पश्चिमी उत्तर प्रदेश में डेंगू और बुखार कहर बरपा रहा है। बुधवार को मेरठ और सहारनपुर में डेंगू के 54 नए मरीज सामने आए हैं, जबकि सहारनपुर जनपद में 35 शिविरों में 132 लोग बुखार से तपते हुए मिले। वहीं मेरठ के ब्रह्मपुरी थाने समेत कई स्थानों पर लार्वा मिला है। स्वास्थ्य विभाग की टीम अब तक 600 से ज्यादा लोगों को नोटिस दे चुकी है। बिजनौर-बागपत समेत अन्य जनपदों में भी डेंगू और बुखार अपना कहर बरसा रहा है। आगे जानें आखिर वेस्ट यूपी में क्या है डेंगू और बुखार की स्थिति: –
मेरठ में थाने में मिला लार्वा
मेरठ में जिला मलेरिया विभाग की टीम ने बुधवार को सरकारी कार्यालयों और थानों का कंटेनर सर्वे किया, जिसमें चार स्थानों पर लार्वा मिला। परतापुर और ब्रह्मपुरी थानों में खड़े वाहनों में, संयुक्त शिक्षा निदेशक माध्यमिक और जिला विद्यालय निरीक्षक के कार्यालयों में कूलर में लार्वा पनप रहा था। चारों स्थानों पर नोटिस दिए गए। बुधवार को डेंगू के 34 नए मरीज मिले।
पिछले 71 दिन में ही डेंगू के 1186 मरीज मिल चुके हैं। 1186 में से 912 ठीक हो चुके हैं। 274 सक्रिय केस हैं, जिनमें से 98 अस्पतालों में भर्ती हैं और 176 घर इलाज करा रहे हैं। नए मरीज जयभीमनगर, कंकरखेड़ा, कसेरू बक्सर, कुंडा, मकबरा डिग्गी, मलियाना, पल्हेड़ा, साबुन गोदाम, तारापुरी, दौराला, खरखौदा, माछरा, मवाना, परीक्षितगढ़, रजपुरा, रोहटा और जाहिदपुर के रहने वाले हैं। जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. सत्यप्रकाश का कहना है कि लार्वा मिलने पर जिले में 600 से ज्यादा नोटिस दिए जा चुके हैं।
सहारनपुर में डेंगू के 20 मरीज मिले,132 मरीज बुखार के मिले
सहारनपुर जनपद में डेंगू और बुखार का प्रकोप कम होने का नाम नहीं ले रहा है। जनपद में बुधवार को डेंगू के 20 मरीज मिले, जबकि जिले भर में 35 जगहों पर लगाए शिविरों में 132 मरीज बुखार के मिले। सीएमओ डॉ. संजीव मांगलिक और जिला मलेरिया अधिकारी शिवांका गौड़ ने भी कई जगहों पर जाकर शिविरों का जायजा लिया। चिकित्सा विभाग की टीमों ने 2,690 घरों पर जाकर 11,209 लोगों को संचारी रोगों से बचने के लिए जागरूक किया।
बुधवार को 20 लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई है। चिकित्सा विभाग के अनुसार जनपद में अभी तक 241 मरीज डेंगू के मिल चुके हैं। उधर, संचारी रोग जैसे डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया की रोकथाम के लिए चिकित्सा विभाग की ओर से देहात और शहर में शिविर लगाए जा रहे हैं। बुधवार को शिविरों में कुल 520 लोग परामर्श लेने पहुंचे। इनमें बुखार के 132 मरीज रहे, इनके खून के नमूने लेकर जांच के लिए भेजे। जरूरी दवाएं भी दी।
संचारी रोगों पर नियंत्रण के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। प्रतिदिन शहर और देहात में शिविर आयोजित कर मरीजों को परामर्श और दवाएं दी जा रही हैं। बड़ी संख्या में जांच भी कराई जा रही हैं। हम खुद शिविरों में जाकर व्यवस्था का जायजा ले रहे हैं। लोगों को भी सावधानी बरतने की जरूरत है। – डॉ. संजीव मांगलिक, सीएमओ।
शामली में डेंगू की दहशत
शामली जिले में चल रहे डेंगू के प्रकोप चल रहा है, जिसके चलते लोगों में इसे लेकर दहशत सी बनी है। चिकित्सकों का कहना है कि डेंगू के घबराने की जरूरत नहीं, बल्कि जागरूक होने की जरूरत है। इससे बचाव करने के साथ समय पर उपचार कराने से डेंगू बुखार पर काबू पाया जा सकता है। शरीर में प्लेटलेट्स कम होने पर जरूरी नहीं कि डेंगू ही हो, कोई अन्य बुखार भी हो सकता है। इसके लिए मरीज की जांच कराना जरूरी है।
जिले में डेंगू का प्रकोप चल रहा है। अब तक जनपद में डेंगू बुखार के 71 मरीज मिल चुके हैं। जिला बनने के बाद अब तक सबसे ज्यादा है। पिछले साल डेंगू के आठ केस मिले थे, जबकि इससे पहले 2016 में 14 मरीज मिले थे। इस बार डेंगू बुखार के केस ज्यादा मिलने पर लोगों में दहशत बनी है। इसके अलावा मलेरिया बुखार के भी 43 केस मिल चुके हैं।
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डेंगू से घबराने की जरूरत नहीं
फिजिशियन डॉ. पंकज गर्ग का कहना है कि डेंगू के केस इस बार ज्यादा है, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है बल्कि लोगों के जागरूक होने की जरूरत है। उनका कहना है कि बुखार कोई भी हो, उससे शरीर में प्लेटलेट्स कम होती है। इसलिए प्लेटलेट्स कम होने से जरूरी नहीं होता कि डेंगू ही हो। डेंगू की पुष्टि के लिए एलाइजा जांच करानी चाहिए। रैपिड किट से जांच कराने पर डेंगू होना शत-प्रतिशत प्रमाणिक नहीं माना जाता। सामान्य तौर पर शरीर में डेढ़ से चार लाख प्लेट्टेस होती हैं। 50 हजार से कम प्लेटलेट्स होने पर चिंता की बात नहीं। अगर 10 से 20 हजार प्लेट्लेट्स रह जाती है तो रक्तस्राव होने का खतरा रहता है। ऐसी स्थिति में मरीज के उपचार में लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। बुखार से बचाव के तरीके अपनाने चाहिए। अगर बुखार होता है तो चिकित्सक की सलाह से ही दवा लेनी चाहिए।
बिजनौर में बुखार से दो की मौत, दस अस्पताल में भर्ती
बिजनौर जिले में बुखार का कहर कम नहीं हो रहा है। बुधवार को बुखार से एक किशोरी और युवक की मौत हो गई। दस से ज्यादा बुखार पीड़ित अस्पताल में भर्ती कराए गए हैं, जिनका उपचार चल रहा है। डेंगू के भी पांच संदिग्ध रोगी मिले हैं। इस तरह बीमारी फैलने के बावजूद भी जिला अस्पताल में अव्यवस्था फैली हुई है। मरीजों को उपचार के लिए भटकना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने गांव में स्वास्थ्य शिविर लगाने की मांग की है। इनके अलावा जिला अस्पताल में बुधवार को दस से ज्यादा बुखार पीड़ित भर्ती कराए गए, जिनका उपचार चल रहा है। डेंगू के पांच संदिग्ध भी भर्ती कराए गए हैं, जिनका उपचार शुरू कर दिया गया है।
जिला अस्पताल में छुट्टी पर डॉक्टर, भटकते रहे मरीज
जिला अस्पताल में सख्ती के बाद भी व्यवस्था नहीं सुधर रही है। सीएमओ डॉ. दिनेश कुमार के सीएमएस को पत्र लिखने के बाद कई डॉक्टर छुट्टी पर चले गए है। जिन फिजीशियन पर रुपये लेने के आरोप लगे थे और उनपर सख्ती के निर्देश दिए गए थे, वह भी बुधवार को छुट्टी पर चले गए। इससे अस्पताल में आने वाले अधिकतर भटकते रहे। जिला अस्पताल में एक दिन में करीब 1200 मरीज उपचार के लिए पहुंच रहे है और उनमें से करीब 200 बुखार से पीड़ित होते हैं, लेकिन अस्पताल में डॉक्टरों के कक्षों पर डाक्टर छुट्टी पर होने के पर्चे लगे हुए हैं, जिससे मरीजों की परेशानी बढ़ रही है।
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