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पूर्व शिक्षा मंत्री राकेश धर त्रिपाठी के विरुद्ध आय से अधिक संपत्ति के मुकदमे में बुधवार को स्पेशल कोर्ट एमपी एम पी एम एल ए में वादी मुकदमा राम सुभग राम का बयान दर्ज हुआ । विशेष न्यायाधीश आलोक कुमार श्रीवास्तव के समक्ष लोक अभियोजक राजेश कुमार गुप्ता ने गवाह को पेश किया। बयान दर्ज करने के पश्चात बचाव पक्ष की ओर से जिरह की गई।
राकेश धर पर भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के अंतर्गत आरोप तय किया गया है, पूर्व मंत्री के आरोपों से इनकार करने पर अदालत ने सरकारी पक्ष को गवाहों को पेश करने के लिए आदेश दिया था। ,गवाह राम सुभग राम ने राकेश धर के विरुद्ध थाना मुट्ठीगंज में 23 नवंबर 2012 को मुकदमा पंजीकृत कराया था, मामले में अन्य गवाहों के बयान दर्ज कराने के लिए कोर्ट ने दो नवंबर की तिथि नियत किया है।
राकेश धर पर आरोप है कि एक मई 2007 से 31 दिसंबर 2011 के बीच उत्तर प्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री के रूप में लोकसेवक रहे ,पद पर रहते हुए इस अवधि के दौरान आय के समस्त स्रोतों एवं वैध स्रोतों से 49,49,928, रुपए अर्जित किया तथा इस अवधि में संपत्ति अर्जन एवं भरण पोषण पर 2,67,08,605 रुपए खर्च किया जोकि आय के सापेक्ष 2,17,58,677 रुपए अधिक है जिसका संतोषजनक स्पष्टीकरण नहीं दिया जो कि भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 13 (2) के अधीन अंतर्गत दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है।
पूर्व शिक्षा मंत्री राकेश धर त्रिपाठी के विरुद्ध आय से अधिक संपत्ति के मुकदमे में बुधवार को स्पेशल कोर्ट एमपी एम पी एम एल ए में वादी मुकदमा राम सुभग राम का बयान दर्ज हुआ । विशेष न्यायाधीश आलोक कुमार श्रीवास्तव के समक्ष लोक अभियोजक राजेश कुमार गुप्ता ने गवाह को पेश किया। बयान दर्ज करने के पश्चात बचाव पक्ष की ओर से जिरह की गई।
राकेश धर पर भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के अंतर्गत आरोप तय किया गया है, पूर्व मंत्री के आरोपों से इनकार करने पर अदालत ने सरकारी पक्ष को गवाहों को पेश करने के लिए आदेश दिया था। ,गवाह राम सुभग राम ने राकेश धर के विरुद्ध थाना मुट्ठीगंज में 23 नवंबर 2012 को मुकदमा पंजीकृत कराया था, मामले में अन्य गवाहों के बयान दर्ज कराने के लिए कोर्ट ने दो नवंबर की तिथि नियत किया है।
राकेश धर पर आरोप है कि एक मई 2007 से 31 दिसंबर 2011 के बीच उत्तर प्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री के रूप में लोकसेवक रहे ,पद पर रहते हुए इस अवधि के दौरान आय के समस्त स्रोतों एवं वैध स्रोतों से 49,49,928, रुपए अर्जित किया तथा इस अवधि में संपत्ति अर्जन एवं भरण पोषण पर 2,67,08,605 रुपए खर्च किया जोकि आय के सापेक्ष 2,17,58,677 रुपए अधिक है जिसका संतोषजनक स्पष्टीकरण नहीं दिया जो कि भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 13 (2) के अधीन अंतर्गत दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है।
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