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बालू माफियाओं से साठ-गांठ के मामले में बांदा एएसपी सस्पेंड, डीएम भी हटाए गए

अनिल सिंह, बांदा
उत्तर प्रदेश के बांदा में बालू माफियाओं से साठ-गांठ कर बालू से भरे ट्रकों को जिले की सीमा से पास कराने में अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) महेंद्र प्रताप सिंह चौहान को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। साथ ही उन्हें लखनऊ मुख्यालय से अटैच किया गया। उनके स्थान पर लक्ष्मी निवास मिश्रा को नया एएसपी बनाया गया है। साथ ही जिले के डीएम आनंद कुमार सिंह को भी हटा दिया गया है।

बालू खनन पर बरसात में रहती है रोक
जिले में स्थित केन नदी यूपी और पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश से होकर गुजरती है। दोनों क्षेत्रों में बालू खनन के पट्टे होते हैं। बरसात में बालू खनन पर रोक लगा दी जाती है। इसके बाद भी पुलिस से साठ-गांठ कर बालू माफिया चोरी से बालू का अवैध खनन करते हैं। बालू भरे ट्रकों को खनिज विभाग और पुलिस की मिलीभगत से जिले की सीमा से पास करा दिए जाते हैं। अपर पुलिस अधीक्षक महेंद्र प्रताप सिंह चौहान बालू माफियाओं से मिलकर बालू भरे ट्रकों को जिले से पास कराने में अहम भूमिका अदा कर रहे थे।

बताया जा रहा है कि मुख्यालय स्थल से एक मोबाइल नंबर का इस्तेमाल किया जाता था, जो एसपी सिंह के नाम का बताया गया है। इस मोबाइल फोन के जरिए ट्रकों को पास कराया जाता था। शिकायत मिलने पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ उ.प्र. ने एएसपी और बालू माफियाओं के बीच साठ-गांठ की जांच कराई। जांच में एसपी सिंह की ओर से मध्य प्रदेश में खनन की जाने वाली मौरंग को उत्तर प्रदेश की सीमा में अवैध तरीके से प्रवेश कराना पाया गया।

जांच में यह भी पाया गया कि उत्तर प्रदेश की सीमा में बांदा के थाना गिरवा और नरैनी में प्रवेश करवाने वाला एसपी सिंह मास्टर माइंड है। जिले से भी गाड़ियां पास करवाने के संबंध में एसपी सिंह का मोबाइल बातचीत में कई बार अपर पुलिस अधीक्षक से मिलने का उल्लेख है। जांच के बाद अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी के आदेश पर महेंद्र प्रताप चौहान को तत्काल निलंबित कर दिया गया है। आदेश में कहा गया कि एएसपी ने माफियाओं के विरुद्ध कार्रवाई नहीं की। यह उनकी घोर लापरवाही है।

पूर्व में चेतावनी दी गई थी
आदेश में यह भी कहा गया कि उनकी इसी तरह की शिकायत पहले भी मिली थी। इस पर अपर पुलिस महानिदेशक प्रयागराज एवं पुलिस महानिरीक्षक चित्रकूट धाम परीक्षेत्र बांदा ने इनकी व्यक्तिगत पत्रावली पर एक कठोर चेतावनी दी थी, लेकिन इसके बाद भी उनके आचरण में सुधार नहीं मिला। जिसके कारण उनके खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई है। निलंबन के बाद एएसपी को लखनऊ से अटैच किया गया है।

विधायक के भतीजे सहित कई को फर्जी मुकदमे में फंसाया
बालू खनन के ही मामले में लुकतरा गांव में स्थित बालू खदान के संचालकों की झूठी शिकायत पर तिंदवारी विधायक बृजेश प्रजापति के भतीजे राजू प्रजापति और पूर्व छात्र संघ उपाध्यक्ष सहित आधा दर्जन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। आईजी स्तर से जांच में मामला फर्जी पाया गया था।

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बताते हैं कि बालू भरे ट्रकों को खेतों से निकालने का विरोध करने वाले किसानों को बालू माफियाओं के इशारे पर फर्जी मुकदमे में फंसाया गया था। इस मामले की शिकायत शासन को की गई थी। इसी तरह थाना मटौंध क्षेत्र में भी कुछ लोगों को फर्जी मुकदमे में फंसाया गया था। बालू खनन के मामले में जहां अपर पुलिस अधीक्षक पर निलंबन की गाज गिरी है। वहीं, जिलाधिकारी आनंद कुमार सिंह भी अपने कार्यकाल में जनता को संतुष्ट नहीं कर पाए, जिससे उन्हें भी जिले से स्थानांतरित कर दिया गया है।