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कोरोना का दंश: महंगी पढ़ाई से मुंह फेरा, यूपी बोर्ड के स्कूलों में बढ़ी विद्याथियों की संख्या, फीस के बोझ से अभिभावकों ने लिया फैसला

सार
दो साल से कोरोना संक्रमण के कारण आर्थिक संकट सामने आ रहे हैं, ऐसे में सीबीएसई और आइसीएसई बोर्ड के महंगे स्कूलों की फीस चुकाने में लोगों को परेशानी हो रही है।

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कोरोना काल में तमाम विद्यार्थियों ने सीबीएसई व आईसीएसई बोर्ड के स्कूलों की महंगी पढ़ाई से मुंह फेर लिया है। इसका फायदा यूपी बोर्ड के विद्यालयों को मिला है। जिले में शैक्षणिक सत्र 2020-21 की अपेक्षा 2021-22 में कक्षा 09 व 11 में 14,787 विद्यार्थियों का अग्रिम पंजीकरण अधिक हुआ है। वहीं, कक्षा 09 से 12 तक में अपेक्षाकृत 11 हजार से अधिक विद्यार्थी बढ़े हैं। 
जिले के यूपी बोर्ड के विद्यालयों में सत्र 2020-21 में कक्षा 09 में 67,265, कक्षा 11 में 52,854, कक्षा 10 में 65,449 व कक्षा 12 में 56,201 विद्यार्थियों का पंजीकरण था। जो कि सत्र 2021-22 में क्रमश: 71,747, 63,159, 56874 और 52,005 है। राजकीय व एडेड विद्यालयों में अपेक्षाकृत संख्या अधिक बढ़ी है। प्रधानाचार्यों का कहना है दूसरे बोर्ड के विद्यालयों में फीस अधिक होने की वजह से विद्यार्थियों ने यूपी बोर्ड के विद्यालयों का रुख किया है।  

फीस की वजह दूसरे बोर्ड के विद्यार्थियों ने रुख किया 
मेरे विद्यालय में कक्षा 09 और 11 में 30 से अधिक विद्यार्थी सीबीएसई व आईसीएसई बोर्ड के स्कूलों से आए हैं। इसकी मुख्य वजह फीस है। कोरोना काल में आर्थिक परेशानी के बाद निजी व कान्वेंट स्कूलों की फीस का बोझ उठाने में अक्षम अभिभावकों ने बच्चों का प्रवेश यूपी बोर्ड के स्कूलों में कराया है। – जीएल जैन, प्रधानाचार्य, एमडी जैन इंटर कॉलेज 

छह से आठ तक की कक्षाओं में भी प्रवेश बढ़ा 
गत सत्र की अपेक्षा इस वर्ष कक्षा 09 व 12 के अलावा छह से आठ तक की कक्षाओं में भी प्रवेश बढ़ा है। विद्यार्थी सीबीएसई व आईसीएसई बोर्ड के स्कूलों से आए हैं। ये विद्यार्थी पहले जिन स्कूलों में पंजीकृत थे, उनकी फीस अभिभावक कोरोना की परिस्थितियों की वजह से जमा नहीं कर पा रहे थे।- रीना राबर्ट्स, प्रधानाचार्या, क्वीन विक्टोरिया गर्ल्स इंटर कॉलेज 

राजकीय विद्यालयों में पढ़ाई का माहौल बना 
विद्यालय में गत सत्र में कक्षा नौ में 58 विद्यार्थियों का पंजीकरण था, जो कि बढ़कर इस बार 69 हो गया है। राजकीय विद्यालयों में पढ़ाई का माहौल बना है। कोरोना में आर्थिक समस्या होने से पब्लिक स्कूलों के विद्यार्थी भी बढ़े हैं। वहां की फीस अभिभावक नहीं दे पा रहे थे। आराधना सिंह, राजकीय हाईस्कूल, सैमरा 

फीस कम और पढ़ाई के स्तर में सुधार वजह 
यूपी बोर्ड के विद्यालयों में कोरोना के समय में ऑनलाइन पढ़ाई जारी रखने के प्रयास, राजकीय विद्यालयों में सुविधाओं का विस्तार। सहायता प्राप्त विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति, एनसीईआरटी की पुस्तकें पढ़ाए जाने और फीस कम होने की वजह से पंजीकरण बढ़ा है। – डॉ. मुकेश अग्रवाल, मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक 

एक नजर आंकड़ों पर 
– 2,41,769 विद्यार्थी सत्र 2020-21 में कक्षा 09 से 12 तक की कक्षाओं में पंजीकृत थे।  
– 2,52,785 विद्यार्थियों का सत्र 2021-22 में कक्षा 09 से 12 तक की कक्षाओं में पंजीकरण है।   – 11016 विद्यार्थी चालू सत्र में बढ़ गए हैं। 
– 1,20,119 विद्यार्थियों का अग्रिम पंजीकरण सत्र 2020-21 में कक्षा 09 व 11 की कक्षाओं में हुआ था। 
– 1,34,906 विद्यार्थियों का अग्रिम पंजीकरण सत्र 2021-22 में कक्षा 09 व 11 की कक्षाओं में हुआ है।  
– 14,787 विद्यार्थियों का अग्रिम पंजीकरण चालू सत्र में बढ़ गया है।

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विस्तार

कोरोना काल में तमाम विद्यार्थियों ने सीबीएसई व आईसीएसई बोर्ड के स्कूलों की महंगी पढ़ाई से मुंह फेर लिया है। इसका फायदा यूपी बोर्ड के विद्यालयों को मिला है। जिले में शैक्षणिक सत्र 2020-21 की अपेक्षा 2021-22 में कक्षा 09 व 11 में 14,787 विद्यार्थियों का अग्रिम पंजीकरण अधिक हुआ है। वहीं, कक्षा 09 से 12 तक में अपेक्षाकृत 11 हजार से अधिक विद्यार्थी बढ़े हैं। 

जिले के यूपी बोर्ड के विद्यालयों में सत्र 2020-21 में कक्षा 09 में 67,265, कक्षा 11 में 52,854, कक्षा 10 में 65,449 व कक्षा 12 में 56,201 विद्यार्थियों का पंजीकरण था। जो कि सत्र 2021-22 में क्रमश: 71,747, 63,159, 56874 और 52,005 है। राजकीय व एडेड विद्यालयों में अपेक्षाकृत संख्या अधिक बढ़ी है। प्रधानाचार्यों का कहना है दूसरे बोर्ड के विद्यालयों में फीस अधिक होने की वजह से विद्यार्थियों ने यूपी बोर्ड के विद्यालयों का रुख किया है।  

फीस की वजह दूसरे बोर्ड के विद्यार्थियों ने रुख किया 

मेरे विद्यालय में कक्षा 09 और 11 में 30 से अधिक विद्यार्थी सीबीएसई व आईसीएसई बोर्ड के स्कूलों से आए हैं। इसकी मुख्य वजह फीस है। कोरोना काल में आर्थिक परेशानी के बाद निजी व कान्वेंट स्कूलों की फीस का बोझ उठाने में अक्षम अभिभावकों ने बच्चों का प्रवेश यूपी बोर्ड के स्कूलों में कराया है। – जीएल जैन, प्रधानाचार्य, एमडी जैन इंटर कॉलेज 

छह से आठ तक की कक्षाओं में भी प्रवेश बढ़ा 

गत सत्र की अपेक्षा इस वर्ष कक्षा 09 व 12 के अलावा छह से आठ तक की कक्षाओं में भी प्रवेश बढ़ा है। विद्यार्थी सीबीएसई व आईसीएसई बोर्ड के स्कूलों से आए हैं। ये विद्यार्थी पहले जिन स्कूलों में पंजीकृत थे, उनकी फीस अभिभावक कोरोना की परिस्थितियों की वजह से जमा नहीं कर पा रहे थे।- रीना राबर्ट्स, प्रधानाचार्या, क्वीन विक्टोरिया गर्ल्स इंटर कॉलेज