सुनील कुमार, आगरा
सरकार की नीतियों में आए बदलाव के चलते जूता कारोबार को बड़ा झटका लगा है। टर्न ओवर क्लॉज के चलते वर्ष 2017 से आगरा के जूता कारोबारियों को कोई भी सरकारी टेंडर नहीं मिला है। आलम यह है कि करीब 35 से अधिक फैक्ट्रियां बंद हो चुकी हैं। सरकारी मानदंड में हुए बदलाव को निरस्त करवाने के लिए बूट मैन्युफैक्चर्स ने सरकार से गुहार लगाई है। आगरा बूट मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन के सचिव अनिल महाजन का कहना है कि सरकार के जेम पोर्टल (गर्वनमेंट ई मार्केटप्लेस) पर वहीं कंपनियां टेंडर में हिस्सा ले सकती हैं। जिनका टर्न ओवर पांच से 10 करोड़ का है।
ताजनगरी जूता कारोबार के लिए खासा प्रसिद्ध है। यहां मुगलकाल से जूता उद्योग संचालित है। सरकारी नीतियों में आए बदलाव ने जूता कारोबार की कमर तोड़ दी है। आगरा बूट मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील गुप्ता का कहना है कि आगरा में जूता कारोबार 250 करोड़ तक था, लेकिन वह सिमट कर 20 करोड़ पर आ गया है। सरकार द्वारा लगाए गए मानदंड के कारण फैक्ट्रियां सरकारी टेंडर में हिस्सा नहीं ले पा रहीं, जबकि दिल्ली की मुख्य तीन बिचौली फर्म सरकारी मानदंड (अधिक टर्न ओवर) पूरे कर फैक्ट्रियों और छोटे कारीगरों से कम कीमत में घटिया प्रोडक्ट खरीद कर 75 प्रतिशत अधिक दाम में सरकार को उपलब्ध करा चूना लगा रहीं हैं। आगरा की लगभग 45 में से 35 फैक्ट्रियों पर ताले लटक गए हैं।
बेरोजगार हो गए चार हजार जूता कारीगर
जूता उद्यमियों का कहना है कि चार वर्ष पूर्व तक जीडेएसएनडी (डायरेक्टर जनरल सप्लाईज एंड डिस्पोजल) से टेंडर निकलते थे। एयर फोर्स, नेवी, डीजीओएस के कुछ टेंडर मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस से निकलते थे। जिसमें दो से 25 करोड़ तक टर्न ओवर वाली छोटी बड़ी सभी फैक्ट्रियां भाग लेती थीं। कुछ ट्रेडिंग कम्पनियों ने विभागों से मिलकर अधिक टर्न ओवर और मशीनों से सम्बंधित कंडीशन लगा दी। पिछले चार वर्षों से आगरा की फैक्ट्रियों को टेंडर नहीं मिला है। दो से तीन करोड़ के टर्न ओवर वाली छोटी फैक्ट्रियां बंद हो चुकी हैं। जिसके चलते करीब चार हजार जूता कारीगर बेरोजगार हो चुके हैं। आगरा से साथ कानपुर की भी लगभग 22 फैक्ट्रियों में से 18 पर ताले लटक गए हैं।
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मुख्यमंत्री से लगाई है गुहार
आगरा में अंतिम सांसे गिन रहा जूता उद्योग को पंख देने के लिए जूता उद्यमियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की है। मुख्यमंत्री ने विभागों की जानकारी मांगी है। साथ ही उद्यमियों को राहत देने के लिए आश्वासन दिया है। कारोबारियों का कहना है कि अगर यही हालात रहा तो जूता उद्योग आगरा से समाप्त हो जाएगा।
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