हाइलाइट्सकेंद्रीय गृह मंत्री ने लोकतंत्र की मजबूती के लिए स्वभाषा पर दिया जोरदिल्ली से बाहर पहली बार राजभाषा सम्मेलन के आयोजन को बताया महत्वपूर्णस्वभाषा के प्रति लोगों को मन में सम्मान का भाव लाने का किया आह्वानवाराणसी
उत्तर प्रदेश के चुनावी माहौल में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने स्वभाषा की जरूरत पर जोर दिया है। राजभाषा हिंदी को लेकर पहले कई प्रकार विवाद होते रहते थे। वहीं, सरकारी कामकाज की भाषा अंग्रेजी रही है। अब इसमें बदलाव का दावा केंद्रीय गृह मंत्री कर रहे हैं। अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने गृह मंत्रालय में राजभाषा को स्वीकार किए जाने की बात कही है। साथ ही, स्वभाषा को प्रशासनिक भाषा के रूप में स्वीकार किए बिना लोकतंत्र के सफल न होने की भी बात कही। साथ ही, हिंदी बोलने वालों में हीन भावना जैसी बात पर भी बड़ा बयान दिया।
अमित शाह ने कहा कि आज सिर्फ हिंदी बोलने वाला बच्चा खुद को कमतर समझता है। जल्द ऐसा वक्त आएगा जब हिंदी नहीं बोल पाने वाला खुद को कमतर मानेगा। इस प्रकार के बयान के जरिए उन्होंने आने वाली पीढ़ी में स्वभाषा के प्रति माहौल बनाने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि मैं गौरव के साथ कहना चाहता हूं कि आज गृह मंत्रालय में अब एक भी फाइल ऐसी नहीं है, जो अंग्रेजी में लिखी जाती या पढ़ी जाती है।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि हमने पूरी तरह से राजभाषा को स्वीकार किया है। बहुत सारे विभाग भी इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। सम्मेलन को दिल्ली से बाहर करने पर उन्होंने कहा कि हमने वर्ष 2019 में यह निर्णय लिया था। हालांकि, पिछले दो वर्षों में कोरोना संक्रमण के कारण यह संभव नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि यह नई शुरुआत आजादी के अमृत महोत्सव में होने जा रही है।
सफल लोकतंत्र के लिए स्वभाषा जरूरी
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि जब तक देश के प्रशासन की भाषा स्वभाषा नहीं होगी, तब तक लोकतंत्र सफल हो ही नहीं सकता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि लोकतंत्र तभी सफल हो सकता है जब प्रशासन की भाषा स्वभाषा हो, राजभाषा हो। उन्होंने कहा कि विश्व में सबसे अधिक बोली जाने वाली लिपिबद्ध भाषाएं भारत में हैं। उन्हें हमें आगे बढ़ाना है। भाषा जितनी सशक्त व समृद्ध होगी, उतनी ही संस्कृति व सभ्यता विस्तृत और सशक्त होगी। अपनी भाषा से लगाव व उसके उपयोग में कभी भी शर्म मत कीजिए। यह गौरव का विषय है।
हिंदी भाषा के तमाम विवाद अब खत्म
गृह मंत्री ने कहा कि पहले हिंदी भाषा को लेकर बहुत सारे विवाद खड़े करने का प्रयास किया गया था। अब वह समय खत्म हो गया है। देश के प्रधानमंत्री ने गौरव के साथ हमारी भाषाओं को दुनिया भर में प्रतिस्थापित करने का काम किया। आजादी के अमृत महोत्सव में हम देश के लोगों से आह्वान करेंगे कि स्वभाषा को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं।
नई शिक्षा नीति में भी राजभाषा पर जोर
केंद्रीय गृह मंत्री ने देश में लागू की गई नई शिक्षा नीति की भी सम्मेलन में चर्चा की। उन्होंने कहा कि देश में लागू हुई नई शिक्षा नीति का एक प्रमुख बिंदु भाषाओं का संरक्षण व संवर्द्धन है। राजभाषा के भी संरक्षण व संवर्द्धन पर जोर दिया गया है। नई शिक्षा नीति में राजभाषा व मातृभाषा पर जोर दिया गया है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने जो नया परिवर्तन किया है, वह भारत के भविष्य को परिवर्तित करने वाला साबित होगा।
राजभाषा सम्मेलन में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का स्वभाषा के इस्तेमाल पर जोर
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