रबी की बुवाई अक्टूबर में शुरू होती है और नवंबर के मध्य में समाप्त होती है। अधिकारियों ने कहा कि राज्य के कई हिस्सों में बारिश के कारण रोपण में देरी हुई है और बारिश कम होने और सर्दी शुरू होने के बाद इसमें तेजी आएगी।
महाराष्ट्र में चालू वर्ष के लिए रबी सीजन की बुवाई शुरू हो गई है, महाराष्ट्र के कृषि विभाग की नवीनतम रिपोर्टों के अनुसार नवंबर के पहले सप्ताह में खेती के तहत कुल क्षेत्रफल का 9.64% बुवाई पूरी हो गई है।
इस सीजन में रबी फसल के तहत कुल 52 लाख हेक्टेयर में से पिछले सप्ताह तक 4.93 लाख हेक्टेयर में बुवाई पूरी हो चुकी है। पिछले साल इसी अवधि में बुवाई का आंकड़ा 4.84 लाख हेक्टेयर था। रबी सीजन की मुख्य फसलों में गेहूं, मक्का, चना, तिल, सरसों, मटर, जई, ज्वार और बाजरा शामिल हैं।
रबी की बुवाई अक्टूबर में शुरू होती है और नवंबर के मध्य में समाप्त होती है। अधिकारियों ने कहा कि राज्य के कई हिस्सों में बारिश के कारण रोपण में देरी हुई है और बारिश कम होने और सर्दी शुरू होने के बाद इसमें तेजी आएगी।
पिछले सप्ताह तक 89,200 हेक्टेयर में दलहन की बुआई हो चुकी है, जबकि पिछले साल इसी अवधि में 41,157 हेक्टेयर में दलहन की बुवाई हुई थी। पिछले साल 1,129 हेक्टेयर के मुकाबले 2,040 हेक्टेयर में तिलहन लगाया गया है। दलहन, ज्वार, गेहूं और मक्का सहित खाद्यान्न 4,91,578 हेक्टेयर में लगाया गया है। पिछले साल इसी अवधि में खाद्यान्न का रकबा 4,83,259 हेक्टेयर था।
महाराष्ट्र सरकार ने रबी सीजन 2021-22 के लिए पिछले साल के 51 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 60 लाख हेक्टेयर में बुवाई का लक्ष्य रखा है। राज्य के कृषि मंत्री दादासाहेब भूसे के अनुसार, चूंकि राज्य में लगातार दूसरे वर्ष अच्छा मानसून रहा है, इसलिए राज्य के लक्ष्य तक पहुंचने की संभावना है।
रिपोर्ट के मुताबिक कपास, सोयाबीन, उड़द, मूंग, ज्वार, बाजरा और मूंगफली समेत कुछ खरीफ फसलें कटाई के लिए तैयार हैं। अरहर की फसल फूलने लगी है।
अधिकारियों के अनुसार, अच्छी बारिश के कारण विशेष रूप से मराठवाड़ा क्षेत्र में गन्ने का रकबा बढ़ने की संभावना है। खरीफ सीजन में 143.82 लाख हेक्टेयर में गन्ने की खेती की गई थी।
रबी के लिए गन्ने की बुवाई दिसंबर से शुरू हो रही है। इस रबी सीजन के लिए केंद्र ने राज्य को लगभग 29.50 लाख टन उर्वरक आवंटित किया है।
.
More Stories
आज सोने का भाव: शुक्रवार को महंगा हुआ सोना, 22 नवंबर को 474 रुपये की बिकवाली, पढ़ें अपने शहर का भाव
सॉक्स ब्रांड बलेंजिया का नाम स्मृति हुआ सॉक्सएक्सप्रेस, युवाओं को ध्यान में रखते हुए कंपनी ने लिया फैसला
कोई खुलागी नहीं, रेस्तरां में मॉन्ट्रियल ट्रिब्यूनल, संसद की घोषणा और शहर की कोशिशें