12-11-2021
वैश्विक स्तर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का कद इतना ऊंचा हो चुका है कि उनके दिखाये रास्ते पर आज दुनिया के सबसे विकसित और ताकतवर देश भी चलने के लिए तैयार है। इसका फिर प्रमाण को ग्लासगो में क्लाइमेट चेंज पर चर्चा के लिए आयोजित COP26 में मिला, जब प्रधानमंत्री मोदी की पहल पर 2015 में शुरू की गई इंटरनेशनल सोलर अलायंस (आईएसए) में अमेरिका ने भी शामिल होने की घोषणा की। अब इस अलायंस के सदस्यों की संख्या बढ़कर 101 हो गई है। आईएसए के सदस्य के रूप में अमेरिका का स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह एक चिरस्थायी ग्रह के लिए सौर ऊर्जा का उपयोग करने की गठबंधन की साझा तलाश में उसे और मजबूती प्रदान करेगा।
आईएसए की रूपरेखा वाले समझौते पर हस्ताक्षर के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति के विशेष दूत जॉन केरी ने कहा, “हम इंटरनेशनल सोलर अलायंस में शामिल होकर खुश हैं जिसकी स्थापना में प्रधानमंत्री मोदी ने अगुआई की। हमने इस संबंध में ब्योरे का अध्ययन किया है और यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसका हिस्सा बनकर हम खुश हैं। यह वैश्विक स्तर पर सौर ऊर्जा के तेजी से और ज्यादा उपयोग की दिशा में अहम योगदान होगा। यह विशेष रूप से विकासशील देशों के लिए महत्वपूर्ण होगा।’ वहीं केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि खुशी है कि प्रधानमंत्री मोदी की ओर से शुरू किए गए विजनरी प्रयोग का अब अमेरिका भी औपचारिक तौर पर हिस्सा बन गया है। इससे इंटरनेशनल सोलर अलायंस को दुनिया भर में मजबूती मिलेगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने ग्रीन ग्रिड इनीशिएटिव के तहत ‘एक सूर्य, एक विश्व, एक ग्रिड’ का जो विजन दिया है, उसे तमाम देशों का समर्थन मिलता जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिटेन के ग्लासगो में ‘एक सूर्य, एक विश्व, एक ग्रिड’ का आह्वान किया। इसे ब्रिटेन के बाद अब अमेरिका ने भी अपना समर्थन दे दिया है। एक-एक कर के दुनिया भर के देश सूरज की ताकत को समझते हुए इस प्रोजेक्ट से जुड़ रहे हैं। अमेरिका की ऊर्जा सचिव जेनिफर ग्रैनहोम ने कहा कि अमेरिका का ऊर्जा विभाग ‘ग्रीन ग्रिड इनीशिएटिव- ‘वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रिड’ का पार्टनर बनने से बेहद खुश है।
प्रधानमंत्री मोदी के ‘एक सूर्य, एक विश्व, एक ग्रिड’ के विजन के पीछे मूल विचार यह है कि ‘सूरज कभी अस्त नहीं होता।’ दुनिया के किसी न किसी कोने तक उसकी रोशनी पहुंचती ही रहती है। इसका इस्तेमाल विभिन्न इलाकों में बड़े पैमाने पर सोलर एनर्जी तैयार करने में हो सकता है। ग्रीन ग्रिड इनीशिएटिव दुनियाभर से समेटी गई सौर ऊर्जा को अलग-अलग लोड सेंटर्स तक पहुंचाएगी। प्रधानमंत्री मोदी की इस पहल को जलवायु परिवर्तन के लक्ष्यों को पूरा करने की दिशा में गेमचेंजर कहा जा रहा है।
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