अखिल भारतीय अखड़ा परिषद के महंत नरेंद्र गिरि की मौत के बाद षोडशी भंडारे की तैयारियां शुरू हो गई हैं। पांच अक्तूबर षोडशी भंडारा होगा। इसके लिए निरंजनी अखाड़े की ओर से भव्य इंतजाम किए जा रहे हैं। संत परंपरा में तेरही की तरह ही षोडशी की रस्म होती है। अंतिम रस्म से जुड़े इस आयोजन में देश भर से संतों के अलावा कई राजनीतिक हस्तियों के भी आने की उम्मीद है। महंत की षोडशी पर उत्तराधिकारी के पट्टाभिषेक पर अभी अनिश्चय की स्थिति बनी हुई है।
बाघंबरी गद्दी मठ में महंत नरेंद्र गिरि का षोडशी भंडारा पांच अक्तूबर को होगा। षोडशी भंडारे के इंतजामों के लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं। इसमें कई राजनेता, मंत्री, महामंडलेश्वर, पीठाधीश्वर और बड़े संत शामिल हो सकते हैं। षोडशी में स्थानीय मठों, मंदिरों के महंतों के अलावा अखाड़ों के सचिव, कारोबारी व अन्य पदाधिकारी भी हिस्सा लेंगे। षोडशी भंडारे के मौके पर ही महंतई चादर की रस्म भी होनी थी, लेकिन महंत की मौत की सीबीआई जांच शुरू होने की वजह से इसमें रोड़ अटक गया है।
फिलहाल निरंजनी अखाड़े के पदाधिकारियों ने सीबीआई जांच पूरी होने तक उत्तराधिकारी के चयन का फैसला स्थगित कर दिया है, लेकिन कहा जा रहा है कि अंदरखाने उत्तराधिकारी बनाकर अगली रस्म कराने की भी जद्दोजहद जारी है। इस संबंध में निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत ओंकार गिरि का स्पष्ट कहना है कि अभी संत समाज इस घटना को लेकर मर्माहत है। ऐसे में सीबीआई जांच होने तक महंतई चादर का प्रश्न ही नहीं उठता। ऐसे में पांच अक्तूबर को महंतई चादर की रस्म को लेकर ऊहापोह बरकरार है। महंतई चादर यानी पट्टाभिषेक में अखाड़े के महामंडलेश्वर, महंत और उप महंत मिलकर चादर ओढ़ाते हैं।
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