कुल 38 बंदी आगरा लाए गए, इनमें 27 कश्मीर तो 11 जम्मू जेल सेजेल में बंदियों को दाखिल करने के दौरान थी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था इससे पहले भी कश्मीर से शिफ्ट किए जा चुके हैं बंदीआगरा
जम्मू-कश्मीर में टारगेट किलिंग की लगातार हो रहीं घटनाओं के बीच वहां की जेलों से 38 खूंखार बंदियों को आगरा सेंट्रल जेल में भेजा गया है। शनिवार शाम को स्पेशल फ्लाइट से बंदी आगरा के खेरिया एयरपोर्ट पहुंचे। कड़ी सुरक्षा के बीच बंदियों को जेल लाया गया। कड़ी तलाशी के बाद सभी को दाखिल किया गया। उन्हें विशेष बैरक में रखा गया है।
बंदियों को जेल तक लाने के लिए जम्मू-कश्मीर पुलिस और आगरा पुलिस के जवानों के साथ खिड़कियों पर चादर ढकी चार वैनों में बैठाया गया था। उनके आगे और पीछे दो गाड़ियों में पुलिस थी। एसपी सिटी विकास कुमार और एएसपी लखन के नेतृत्व में आगरा पुलिस ने एस्कॉर्ट किया। शाम साढ़े चार बजे बंदियों को जेल में दाखिल कर दिया गया। एसपी सिटी विकास कुमार ने बताया कि जेल में बंदियों को दाखिल करने के दौरान कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी।
38 बंदी आगरा लाए गए
सूत्रों के मुताबिक कुल 38 बंदी आगरा लाए गए हैं। इनमें 27 कश्मीर से, जबकि 11 जम्मू से हैं। इन बंदियों को आम बंदियों से अलग दो बैरक में रखा गया है। उनका एंटीजन टेस्ट भी कराया जाएगा। सितंबर 2019 में भी जम्मू कश्मीर से बंदियों को आगरा भेजा गया था। कश्मीर से आर्टिक्ल 370 हटने के बाद वहां सक्रिय अलगाववादी लोगों को तत्कालीन सरकार ने गिरफ्तार किया था। तब लोक सुरक्षा अधिनियम के तहत गिरफ्तार किए गए 80 से अधिक बंदियों को इतनी ही कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में सितंबर 2019 में आगरा सेंट्रल जेल भेजा गया था।
‘पड़ोसी नहीं बदल सकते’…अब भारत से दोस्ती चाहता है तालिबान
आगरा सेंट्रल जेल में कश्मीरी बंदियों की संख्या 56
टारगेट किलिंग की घटनाओं के दौरान इस महीने 17 अक्टूबर को 15 कश्मीरी बंदी पहले आ चुके हैं। तीन कश्मीरी बंदी पहले से ही इन्हीं जेल में हैं, इनमें से दो पाक अधिकृत कश्मीर के हैं। अब आगरा सेंट्रल जेल में कश्मीरी बंदियों की संख्या 56 हो गई है।
More Stories
Kanpur: आठ साल की मासूम के साथ दुष्कर्म, आरोपी को कोर्ट में पेश कर जेल भेजा, फास्ट ट्रैक कोर्ट में जल्द होगी सुनवाई
UP By-Election Results 2024: सीएम योगी का फिर चला जादू, बीजेपी ने मारी बाज़ी, सपा दो पर सिमटी
Meerapur Bypoll Election Result: हिंदुत्व की हुंकार, जाटों की एकजुटता और सटीक रणनीति से रालोद की बड़ी जीत, सपा को सियासी झटका