हाइलाइट्सगैंगरेप मामले में आजीवन कारावास की सजा को गायत्री प्रजापति ने बताया चुनावी हथकंडागायत्री प्रजापति ने कहा कि सरकार को उनसे भय है कि क्योंकि वह अमेठी से चुनाव लड़ते सपा नेता प्रजापति ने कहा कि दबाव में फैसला हुआ है और उन्हें हाई कोर्ट से बरी हो जाएंगेलखनऊ
गैंगरेप मामले में आजीवन कारावास की सजा को सपा नेता गायत्री प्रजापति ने चुनावी हथकंडा बताया। गायत्री प्रजापति ने कहा कि सरकार को उनसे भय है कि क्योंकि वह अमेठी से चुनाव लड़ते और वहां की पूरी जनता उनके साथ खड़ी है। सपा नेता ने कहा कि दबाव में फैसला हुआ है और उन्हें हाई कोर्ट से बरी हो जाएंगे।
एमपी-एमएलए कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए गायत्री प्रजापति ने कहा, ‘ये जो भी फैसला है गलत है। मैं निर्दोष हूं। राजनीतिक विरोधियों के द्वारा साजिश के तहत व्यवहार हुआ है। जिस दिन मेरी गिरफ्तारी हुई, मैंने कहा था कि नार्को टेस्ट कार लिया जाए लेकिन सरकार ने नहीं कराया। न मेरा बयान लिया गया, न मेरी गवाही ली गई , 7 दिन के अंदर सजा दी गई है। साक्ष्य नहीं लिया गया, बहस का समय नहीं दिया।’
‘हाई कोर्ट- सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा’
सपा नेता ने आगे कहा, ‘सरकार को भय है मुझसे कि मैं अमेठी से चुनाव का लड़ता, गरीब का बेटा प्रजापति, कुम्हार का बेटा। पिछड़ो के साथ अन्नाय चाहती है सरकार। मुझे हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा है, मैं वहां बरी हो जाऊंगा।’
गायत्री प्रजापति की सजा पर बीजेपी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा,’मुलायम सिंह के दुलारे गायत्री प्रजापति को अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री रहते हुए बचाने की हर संभव कोशिश की थी, रेप पीड़िता को एफआईआर लिखवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक जाना पड़ा था, लेकिन आखिरकार न्याय की जीत हुई। सपा शासनकाल के कई मंत्री आज जेल की सलाखों के पीछे हैं।’
चित्रकूट नाबालिग गैंगरेप केस में आजीवन कारावास की सजा
गौरतलब है कि गायत्री प्रजापति समेत तीन लोगों को को चित्रकूट नाबालिग गैंगरेप केस में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। उन्हें गुरुवार को दोषी ठहराया गया था। दो-दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया।
18 फरवरी, 2017 को हाई कोर्ट के आदेश पर गायत्री प्रसाद प्रजापति व अन्य के खिलाफ थाना गौतम पल्ली में सामूहिक दुराचार, जान से मारने की धमकी व पॉक्सो कानून के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था।
2017 में हुई थी गिरफ्तारी
पीड़ित महिला ने दावा किया था कि बलात्कार की घटना पहली बार अक्टूबर 2014 में हुई थी और जुलाई 2016 तक जारी रही। जब आरोपी ने उसकी नाबालिग बेटी से छेड़छाड़ करने की कोशिश की, तो उसने शिकायत दर्ज करने का फैसला किया। 18 फरवरी, 2017 को एफआईआर होने के बाद प्रजापति को मार्च में गिरफ्तार किया गया था और तब से वह जेल में ही थे।
गायत्री प्रजापति
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