सुलतानपुर
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर-फैजाबाद स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह शुक्रवार को सुलतानपुर पहुंचे। यहां डाक बंगले में मीडिया से वार्ता करते हुए वह अफसरों को लेकर खासा नाराज दिखे। उन्होंने कहा कि अफसरों की मानसिकता उनके प्रशिक्षण की वजह से ऐसी है कि वो समझते हैं हम शासक हैं बाकी लोग हमारी प्रजा हैं। यह भावना अफसरों की लोकतंत्र की मूल भावना के खिलाफ है।
‘शिक्षा मित्रों को बनाया जाना चाहिए शिक्षक’
सिंह ने आगे कहा कि मुझे अवसर मिले तो मैं 24 घंटे के भीतर शिक्षा मित्रों को शिक्षक बना दूं। दो घंटे के भीतर तद्स्थ शिक्षकों को विनिमित कर दूं। अखिलेश यादव पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा एक नेता का दिल बड़ा होना चाहिए निर्णय लेने की क्षमता होनी चाहिए। अगर उनको ये काम करने की इच्छा थी तो जिस वक्त वो मुख्यमंत्री थे उन्हें कर देना चाहिए था। अब उन पर जनता भरोसा कैसे करे।
उन्होंने कहा, ‘मैं ये मानता हूं सभी शिक्षा मित्रों को शिक्षक बनाया जाना चाहिए, सभी तद्स्थ शिक्षकों को विनियमित किया जाना चाहिए। ये बड़ा विजन है और दृढ़ संकल्प चाहिए। ये राजनीतिक निर्णय है अफसरशाहों के भरोसे नही छोड़ा जाना चाहिए। नौकरशाह नकारात्मक प्रवृति के हैं उनको नकारात्मकता छोड़नी चाहिए। उनको सकारात्मक सोच पैदा करनी चाहिए। वो हमारे शासक नहीं हैं वो जनता की सेवा के लिए नौकरी में आए हैं। उनको छूट देंगे तो उल्टे-सीधे फैसले करते रहेंगे। नौकरशाह किसी के होते नहीं हैं। किसी व्यक्ति को भ्रम हो जाए कि नौकरशाह उनका है ये वास्तविकता से परे है, ऐसे लोग धोखा खाते हैं। नौकरशाही राजनीतिक नेतृत्व के आदेश को क्रियान्वित करने के लिए बनाई गई है उसको उसी दायरे में रहकर काम करना चाहिए।’
‘मरा हुआ है विपक्ष’
भाजपा एमएलसी यहीं नहीं रुके, उन्होंने विपक्ष को लेकर कहा विपक्ष तो मरा हुआ है, मैं विपक्ष में होता तो उत्तर प्रदेश की जेल को भर देता। जेल में तबतक रहता जब तक जनता का मन बदल नही जाता। विपक्ष लड़ना नही चाहता विपक्ष तो सुविधा भोगी हो गया है। एक मजबूत विपक्ष भी लोकतंत्र के लिए आवश्यक है। जनसरोकारों के मुद्दों पर विपक्ष के नेता लड़े जमीन पर संघर्ष करें। उन्होंने कहा कि डॉ. लोहिया बहुत पहले कह गए थे जब सड़कें सूनी होंगी तब संसद और विधानसभाएं आवारा हो जाएंगी।
वहीं सिंह ने छुट्टा जानवरों को लेकर कहा यह गंभीर समस्या है और बड़े पैमाने पर दुर्घटनाओं का कारण है। फोर लेन से लेकर जमुना एक्सप्रेस वे पर दिल्ली की सीमा तक सांड खड़े रहते हैं। यह काम जिलाधिकारी का है कि उन जानवरों को पशु आश्रय स्थल पर रखें। उन्होंने किसानों का मजाक उड़ाया, कहा छुट्टा जानवर तो फोर लेन पर हैं वो तो धान के खेत की तरफ जा ही नही रहे हैं।
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