अभिषेक कुमार झा, वाराणसी
स्मार्ट सिटी के तहत वाराणसी के घाट पर हेरिटेज साइन एज एट घाट नाम की एक योजना का उद्घाटन पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने 25 अक्टूबर को किया था, लेकिन स्मार्ट सिटी के अधिकारियों ने पीएम को अंधेरे में रख अधूरे काम का उद्घाटन करा दिया। इतना ही नहीं इस योजना के तहत घाट की सीढ़ियों पर लग रहे लोहे के प्लेट पर अंकित धार्मिक प्रतीक चिह्न भी अब विवाद में पड़ते दिख रहे हैं।
हेरिटेज साइन एज एट के अंतर्गत घाट की सीढ़ियों को काट कर लोहे की प्लेटें लगाई जा रही हैं। जिस पर उस घाट से संबंधित वन लाइनर जानकारी के साथ मंदिर, शिवलिंग, घाट के पंडों-पुरोहितों की छतरी भी प्रतीक के तौर पर उकेरी गई है। जिस पर से लोग आ-जा रहे हैं। अब इस बात को लेकर घाट के मल्लाह, पंडों और विपक्ष के नेता समेत साधु संत भी विरोध कर रहे हैं। इस मुद्दे पर अब स्मार्ट सिटी के अधिकारियों ने चुप्पी साध ली है।
घाट की सीढ़ियों पर लगाई गई मंदिर की तस्वीर
धार्मिक प्रतीक चिह्नों के इस्तेमाल पर है आपत्ति
5.08 करोड़ की लागत से वाराणसी के सभी घाटों पर लोहे के बड़े-बड़े साइन एज बोर्ड लगाए गए थे। इसी योजना के अंतर्गत घाट की सीढ़ियों पर पत्थरों को काट कर उस पर लोहे की प्लेटें लगाई गई हैं। इन लोहे की प्लेट पर वन लाइनर जानकारी के साथ कुछ धार्मिक प्रतीक चिह्न भी उकेरे गए हैं। अब इन्हीं चिह्नों पर स्थानीय लोगों को आपत्ति है। घाट पर रहने वाले नाविक विनोद साहनी कहते हैं कि सीढ़ियों पर इस तरह से मंदिर, शिवलिंग और सनातन समय से पंडे-पुरोहित जिस छतरी के नीचे बैठकर कर्म कांड करा रहे हैं, उसकी आकृति बना दी गई है। इसके ऊपर से लोग दिनभर जूते चप्पल पहन कर रौंदते हुए घाट पर उतरते हैं। इस तरह से मंदिरों का अपमान उचित नहीं है, वो भी काशी में।
कांग्रेस नेताओ ने की पट्टियों को तत्काल हटाने की मांग
इस मामले को लेकर कांग्रेस के पूर्व विधायक अजय राय ने नगर आयुक्त को एक पत्र लिख कर इस मामले को गंभीरता से लेने को कहा है। साथ ही मांग की है कि जिन अधिकारियों ने इस डिजाइन को अप्रूव किया है, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए। साथ ही जिम्मेदार अधिकारियों को तत्काल उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए काशी की जनता से माफी मांगनी चाहिए।
स्मार्ट सिटी के अधिकारियों ने साधी चुप्पी
इस मामले पर जब स्मार्ट सिटी के अधिकारियों से बात की गई तो स्मार्ट सिटी के पीआरओ ने योजना की सारी जानकारी दे दी, लेकिन जब एनबीटी ऑनलाइन ने इन प्रतीक चिह्नों के इस्तेमाल को अप्रूवल किसने दिया और क्या अधूरे प्रोजेक्ट का उद्घाटन पीएम मोदी से कराया गया तो पीआरओ ने इस मामले पर कोई जवाब नहीं दिया।
इन्ही सवालों को लेकर जब नगर निगम के नगर आयुक्त के नम्बर पर सम्पर्क किया तो पता चला कि नगर आयुक्त सफाई में अव्वल आने पर अवार्ड लेने के लिए दिल्ली गए है। फोन अपर नगर आयुक्त दुष्यंत कुमार मौर्य ने उठाया। दुष्यंत मौर्य ने इस मामले की जानकारी होने से इन्कार किया और बताया की स्मार्ट सिटी के सारे मामले नगर आयुक्त प्रणय सिंह खुद देखते हैं।
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