हाइलाइट्सकोरोना के नए स्वरूप को लेकर प्रशासन ने जारी किया है अलर्टविदेश से आने वालों पर रखी जा रही है नजर, हर यात्री की जांचकोरोना पॉजिटिव पाए जाने वाले मरीजों की जीनोम सीक्वेंसिंग की तैयारीमेरठ
कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन को देखते हुए मेरठ में अलर्ट जारी कर दिया गया है। विदेश से आने वाले लोगों की जांच की जा रही है। दक्षिण अफ्रीका से लौटने वालों पर खास नजर रखी जा रही है। विदेश से आए 63 लोगो समेत कुल 3012 लोगों की जांच मंगलवार को की गई। पिछले 12 दिनों में मेरठ में विदेश से आए 209 लोगों की जांच की जा चुकी है। दो नए ओमिक्रॉन वार्ड बनाए गए हैं।
कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के खौफ को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग विदेश से मेरठ आ रहे लोगों पर पैनी नजर रख रहा है। विभाग ने बुधवार से 6 दिनों तक सैंपलिंग का फैसला लिया है। इसके तहत सरकारी, निजी अस्पतालों, यूनिवर्सिटी आदि में सैंपल लिए जाएंगे। मंगलवार को विदेश से यहां आए 63 लोगों समेत कुल 3012 लोगों की जांच की गई। पिछले 12 दिन में 7 लोग दक्षिण अफ्रीका से लौटे हैं, जिन पर स्वास्थ्य विभाग की विशेष नजर है।
32 परिवारों के संपर्क में आए हैं सात लोग
दक्षिण अफ्रीका से आने वाले 7 लोग 32 परिवारों से जुड़े हुए हैं। वहीं, एक परिवार संजय नगर और दूसरा परिवार कंकरखेड़ा का रहने वाला है, जो साउथ अफ्रीका से लौटा है। सीएमओ डॉक्टर अखिलेश मोहन ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने मेडिकल कॉलेज में एक स्पेशल वार्ड बनाया है, जबकि दूसरा वॉर्ड सुभारती अस्पताल में बनाया गया है। सीएमओ ने बताया कि विदेश से आने वालों की निगरानी के लिए सर्विलांस की पांच टीम गठित की गई हैं। यदि इनमें कोई भी लक्षण मिलता तो उन्हे ओमिक्रॉन वार्ड में शिफ्ट किया जाएगा।
पॉजिटिव पाए जाने वालों की होगी जीनोम सीक्वेंसिंग
सीएमओ ने कहा कि जांच के दौरान अगर कोई यात्री कोरोना पॉजिटिव पाया जाता है तो उसकी जीनोम सीक्वेंसिंग कराई जाएगी। मेरठ पहुंचे 209 लोगों में आस्ट्रेलिया,बहरीन बांग्लादेश, कनाडा, जर्मनी, जापान, कुवैत, मलेशिया, मालदीव,मॉरिशस, नेपाल, नीदरलैंड, न्यूजी़लैंड, पोलैंड, रूस, सउदी अरब, सिंगापुर, साउथ अफ्रीका, श्रीलंका यूएएई, यूके और यूएसए से वापस आए लोग हैं। दक्षिण अफ्रीका, बोत्सवाना और हांगकांग से आने वाले यात्रियों पर खास ध्यान दिया जा रहा है।
विदेश से आने वालों की होगी निगरानी
मंडलीय सर्विलांस अधिकारी डॉक्टर अशोक तालियान ने बताया कि आठ दिन तक लगातार विदेश से लौटे इन सभी यात्रियों की निगरानी की जाएगी। अगर जांच में कोई भी शख्स कोविड 19 पॉजिटिव मिलता है तो उसकी जीनोम स्किवेंसिंग कराई जाएगी। मेडिकल और सुभारती अस्पताल में बना ओमिक्रॉन वार्ड बनाया गया है। सभी के परिवार के सदस्यों पर भी नजर रखी जा रही है।
मेडिकल कॉलेज में होगी जीनोम सिक्वेंसिंग
कोरोना के नए स्वरूप को देखते हुए तैयारियों को भी पुख्ता किया जा रहा है। सर्विलांस अधिकारी ने कहा कि मेरठ मेडिकल कॉलेज में भी जल्द जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए अलग लैब बनाई जाएगी। अभी तक जिनोम सिक्वेंसिंग के सैंपल लखनऊ,दिल्ली और बेंगलुरु भेजे जाते थे, जिसकी रिपोर्ट 10 से 30 दिन के बीच आती थी। इसका मेरठ समेत आसपास के जिले को लाभ मिलेगा।
विदेश से मेरठ आने वालों पर नजर, ओमीक्रॉन संक्रमण रोकने के लिए अलर्ट
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