई अहम नहीं था।
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‘व्यस्तता के बाद भी निभाते थे दोस्ती’
रिटायर्ड कर्नल डॉ. जेपी सिंह ने कहा, ‘मैं 1994 से इनके परिवार से जुड़ा था। उनका जाना पूरे देश के लिए बड़ी क्षति है। उनके मामा रिटायर्ड कर्नल एसपीएस परमार हमारे घनिष्ट मित्र थे। जब समय मिलता था तो वह नोएडा मिलने चले आते थे। पिछले कुछ वर्षों से व्यस्तता के बाद भी आना-जाना था।’
बिपिन रावत का दिल्ली स्थित घर
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