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फिल्म में जानिये कैसे भारत ने पहला ,खिताब हासिल किया, सफलता की कहानी है 83

फैंस के इंतजार को कम करते हुए मेकर्स ने फिल्म 83 का ट्रेलर रिलीज कर दिया है। फिल्म में रणवीर सिंह, कपिल देव की भूमिका निभाते नजर आ रहे हैं। वहीं, दीपिका पादुकोण उनकी पत्नी का किरदार निभाती दिखाई दे रही हैं।

कैसा है ट्रेलर

ट्रेलर की शुरुआत बेशक विदेशी धरती पर भारतीय क्रिकेट टीम के कमजोर खेल के साथ होती है, लेकिन जैसे जैसे ट्रेलर आगे बढ़ता है वैसे वैसे फिल्म के किरदारों का जज्बा दर्शकों के मन में जोश पैदा करने वाला साबित हो रहा है। भारतीय खिलाड़ी विदेश में अपने देश का सिर ऊंचा करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। आखिर में इंडिया टीम क्रिकेट के मैदान में जीत हासिल करती है तो देशभर में जश्न मनाया जाता है।

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कपिल देव के किरदार में रणवीर सिंह लोगों का दिल जीत लेते हैं। फिल्म के ट्रेलर को शेयर करते हुए रणवीर ने लिखा है, ‘अंडरडॉग्स की सच्ची स्टोरी, जो आप सोच भी नहीं पाएंगे।’ फैंस को फिल्म का ट्रेलर खूब पसंद आ रहा है।

बता दें, दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह स्टारर 83 अगले महीने यानि 24 दिसंबर को रिलीज होगी। ये फिल्म हिंदी, तमिल, तेलुगू, मलयालम और कन्नड़ भाषा में रिलीज होगी। फिल्म रणवीर और दीपिका के अलावा ताहिर राज भसीन, जीवा, साकिब सलीम, जतिन सरना, चिराग पाटिल, दिनकर शर्मा, पंकज त्रिपाठी, हार्डी सांधु, निशांत धहिया, ऐमी विर्क, साहिल खट्टर, आदिनाथ कोठारे, धैर्य करवा और आर बद्री जैसे स्टार्स भी शामिल हैं।

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उन्होंने अपने क्रिकेट करीयर की शुरुआत १९७५ में हरयाना की ओर से पंजाब के विरुद्ध घरेलू क्रिकेट से करी। वे एक ओल राउन्डर थे जोकि दायें हाथ से बल्लेबाज़ी एवं तेज़ गेन्दबाज़ी भी करते थे। उनका अन्तर-राष्ट्रीय व्यवसाय पाकिस्तान के विरुध फैस्लाबाद में १६ अक्टूबर १९७८ को हुआ। हालान्कि यह दौरा उनके लिये कुछ अच्छा न रहा, परन्तु आने वाले समय में उन्होंने अपने उन्दा प्रदर्शन से भारतीय क्रिकेट टीम में अपनी जगह सुनिशचित कर ली। श्री-लंका के विरुध १९८२-८३ में उन्होंने अपनी कप्तानी में प्रथम प्रवेश किया। जब उन्हे विश्व कप की कप्तानी का अवसर मिला तो वे एक औसत खिलाडी ही थे, परन्तु अपने आश्चर्या-जनक प्रदर्श्न से तथा अपनी टीम के सहयोग से भारत को पेह्ला विश्व कप जिताया और रातो-रात ही भार्तीय इतिहास का चमकता सितारा बन गये। मोहम्मग अज़हरुद्दीन की कप्तानी में उन्होंने १९९२ के विश्व कप में अपना आखरी अन्तर-राष्ट्रिया खेल खेला। उन्होंने अपने क्रिकेट व्यवसाय में एक दिवसीय क्रिकेट में २२५ और टेस्ट क्रिकेट में १३१ मैच खेले। एक दिवसीय क्रिकेट में उन्होंने 23.79 की औसत से ३७८३ रन बनाये तथा टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने 31.05 की औसत से ५२४८ रन बनाये। गेन्दबाज़ी करते हुए उन्होंने एक दिवसीय तथा टेस्ट क्रिकेट में २५३ तथा ४३४ विकेट लिये क्रमश:। १९८३ के विश्व कप में ज़िमबाब्वे के विरुद्ध उनकी १७५ रन की पारी यादगार रहेगी जिस्की बदौलत भारत वह मैच जीता। उन्होंने एक दिवसीय क्रिकेट में १ और टेस्ट क्रिकेत में ८ शतक लगायी है।