नारीवादी कार्यकर्ता, लेखिका और भारत में महिला अधिकार आंदोलन की कद्दावर नेता कमला भसीन का शनिवार सुबह निधन हो गया।
उनके निधन की खबर आज से पहले कार्यकर्ता कविता श्रीवास्तव ने ट्विटर पर साझा की। उन्होंने ट्वीट किया, “हमारी प्रिय मित्र कमला भसीन का आज 25 सितंबर को तड़के करीब 3 बजे निधन हो गया। यह भारत और दक्षिण एशियाई क्षेत्र में महिला आंदोलन के लिए एक बड़ा झटका है।” “उसने जीवन का जश्न मनाया जो भी प्रतिकूलता थी। कमला आप हमेशा हमारे दिलों में जिंदा रहेंगी। सिस्टरहुड में, जो गहरे दुख में है।”
हमारी प्रिय मित्र कमला भसीन का आज 25 सितंबर को लगभग 3 बजे निधन हो गया। यह भारत और दक्षिण एशियाई क्षेत्र में महिला आंदोलन के लिए एक बड़ा झटका है। विपरीत परिस्थितियों में उन्होंने जीवन का जश्न मनाया। कमला आप हमेशा हमारे दिलों में जिंदा रहेंगी। सिस्टरहुड में, जो गहरे दुख में है pic.twitter.com/aQA6QidVEl
– कविता श्रीवास्तव (@kavisriv) 25 सितंबर, 2021
1970 के दशक से, भसीन भारत के साथ-साथ अन्य दक्षिण एशियाई देशों में महिला आंदोलन में एक प्रमुख आवाज रही हैं। 2002 में, उन्होंने नारीवादी नेटवर्क ‘संगत’ की स्थापना की, जो ग्रामीण और आदिवासी समुदायों की वंचित महिलाओं के साथ काम करती है, जो अक्सर नाटकों, गीतों और कला जैसे गैर-साहित्यिक साधनों का उपयोग करती हैं।
भसीन ने लिंग सिद्धांत, नारीवाद और पितृसत्ता को समझने पर कई किताबें लिखी हैं, जिनमें से कई का 30 से अधिक भाषाओं में अनुवाद किया गया है।
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