चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ने मंगलवार को एसएन मेडिकल कॉलेज में करीब 150 करोड़ रुपये की योजनाओं का लोकार्पण किया। चिकित्सकों के लिए बनने वाली 25 करोड़ रुपये के आवासीय परिसर का शिलान्यास भी किया है। चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुबह करीब 11 बजे एसएन कॉलेज पहुंचे। उन्होंने सबसे पहले एमसीएच में बनी मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर का लोकार्पण किया। वहां से नर्सिंग कॉलेज, पीजी हॉस्टल का लोकार्पण करते हुए ऑडिटोरियम में आए। यहां पर ऑडिटोरियम का लोकार्पण किया। एसएन परिसर में चिकित्सकों के लिए बनने वाली आवासीय परियोजना का शिलान्यास किया।
ये हैं योजनाएं
ऑडिटोरियम: 500 सीटों की क्षमता, 9.45 करोड़ रुपये की लागत से बना है। 2016 में निर्माण को मंजूरी मिली और बीते साल 2020 तैयार हुआ। इसमें अंतराष्ट्रीय स्तर की सेमिनार-कांफ्र्रेंस हो सकेंगे, जिससे डॉक्टर और मेडिकल छात्रों को लाभ मिलेगा। अभी तक एसएन में ऑडिटोरियम नहीं था। एमबीबीएस की 22 सीटें कम होने पर एमसीआई के बताए कारणों में एक मानक यह भी था।
छात्रावास: परास्नातक छात्रों के लिए हॉस्टल में 250 बेड की क्षमता है। 16.86 करोड़ रुपये से बना है। अक्तूबर 2021 में बनकर तैयार हुआ। एमसीआई के मानकों के अनुसार हॉस्टल की कमी मिलने पर शासन से 2016 में इसके निर्माण को मंजूरी मिली। इसके निर्माण से अब एसएन में विभन्न विभागों में परास्नातक की सीटें बढ़ जाएंगी।
मॉड्यूलर ओटी: 60.50 करोड़ रुपये की लागत से 20 मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर बने हैं। 2004 में इनको मंजूरी मिली। इसमें से आठ ओटी बीते साल जुलाई में तैयार हुए। 12 ओटी इसी साल जुलाई में पूरे हुए हैं। स्त्री रोग, सर्जरी, हड्डी, नेत्र रोग समेत विभिन्न विभाग में हैं ओटी हैं। इसमें अत्याधुनिक मशीनें लगाई गई हैं। इनमें गंभीर मर्ज के भी ऑपरेशन हो सकेंगे।
नर्सिंग कॉलेज: 2010 में कॉलेज को मंजूरी मिली। 37 करोड़ रुपये की लागत से यह 2013 में बनकर तैयार हुआ। इसमें बीएससी नर्सिंग कोर्स की पढ़ाई होगी। चार साल के कोर्स में हर साल में 60 प्रशिक्षु नर्स मिलेंगी, जिससे एसएन में नर्स की कमी पूरी होगी। मरीजों को बेहतर नर्सिंग सेवाएं मिल सकेंगी। यहां निजी कॉलेजों के मुकाबले बेहद सस्ती फीस पर छात्र कोर्स कर सकेंगे।
आवासीय परिसर: चिकित्सकों के लिए टाइप तीन और टाइप चार के 56 आवास बनेंगे। ये 25 करोड़ रुपये की लागत से बनेंगे। बीते साल सरकार ने इसके निर्माण की मंजूरी देते हुए बजट जारी किया है। अभी चिकित्सकों के लिए आवासीय परिसर नहीं है। एमसीआई के बताए मानकों में यह भी एक शामिल था। इससे आपात स्थिति में चिकित्सक तत्काल सेवाएं दे सकेंगे।
चिकित्सक मंत्रीजी के कार्यक्रम में व्यस्त, भटकते रहे मरीज
आगरा एसएन मेडिकल कॉलेज में सुबह करीब दो घंटे तक मरीजों को परेशानी हुई। वरिष्ठ चिकित्सक मंत्रीजी के कार्यक्रम में व्यस्त थे, ऐसे में मरीज इलाज और जांच कराने के लिए भटकते रहे। नई इमारत के पास बच्चे को लेकर बैठे अकबरा के रमेश चंद्र ने बताया कि बच्ची की पसली चल रही है। डॉक्टरों ने भर्ती करने से मना कर दिया है। कहा कि अभी नहीं देख पाएंगे कहीं ओर लेकर चले जाओ, अब निजी अस्पताल लेकर जाना पड़ेगा।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने प्राचार्य को टोका, सांस्कृतिक कार्यक्रम रोके
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने एसएन कॉलेज की उपलब्धियां और इतिहास के बारे में बता रहे प्राचार्य डॉ. प्रशांत गुप्ता को बीच में टोकते हुए कहा कि अब बस रहने दो। कार्यक्रम का संचालन कर रहीं डॉ. शेफाली मजूमदार और डॉ. दिव्या श्रीवास्तव ने छात्राओं के सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए मंच से बुलाया तो चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने उन्हें देरी का हवाला देते हुए कार्यक्रम रोक दिए। विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल को भी बोलने का मौका नहीं मिला।
‘2017 से शुरू हुआ प्रयास अब हुआ पूरा’
विधायक योगेंद्र उपाध्याय ने बताया कि 2017 से एसएन के इंटीग्रेटेड योजना और एसएन में बेहतर चिकित्सकीय सेवाओं के लिए प्रयास शुरू किए। चिकित्सा शिक्षा मंत्री, मुख्यमंत्री, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री तक अपनी बात पहुंचाई और आखिरकार सुपर स्पेशियलिटी सेंटर और इंटीग्रेटेड योजना साकार हुई। अब गंभीर इलाज के लिए मरीजों को दूसरे शहर और राज्यों में नहीं जाना होगा।
‘70 साल की तुलना में तेजी से हुआ कार्य’
राज्यमंत्री चौधरी उदयभान सिंह ने कहा कि 70 साल के मुकाबले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के राज में तेजी से विकास कार्य हुआ। पिछली सरकार में कॉलेज की दयनीय स्थिति थी, मरीजों के साथ दुर्व्यवहार होता था। सैफई परिवार की दबंगई चलती थी। लेकिन अब ऐसा नहीं है। सभी को साथ लेकर कार्य हो रहा है।
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