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हितग्राहीमूलक योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाए: श्री धनेश पाटिला

छत्तीसगढ़ राज्य अंत्यावसायी सहकारी वित्त एवं विकास निगम द्वारा संचालित हितग्राहीमूलक योजनाओं की समीक्षा आज इन्द्रावती भवन स्थित सभाकक्ष में की गई। बैठक की अध्यक्षता छत्तीसगढ़ राज्य अंत्यावसायी सहकारी वित्त एवं विकास निगम के अध्यक्ष श्री धनेश पाटिला ने की। बैठक में निगम की उपाध्यक्ष सुश्री नीता लोधी, सदस्य श्री विजय बघेल, प्रबंध संचालक श्रीमती शम्मी आबिदी और सचिव श्री आर.एस. भोई भी उपस्थिति थे।
श्री धनेश पाटिला ने छत्तीसगढ़ राज्य अंत्यावसायी सहकारी वित्त एवं विकास निगम द्वारा संचालित की जा रही योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ आम लोगों तक पहुंचाने और योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार करने पर बल दिया। उन्होंने अंत्योदय स्व-रोजगार योजनांतर्गत निर्धारित लक्ष्य को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए।
बैठक में उपस्थित प्रतिनिधियों ने सुझाव दिया कि आय प्रमाण पत्र की सीमा न्यूनतम 50 हजार की सीमा को बढ़ाया जाए, ऋण वसूली और दस्तावेज संबंधी जानकारी का ऑनलाईन सॉफ्टवेयर तैयार किया जाए, वाहनों की जप्ती और पुर्नावंटन की व्यवस्था की जाए, ऋण देने से पूर्व बैंकिंग लेनदेन का स्कोर देखना, राष्ट्रीय निगमों की योजनाओं में अन्य विभागों की तरह अनुदान देना, बैंकों द्वारा ऋण देने से पूर्व राज्य अंत्यावसायी सहकारी वित्त एवं विकास निगम से एनओसी लेना आदि प्रमुख सुझाव दिए गए। इसके अलावा यह भी सुझाव दिया गया कि किसी व्यक्ति द्वारा पूर्व में लिया गया ऋण पूर्णतः चुका देने का उसे पुनः ऋण देने संबंधी प्रावधान करने के लिए बॉयलाज में संशोधन करना चाहिए।
बैठक में प्रमुख रूप से राष्ट्रीय निगमों के अंतर्गत संचालित योजनाओं से लाभान्वित हितग्राहियों से ऋण वसूली की जानकारी, अंत्योदय एवं आदिवासी स्व-रोजगार योजना की प्रगति, स्ट्रीट वेंडर योजना की प्रगति, जिलों में अंकेक्षण की प्रगति, प्रशिक्षण केन्द्रों की अद्यतन स्थिति आदि की विस्तार से समीक्षा की गई।
बैठक में जिलेवार समीक्षा कर जानकारी ली गई। ऋण वसूली में सरगुजा, कोण्डागांव, कांकेर, बस्तर और रायपुर जिले में अपेक्षाकृत अच्छा काम किया है। अन्य जिलों में शीघ्र सुधार करने के निर्देश दिए गए। इसके लिए राजस्व अधिकारियों और अपने क्षेत्र में सतत् निरीक्षण, व्यक्तिगत संपर्क कर ऋण वसूली करने पर बल दिया गया। स्ट्रीट वेंडर योजना की समीक्षा में दंतेवाड़ा, दुर्ग, सरगुजा, कोरिया और कोण्डागांव द्वारा किए गए कार्यों की प्रशंसा की गई और अन्य जिलों को इस दिशा में सुधार करने के निर्देश दिए।