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शैक्षणिक संस्थानों को तम्बाकू मुक्त करने को आयोजित होगी कार्यशाला

जिले के समस्त शैक्षिक संस्थानों को तम्बाकू मुक्त करने हेतु शैक्षिक संस्थानों में पदस्थ नामांकित नोडल अधिकारी/ प्रिंसीपल की 17 नवम्बर 2021 को एक कार्यशाला आयोजित की जाएगी । इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य जिले के समस्त स्कूलों को तम्बाकू मुक्त करने के साथ-साथ नई पीढ़ी को तम्बाकू सेवन से होने वाले दुष्परिणाम और हानि के विषय मे जानकारी देना है। प्रशिक्षण में आने वाले शिक्षकों को स्कूल परिसर के अंदर व बाहर 100 मीटर के दायरे में तंबाकू की बिक्री व सेवन करने वालों पर अंकुश लगाने के लिए नोडल अधिकारी को जिम्मेदारी दी जाएगी। इस  कार्यशाला का आयोजन जिला अस्पताल में किया जाएगा।

तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के जिला नोडल अधिकारी सह जिला सीएमएचओ डॉ.डी राजन ने बताया, ” जिले में तंबाकू मुक्त शिक्षण संस्थान अभियान के सफलतापूर्ण संचालन के लिए शिक्षकों हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। इस दौरान  नोडल अधिकारियों को सिगरेट एवं अन्य तंबाकू उत्पादों के विज्ञापन पर रोक तथा व्यापार एवं वाणिज्य उत्पादन आपूर्ति एवं वितरण के विनियम अधिनियम 2003 (कोटपा अधिनियम 2003) की धारा के बारे में अवगत कराया जाएगा। प्रशिक्षण के सम्बंध में उन्होंने जानकारी देते हुए बताया, महारानी अस्पताल परिसर में शिक्षकों के लिये प्रशिक्षण कार्यक्रम होंगे जिसमें राज्य द्वारा निर्देशित नौ इंडीकेटर्स के बारे में बताया जाएगा। स्कूलों में नोडल अधिकारी बनाए गए शिक्षकों द्वारा ऐसे बच्चों की पहचान कर नशामुक्ति के लिए प्रेरित किया जाएगा ताकि बच्चों में बुरी आदतें खत्म हो सके।“

ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे 2016-17 के अनुसार छत्तीसगढ़ में 39.1 प्रतिशत लोग किसी न किसी प्रकार से तंबाकू का सेवन करते हैं। यह देश की औसत 28.4 प्रतिशत से अधिक है। इसमें से 7 प्रतिशत लोग ऐसे थे जिन्होंने 15 वर्ष की उम्र से पहले ही तम्बाकू का सेवन शुरू किया था। 29 प्रतिशत ने 15-17 वर्ष की उम्र से और 35.4 प्रतिशत ने 18-19 वर्ष में सेवन शुरू किया। यानी औसतन 18.5 वर्ष की आयु में तंबाकू का सेवन शुरू किया था।