वाराणसी में परिषदीय, प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में अध्ययनरत बच्चों के लिए संचालित मध्याह्न भोजन योजना में खानापूर्ति जारी है। आलम यह है कि अधिकतर विद्यालयों में बच्चों की थाली से दाल, रोटी और दूध गायब है। उधर, महकमे की ओर से ध्यान नहीं देने पर एमडीएम तैयार कराने वाली सामाजिक संस्था की मनमानी नहीं थम रही है।
सिर्फ तहरी परोसी, दूध डकार गए
परिषदीय विद्यालयों में मिड-डे मील योजना के तहत स्वयंसेवी संगठन को पका भोजन विद्यालय तक पहुंचाने की जिम्मेदारी दी गई है। प्रत्येक दिन के लिए अलग-अलग मेन्यू तय किया गया है। हर बुधवार को तहरी व 200 एमएल दूध देने का प्रावधान है। बुधवार को कई विद्यालयों में तहरी तो पहुंची, लेकिन दूध बच्चों तक नही पहुंचा। महकमा के गैरजिम्मेदाराना रवैए से दूध कौन डकार गया, इसका पता नहीं चल सका।
भोजन से आ रही थी बदबू
मध्याह्न भोजन में रोज गड़बड़ियां मिल रही हैं। बात सिर्फ एक दिन की नहीं है, शनिवार को विद्यालय में रोटी की जगह बच्चों को दाल के साथ नान परोसा गया था। जिसमें बदबू आने के कारण बच्चों ने उसे खाने से मना कर दिया था। वहीं, मंगलवार को मेन्यू के हिसाब से दाल और चावल देना है, लेकिन प्राथमिक विद्यालय मदरवां व अन्य स्कूलाें में सिर्फ चावल भेजा गया। दाल दो से ढाई घंटे बाद भेजी गई।
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