नोएडा
नोएडा इंटरनैशनल एयरपोर्ट के दूसरे चरण के जमीन अधिग्रहण की राह में विरोध का रोड़ा खड़ा हो गया है। किसानों ने जमीन अधिग्रहण के लिए जनसुनवाई से पहले कई सवालों के जवाब मांगे हैं। इनका जवाब मिलने के बाद ही जनसुनवाई में हिस्सा लेने की बात कही है।
दूसरी तरह नोएडा एयरपोर्ट के लिए अधिग्रहीत पहले चरण की 1335 हेक्टेयर जमीन को घेरने के लिए 18 किमी लंबी दीवार बनाने का काम जारी है। जिला प्रशासन को उम्मीद है किसान जल्द शुरू होने वाली जनसुनवाई में हिस्सा लेंगे।
किसानों की चार गुना मुआवजा सहित कई मांग
नोएडा एयरपोर्ट के दूसरे चरण के लिए 1365 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण होना है। गौतमबुद्ध यूनिवर्सिटी ने इसके लिए सोशल इम्पैक्ट एसेसमेंट रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंप दी है। जिला प्रशासन की तरफ से जनसुनवाई शुरू होने से किसानों ने विरोध का बिगुल बजा दिया है। किसानों ने मेरठ के आयुक्त, डीएम, अपर जिलाधिकारी को खत लिखकर कई मांग की हैं।
किसानों ने खत में लिखा है पहले चरण में विस्थापित ग्रामीणों को हो रही समस्याओं की पुनरावृत्ति न हो व ग्रामीण क्षेत्र के अनुसार चार गुना मुआवजे की मांग की है। ग्रामीणों ने रोजगार को भी प्रमुख मुद्दा बना लिया है। किसानों का कहना है कि शासन के 25 अगस्त 2020 के जारी पत्र के अनुसार दूसरे चरण से प्रभावित क्षेत्र ग्रामीण आबादी है।
‘चार गुना मुआवजा’
इस हिसाब से उन्हें चार गुना मुआवजा मिलना चाहिए। इसके अलावा एक अप्रैल से मुआवजे पर 12 फीसदी वार्षिक ब्याज की भी मांग है। रोजगार की व्यवस्था व मुआवजा राशि से अन्य स्थानों पर जमीन खरीदने पर स्टांप शुल्क में छूट की मांग भी ग्रामीणों ने की है।
पहले चरण की जमीन पर बन रही 18 किमी लंबी दीवार
पहले चरण में अधिग्रहीत जमीन पर 18 किमी लंबी दीवार का काम चल रहा है। दीवार के बाहर तार फेंसिंग भी कराई जाएगी। गौरतलब है कि एयरपोर्ट के पहले चरण के लिए रोही, रन्हेरा, पारोही, किशोरपुर, बनवारीवास व दयानतपुर गांव की 1335 हेक्टेयर का अधिग्रहण किया गया है।
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