आगरा के थाना जगदीशपुरा में एत्मादपुर के गांव भागूपुर निवासी पप्पी देवी ने अंसल इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के कर्मचारी और मालिक के खिलाफ धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेज बनाने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया है। उनका कहना है कि शहर में बच्चों को पढ़ाई कराने के लिए पैतृक जमीन बेचकर कंपनी के सुशांत ताज सिटी प्रोजेक्ट में एक प्लाट खरीदा। मगर, कंपनी ने जिस जमीन को खरीदा नहीं था, उस जमीन में से प्लॉट उनको बेचकर रकम ले ली। बैनामा कराने की कहने पर जान से मारने की धमकी दी।
उन्होंने एसएसपी ऑफिस में शिकायती पत्र दिया था। मामले की जांच क्षेत्राधिकारी लोहामंडी को सौंपी गई थी। जांच के बाद मुकदमा दर्ज कराया गया। मुकदमे में कंपनी के प्रणव अंसल, योगेश गावा, विनय यादव, संदीप जैन, बल्लभ शर्मा और देव प्रियदास को नामजद किया।
उन्होंने मुकदमे में लिखा है कि बच्चों की पढ़ाई के लिए गांव की पैतृक जमीन को बेचा था। इसके बाद वर्ष 2012 में शहर में सदरवन स्थित अंसल इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के प्रोजेक्ट सुशांत ताज सिटी में एक प्लाट देखा। कंपनी के मालिक और कर्मचारियों ने उन्हें प्लाट का नक्शा दिखाया। उन्हें 289 वर्गगज का प्लाट 21.67 लाख रुपये में देना तय हुआ। रकम देने के बाद एलॉटमेंट पत्र जारी कर दिया गया। मगर, बैनामा नहीं कराया। कई बार कंपनी के दफ्तर के चक्कर लगाने के बावजूद जवाब नहीं मिला। इस पर उन्होंने खुद प्लाट की जानकारी की। इसमें पता चला कि प्लाट की भूमि का मालिकाना हक कंपनी के नाम नहीं है। इसकी शिकायत करने पर आरोपियों ने धमकी देकर ऑफिस से निकाल दिया।
एसएसपी से की थी शिकायत
महिला ने अधिवक्ता नितिन वर्मा के माध्यम से एसएसपी से शिकायत की। उन्होंने कहा कि वह नौ साल से भटक रही हैं। उनकी सुनवाई नहीं होने पर पुलिस के पास आई है। पुलिस पहले जांच के बात कहकर टहला देती थी। जांच के बाद मुकदमा दर्ज हुआ। थाना जगदीशपुरा के प्रभारी निरीक्षक प्रवींद्र कुमार सिंह का कहना है कि विवेचना की जा रही है। साक्ष्य संकलन किए जाएंगे। इसके बाद ही कार्रवाई की जाएगी। कंपनी का हेड आफिस अंसल भवन, कस्तूरबा गांधी मार्ग नई दिल्ली में है। कंपनी के अधिकारियों से बात की जाएगी।
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आगरा के थाना जगदीशपुरा में एत्मादपुर के गांव भागूपुर निवासी पप्पी देवी ने अंसल इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के कर्मचारी और मालिक के खिलाफ धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेज बनाने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया है। उनका कहना है कि शहर में बच्चों को पढ़ाई कराने के लिए पैतृक जमीन बेचकर कंपनी के सुशांत ताज सिटी प्रोजेक्ट में एक प्लाट खरीदा। मगर, कंपनी ने जिस जमीन को खरीदा नहीं था, उस जमीन में से प्लॉट उनको बेचकर रकम ले ली। बैनामा कराने की कहने पर जान से मारने की धमकी दी।
उन्होंने एसएसपी ऑफिस में शिकायती पत्र दिया था। मामले की जांच क्षेत्राधिकारी लोहामंडी को सौंपी गई थी। जांच के बाद मुकदमा दर्ज कराया गया। मुकदमे में कंपनी के प्रणव अंसल, योगेश गावा, विनय यादव, संदीप जैन, बल्लभ शर्मा और देव प्रियदास को नामजद किया।
उन्होंने मुकदमे में लिखा है कि बच्चों की पढ़ाई के लिए गांव की पैतृक जमीन को बेचा था। इसके बाद वर्ष 2012 में शहर में सदरवन स्थित अंसल इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के प्रोजेक्ट सुशांत ताज सिटी में एक प्लाट देखा। कंपनी के मालिक और कर्मचारियों ने उन्हें प्लाट का नक्शा दिखाया। उन्हें 289 वर्गगज का प्लाट 21.67 लाख रुपये में देना तय हुआ। रकम देने के बाद एलॉटमेंट पत्र जारी कर दिया गया। मगर, बैनामा नहीं कराया। कई बार कंपनी के दफ्तर के चक्कर लगाने के बावजूद जवाब नहीं मिला। इस पर उन्होंने खुद प्लाट की जानकारी की। इसमें पता चला कि प्लाट की भूमि का मालिकाना हक कंपनी के नाम नहीं है। इसकी शिकायत करने पर आरोपियों ने धमकी देकर ऑफिस से निकाल दिया।
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