जेम पोर्टल पर फारवर्ड ऑक्सन एवं ई-ऑक्सन (कार्यालयों में अनुपयोगी वस्तुओं की नीलामी) से संबंधित नई सेवाएं उपलब्ध कराई गई हैं। इस नई सेवा के माध्यम से क्रेता विभाग द्वारा अनुपयोगी मशीनों, कृषि एवं वन उपज, मेटल एण्ड नान मेटल स्क्रेप, ई-वेस्ट, वाहन, ल्यूब, वेस्ट ऑयल, अनयूज्ड स्पेयर्स, कोयला, कामर्शियल एण्ड रेजीडेंशियल प्रापर्टी, भूमि तथा औद्योगिक भूखण्डों का निस्तारण किया जा सकेगा।
अपर मुख्य सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम डा0 नवनीत सहगल ने यह जानकारी आज यहां दी। उन्होंने बताया कि शासकीय क्रय में पारदर्शिता लाने हेतु भारत सरकार द्वारा संचालित जेम पोर्टल पर वर्तमान वित्तीय वर्ष में उत्तर प्रदेश द्वारा कुल 5944.62 करोड़ रुपये मूल्य की वस्तुओं एवं सेवाओं का क्रय किया गया है। अब तक पोर्टल के माध्यम कुल 15353.58 करोड़ की खरीददारी कर उत्तर प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है। उन्होंने बताया कि जेम पोर्टल के माध्यम शासकीय खरीद में होने वाली अनियमितता पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा है। यह प्रकिया पूर्णरूपेण पेपरलेस एवं कॉन्टेक्टलेस है।
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि एमएसएमई क्षेत्र की इकाइयों के उत्पादों के ग्राहकों द्वारा भुगतान में देरी करने से इकाइयों की आर्थिक स्थिति कमजोर हो जाती है। इस समस्या के निराकरण हेतु प्रदेश स्तर पर एमएसएमई फैसेलिटेशन सेल की स्थापना कराई गई। विगत वर्ष इकाइयों के विलम्बित भुगतान के समझौते में प्रदेश को देश में द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ था। इस वर्ष प्रथम स्थान पाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए इस प्रक्रिया को और सुगम बनाया गया है। प्रदेश के प्रत्येक मण्डल में मण्डलायुक्त की अध्यक्षता में फैसेलिटेशन सेल का गठन किया गया है। इससे विलम्बित भुगतान का सेटेलमेंट समयबद्ध रूप से किया जाना संभव होगा।
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