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सतत् जीवन के लिए विज्ञान के नवाचारों पर चर्चा

छत्तीसगढ़ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद रायपुर द्वारा भारत सरकार के राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, द्वारा प्रायोजित 29वीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस-2021 के अंतर्गत ”सतत् जीवन हेतु विज्ञान” विषय पर आज बेबीनार के माध्यम से एकदिवसीय राज्य स्तरीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें 28 जिलों के 95 जिला समन्वयकों एवं स्रोत शिक्षकों ने भाग लिया। कार्यशाला में विशेषज्ञों द्वारा इस बात पर विस्तार से चर्चा की गई की नवाचार, पारंपरिक ज्ञान प्रणाली व बेहतर प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर जीवन को कैसे सरल बनाया जा सकता है।
कार्यशाला की अघ्यक्षता कर रहे छत्तीसगढ़ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद रायपुर के प्रभारी महानिदेशक डॉ. बी.के.राय ने अपने संबोधन में जिला समन्वयकों एवं स्रोत शिक्षकों से स्थानीय समस्याओं की पहचान कर उसके निराकरण के लिए नवाचार परियोजनाओं के निर्माण के लिए मार्गदर्शन प्रदान करने का आग्रह किया जो भविष्य में समाज के लिए लाभदायक हो। कार्यक्रम में राज्य समन्वयक वैज्ञानिक डॉ. श्रीमती जे.के.राय ने राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस की रूपरेखा पर विस्तार से प्रकाश डाला। कार्यशाला में डॉ. के.के. साहू, डॉ. वी. के. कानूनगों, डॉ. एस.के. जाधव, डॉ. दिपेन्द्र सिंह, डॉ. संजय तिवारी, डॉ. जे. के. प्रेमी ने तकनीकी सत्र में मुख्य विषय एवं चिन्हित विभिन्न उपविषयों पर सतत् जीवन हेतु पारितंत्र उपयुक्त प्रौद्योगिकी, सामाजिक नवाचार, अभिकल्पना, विकास, मॉडलिंग एवं योजना तथा पारंपरिक ज्ञान प्रणाली पर विस्तार से प्रेजेन्टेशन प्रस्तुत किया। इसके माध्यम से उन्होंने बताया कि बच्चों से स्थानीय समस्याओं के आधार पर किस प्रकार से परियोजनाएं बनाई जा सकती है। इसके साथ ही उन्होंनें अच्छे परियोजना के प्रस्तुतिकरण की पद्धति तथा मूल्यांकन प्रक्रिया के बारे में भी विस्तार से बताया।