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आजादी के 75 साल बाद यूपी के गांव में इस दीपावली आएगा उजाला, सरकार ने की ये बड़ी घोषणा

हाइलाइट्सएटा के ‘तुलाई का नागला’ गांव में अब तक नहीं पहुंची है बिजलीसरकार ने की दो माह के भीतर गांव के विद्युतीकरण की घोषणाप्रशासन ने दीपावली के मौके पर गांव में की जेनरेटर की व्यवस्थागांव के लोगों को दिया जा रहा कनेक्शन, घर व रास्ते होंगे रोशनआगरा
एटा के ‘तुलाई का नागला’ गांव का अंधेरा आखिरकार दूर होगा। आजादी के 75 साल बाद भी यह गांव बिजली की सुविधा से वंचित है। मामला के जोरदार तरीके से उठाए जाने के बाद सरकार का ध्यान इस तरफ गया है। राज्य सरकार ने गांव के विद्युतीकरण का कार्य अगले 2 माह में पूरा कर लिए जाने की घोषणा की है। ‘अंधेरी दिवाली’ सीरीज के तहत हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया ने गांव की समस्या को उठाया। गांव के लोगों ने शिकायत की थी कि उनकी बिजली आपूर्ति की मांग 60 वर्षों से अधिक समय से लंबित है।

प्रदेश के बिजली मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि ‘तुलाई का नागला’ गांव को केंद्र सरकार की ओर से शुरू की गई पुनर्निर्मित वितरण क्षेत्र योजना के तहत शामिल किया गया है। गांव को रोशन करने की कार्रवाई की जा रही है। राज्य सरकार के स्वामित्व वाली डिस्कॉम दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (डीवीवीएनएल) के प्रबंध निदेशक ने जिला मजिस्ट्रेट और बिजली विभाग के अधिकारियों के साथ एक बैठक की है, जिसमें हर एक अंधेरे क्षेत्र को उजाला करने की रणनीति बनी। इसमें भारत के आखिरी अंधेरे क्षेत्र को भी विद्युतीकरण करना है। केंद्र सरकार की ओर से वर्ष 2018 में देश के हर क्षेत्र के पूर्ण विद्युतीकरण का दावा किया गया था।

हर गांव को करेंगे रोशन
बिजली विभाग के अधिकारियों ने बताया कि अगले दो महीने में गांव के हर घर को रोशन कर दिया जाएगा। दीपावली के बाद बिजली पोल लगाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इस बीच स्थानीय प्रशासन ने दिवाली के दौरान गांव को रोशन करने की व्यवस्था की है, ताकि निवासियों को फिर से अंधेरे में त्योहार नहीं मनाना पड़े। डीवीवीएनएल के एमडी अमित किशोर ने कहा कि ‘तुलाई का नगला’ के विद्युतीकरण का काम शुरू हो गया है। एटा के अधीक्षण अभियंता को कार्य योजना तैयार करने को कहा गया है। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि इसे समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाए।

जमीनी स्थिति का हुआ आकलन
एटा के डीएम अंकित कुमार अग्रवाल ने बताया कि अलीगंज के उप-विभागीय मजिस्ट्रेट और बिजली विभाग के अधिकारियों के नेतृत्व में एक टीम को जमीनी स्थिति का आकलन करने के लिए गांव भेजा गया था। प्राथमिकता के आधार पर विद्युतीकरण किया जाएगा। मैंने रोशनी के लिए अस्थायी व्यवस्था करने का भी आदेश दिया है ताकि ग्रामीण रोशनी का त्योहार मना सकें। अलीगंज के अनुविभागीय दंडाधिकारी मानवेंद्र सिंह ने बताया कि गांव की मुख्य सड़क पर जेनरेटर लाकर लाइट लगा दी गयी है। अभी जनरेटर का उपयोग ग्रामीण अपने घरों को रोशन करने के लिए भी कर सकते हैं। यह व्यवस्था एक सप्ताह तक लागू रहेगी। उन्होंने कहा कि राज्य की गैर-पारंपरिक ऊर्जा विकास एजेंसी को ग्रामीणों के लिए सोलर लाइट उपलब्ध कराने को कहा गया है।

फोन चार्ज करने के लिए जाना होता है दो किलोमीटर दूर
गांव के लोगों को बिजली नहीं होने के कारण मोबाइल चार्ज करने संबंधी जरूरत के लिए दो किलोमीटर दूर ‘राजा का रामपुर’ जाना पड़ता है। इस गांव में 30 से अधिक घर हैं, जहां करीब 300 लोग निवास करते हैं। बिजली नहीं होने के कारण यहां के छात्रों को ऑनलाइन कक्षाओं में भाग लेने में मुश्किल होती है। शाम को पढ़ने के लिए मोमबत्तियों का उपयोग करना पड़ता है। सबसे अधिक दिक्कत महिलाओं को होती है। उन्हें रात का खाना शाम को ही तैयार करना पड़ता है।

सालों बाद भी नहीं बदली स्थिति
मामले को उजागर किए जाने के बाद से गांव के लोग खुश हैं। स्थानीय करीब 100 वर्षीय राजाराम कहते हैं कि हमने तो अंधेरे में दशकों बिता दिए। जन प्रतिनिधियों व स्थानीय अधिकारियों तक अपनी समस्या पहुंचाने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन सफलता नहीं मिली। साल बीते, सरकारें बदलती रहीं, लेकिन हमारी किस्मत का अंधेरा नहीं दूर हुआ। बुधवार को एक वरिष्ठ अधिकारी पहली बार गांव में आए और कहा कि हर घर में बिजली पहुंचा दी जाएगी। यह हमारे लिए खुशी का पल है। इस बार की दिवाली हमारे लिए बहुत खास हो गई है।

यह दिवाली का सबसे बड़ा उपहार
स्थानीय रंजना शाक्य ने प्रशासन की ओर से शुरू हुई कवायद पर कहा कि हमें 60 वर्षों में अपना सबसे बड़ा दिवाली उपहार मिला है, शायद उससे भी ज्यादा। पहली बार गांव की सड़कों को रोशन किया जा रहा है। एसडीएम ने हमें सूचित किया है कि हमें अगले दो महीनों के भीतर बिजली मिल जाएगी। इससे छात्रों को मदद मिलेगी। सूर्यास्त के बाद हमें मोमबत्तियों, दीयों और मशालों पर जीवित नहीं रहना पड़ेगा। हमने इस साल बड़ा जश्न मनाने की योजना बनाई है। बिजली की कमी के कारण गांव से पलायन करने वाले लोग भी लौटने को तैयार हैं।

एटा के तुलाई का नागला गांव में इस बार जेनरेटर की रोशनी में मनेगी दीवाली