अनिल सिंह, बांदा
देश में चर्चित टीवी सीरियल बिग बॉस से शोहरत बटोर चुकीं और जाको राखे साइयां जैसी फ़िल्म में अभिनय कर चुकी गुलाबी गैंग कमांडर संपत पाल एक बार फिर मऊ मानिकपुर विधानसभा चित्रकूट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने का ऐलान करते हुए कहती हैं कि ‘अब मोदी जावा चाही और कांग्रेस आवा चाही’। जिससे कम से कम लोग इस जुमलेबाज सरकार से बच सकेंगे।
उन्होंने बताया कि चित्रकूट के मऊ मानिकपुर विधानसभा क्षेत्र से 2012 और 2017 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ चुकी हूं। पिछले चुनाव में मैं दूसरे स्थान पर थी और इस बार फिर इसी सीट से चुनाव लड़ूगीं और पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी द्वारा महिलाओं के लिए 40 फीसदी टिकट का ऐलान करने से निश्चित ही महिलाओं का रुझान कांग्रेस की तरफ बढ़ा है। साथ ही उनकी सात प्रतिज्ञा के कारण कांग्रेस को लाभ मिलेगा।
इंटरनेशनल गोशाला बनाना चाहती हैं संपत
संपत पाल बताती हैं कि अभी कुछ दिन पहले मैंने अपने निर्वाचन क्षेत्र में एक बैठक की उस दौरान सभी महिलाएं कह रही थीं कि मोदी इस बार जावा चाही और कांग्रेस आवा चाही, ताकि लोगों को इस जुमलेबाज सरकार से निजात मिले। संपत अपने निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव जीतकर इंटरनेशनल स्तर की गोशाला बनवाना चाहती हैं। जिसमें बेरोजगारों को रोजगार मिल सके। साथ ही उन्होंने लखीमपुर में किसानों को कुचले जाने, हाथरस कांड और प्रयागराज की घटनाओं को जिक्र करते हुए बीजेपी सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियों से गरीब और किसान बेमौत मर रहे हैं। जब इंसान ही नहीं रहेगा तो मंदिर-मस्जिद क्या करेगा?
गुलाबी रंग की साड़ी से गैंग को मिली पहचान
1947 में जन्मी संपत देवी पाल ने उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के बदौसा गांव में रहकर ग्रामीण महिलाओं को संगठित कर एक दल बनाया था। जिसका नाम गुलाबी गैंग रखा था। इस संगठन में कार्य करने वाली महिलाएं यूनिफॉर्म की भांति गुलाबी रंग की साड़ी पहनती हैं। इसी गुलाबी रंग के कारण ही इस गैंग को गुलाबी गैंग की पहचान मिली। उन्होंने महिलाओं को उनका अधिकार दिलाने के लिए कई बार संघर्ष किया। लाठी के बल पर न्याय दिलाने की उनकी कार्यशैली देशभर में इस तरह लोकप्रिय हुई की बॉलीवुड भी इनके चरित्र पर फिल्म बनाने को मजबूर हुआ। इन्हीं के गैंग के नाम पर गुलाबी गैंग फिल्म बनी। जिसमें माधुरी दीक्षित ने अभिनय किया है। संपत पाल ने खुद जाको राखे साइयां फिल्म में छोटी सी भूमिका अदा की है। साथ ही टीवी सीरियल बिग बॉस में रहकर शोहरत बटोरी थी।
भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद की
बताते चलें कि महिलाओं पर अत्याचार और भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाली संपत पाल ने कई बार जमाखोरों के घरों में छापेमारी की थी। भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ अभियान चलाया। कानून हाथ में लेने के कारण 2010 में मायावती के शासनकाल में उन्हें गिरफ्तार किया गया था। अभी भी उनके ऊपर आधा दर्जन मुकदमे चल रहें हैं।
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100 प्रभावशाली प्रेरक महिलाओं की सूची में शामिल
2011 में अंतरराष्ट्रीय द गार्जियन पत्रिका ने संपत पाल को दुनिया की 100 प्रभावशाली प्रेरक महिलाओं के सूची में शामिल किया था। जिसके बाद कई देशी-विदेशी संस्थानों ने डॉक्यूमेंट्री फिल्म बनाई थी। फ्रांस की एक पत्रिका ओह ने साल 2008 में संपत पाल के जीवन पर आधारित एक पुस्तक प्रकाशित की थी। जिसका नाम था ‘माय संपत पाल, चेफ द गैंग इन सारी रोज’, इसका मतलब है कि मैं संपत पाल गुलाबी साड़ी में, गैंग की मुखिया। संपत पाल अंतरराष्ट्रीय महिला संगठनों द्वारा आयोजित महिला सशक्तीकरण कार्यक्रम में भाग लेने इटली भी गई थीं। उसी दौरान उनकी मुलाकात कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी से हुई थी और तभी वह कांग्रेस में शामिल हो गई थीं।
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