अभिषेक कुमार झा, वाराणसी
दिवाली से ठीक पहले वाराणसी के रोहनिया थाने के करसड़ा में ज़मीन खाली कराने का मुद्दा तूल पकड़ने लगा है। अटल आवासीय विद्यालय के लिए करसड़ा में मुसहर बस्ती खाली कराने में बस्ती के कुछ घर गिरा दिए गए हैं। इसके बाद मुसहर बस्ती के लोग शुक्रवार की रात ही डीएम आवास घेरने पहुंच गए। बूढ़े-बच्चे, महिलाओं समेत डीएम आवास घेरने जाने के क्रम में सभी को पहले ही रोक दिया गया था।
उन्हें शनिवार को अधिकारियों से मिलने का आश्वासन देकर वापस भेज दिया गया। वहीं जिलाधिकारी ने बताया कि लोगों को पुनर्वास के तहत ज़मीन पट्टे पर दे दी गई है और जगह खाली करने के लिए 3 महीने पहले नोटिस भी दिया गया था।
ग्रामीणों का आरोप बाढ़ प्रभावित इलाके में दी जा रही है ज़मीन
बस्ती के रहने वाले राजकुमार ने एनबीटी ऑनलाइन को बताया कि शुक्रवार को दिन में उपजिलाधिकारी मीनाक्षी पांडे आईं और हमसे एक कागज पर दस्तखत करवाया। जब हमने अपने वकील से बात कर दस्तखत करने की बात कही तो हमसे जबरन दस्तखत करवाया गया। ज़मीन हमारी पुश्तैनी है। ज़मीन की खतौनी अशोक, चमेली देवी और पिंटू के नाम पर है। वहीं दूसरी ओर करीब तेरह परिवारों ने इसी तरह के दावे किए और जबरन घर गिराए जाने के खिलाफ शिकायत करने जिला अधिकारी कौशल राज शर्मा के आवास के लिए देर रात निकले।
रास्ते मे ही डीएम के आवास से पहले ही इन्हें रोक लिया गया और आश्वासन दिया गया कि सुबह अधिकारी मौके पर आएंगे। बस्ती के सभी लोगों ने करसड़ा वापस आकर खुले आसमान के नीचे रात गुजारी। वहीं बुजुर्ग बुधयु कहते हैं कि वो पुश्तैनी ज़मीन पर वर्षो से काबिज़ हैं और जो जमीन दी जा रही है वो पास के नाले के बगल में है जो बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में है।
डीएम का दावा- 3 महीने पहले ज़मीन खाली करने का दिया गया था नोटिस
दिवाली के ठीक पहले इस तरह की कार्रवाई ने जिला प्रशासन को कटघड़े में खड़ा कर दिया। जिलाधिकारी कौशल शर्मा ने बताया कि ज़मीन पहले बुनकर विभाग की थी जिसे लेबर डिपार्टमेंट को दे दी गई थी। इस जमीन पर अटल आवासीय विद्यालय बनना प्रस्तावित है। ये ज़मीन ग्राम समाज की है और वहां रहने वाले लोगों ने वहां पर अवैध कब्जा कर रखा था। सीआईपीईटी और लेबर डिपार्टमेंट का अकादमिक भवन वहां बनना है जो वहां के स्थानीय बच्चों के लिए ही है।
बड़ा सवाल- अगर अवैध अतिक्रमण तो रिसेटेलमेंट क्यों?
जिला अधिकारी से जब ग्रामीणों द्वारा दिखाए जाने वाले खतौनी के कागज़ों के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें नही पता कि वो कौन से कागज़ दिखा रहे हैं । वहीं दूसरी ओर जिला अधिकारी के शब्दों में अगर कब्ज़ा अवैध था तो फिर कब्ज़ा करने वालो को पट्टे पर ज़मीन कईं अलॉट की जा रही है।
जमीन खाली कराने के मुद्दे ने पकड़ा तूल
More Stories
Allahabad Central University का 136वां दीक्षांत समारोह: कुमार विश्वास को मानद उपाधि, सीएम योगी करेंगे मेधावियों को सम्मानित
Kanpur: आठ साल की मासूम के साथ दुष्कर्म, आरोपी को कोर्ट में पेश कर जेल भेजा, फास्ट ट्रैक कोर्ट में जल्द होगी सुनवाई
UP By-Election Results 2024: सीएम योगी का फिर चला जादू, बीजेपी ने मारी बाज़ी, सपा दो पर सिमटी